प्रणाम सद्गुरू;
जब मन व शारीरिक शक्ति एक हो जाए तो निश्चित ही व्यक्ति सफलता को प्राप्त करता है । लेकिन कहते हैं हमारे पास एक और शक्ति का स्रोत है जो जितना उपयोग होता है उतनी सामर्थ्य बढ़ती जाती है व्यक्ति थका महसूस नही करता है। ऊर्जा का स्रोत उसके लिए खुल जाता है । उस स्रोत को कैसे खोले उसे कैसे पाया जाए किस विधि से हम उसे हासिल कर सकते है । ये हमारे लिए विचारणीय है।
save tree🌲save earth🌏&save life❤