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जनरल बुक्स की किताबें

दैनिंदनी  सखी (मई) 2022

अब क्या लिखूं सखी तुम्हारे विषय मे। तुम्हारी हमारी मुलाकात तो जगजाहिर है। लेकिन फिर भी गर्मी के मौसम मे हमारे विचारों मे गर्मी ना आये बस यही चाहते है।

74 पाठक
15 अध्याय
28 मई 2022
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दैनन्दिनी  : दुनियादारी की बातें

दैनिक डायरी लिखने के लिए आज से पहले कभी सोचा न था। कारण मैं समझती हूँ कि अपने आस-पास या किसी विषय भी पर लिखने से अधिक अपनी दिनचर्या के बारे में लिखना कठिन है। लेकिन शब्द.इन मंच की बात ही कुछ और हैं, जहाँ आकर मैं देखती हूँ कि यहाँ जिस तरह से नवोदित

17 पाठक
20 अध्याय
28 फरवरी 2022
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दूर-पास की बातें (दैनन्दिनी मई, 2022)

इस डायरी में मैं लेकर आयी हूँ कुछ दूर-पास की बातें। ये दूर-पास की बातें क्या हैं? इसके लिए डायरी पढ़ना न भूलें।

18 पाठक
16 अध्याय
31 मई 2022
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कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो ।

कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो । विरह वेदना क्या होती है सह के दो तो देखो । प्रेम में मिलना सभी के लिए मुमकिन है, बिछड़ कर जीना क्या है कभी प्रेम करके तो देखो। प्रेम में वादे सभी करते हैं हमेशा, खामोशी में भी वियोग कितना है देखो। खत

1 पाठक
1 अध्याय
14 जनवरी 2022
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काव्यांक्षी (दैनन्दिनी प्रतियोगिता मई)

मन की बात अपनी सखी दैनन्दिनी के साथ

88 पाठक
15 अध्याय
31 मई 2022
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 आरती और स्तुतियों  का  संकलन

भारत का सर्वप्रमुख धर्म हिन्दू धर्म है, 'सनातन धर्म' भी कहा जाता है। हिन्दू धर्म किसी व्यक्ति विशेष द्वारा स्थापित धर्म नहीं है, बल्कि यह प्राचीन काल से चले आ रहे विभिन्न धर्मों, मतमतांतरों, आस्थाओं एवं विश्वासों का समुच्चय है। प्रमुख देवता शिव, विष्

7 पाठक
78 अध्याय
12 मई 2022
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सृष्टि (नाटक)

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक अदन की वा

1 पाठक
1 अध्याय
23 जुलाई 2022
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 व्रत कथाओं का संकलन

यह संसार, यह शरीर, सुख-दुख सब परिवर्तनशील हैं। इस कारण मानव को व्रत और वेदांत दोनों की आवश्यकता होती है और होती रहेगी। व्रत और वेदांत हर परिस्थिति में मानव का संबल बनते हैं। आपने पढ़ा कि-वर्ष में २४ एकादशी व्रत होता है और २४ प्रदोष व्रत होता है। जिनम

2 पाठक
52 अध्याय
12 मई 2022
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संग्राम (नाटक)

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। अमरकथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में किसा

5 पाठक
37 अध्याय
23 जुलाई 2022
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वो मासूम ही तो थी

एक भावनात्मक कहानी

6 पाठक
1 अध्याय
22 मई 2022
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दैनदिंनी मई

मैं अपनी डायरी में इतिहास के कुछ पन्नों को उकेरने की कोशिश कर रही हूं मैं इसमें कितना सफल हुई हूं यह निर्णय शब्द इन के पाठक गण ही करेंगे।

4 पाठक
18 अध्याय
27 मई 2022
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मन स्पंदन

मन में लगे भावनात्मक तारों को स्पंदन करवाने हेतु भावनात्मक मुद्दों से जुड़ी कविताएं एव कहानियां

2 पाठक
5 अध्याय
28 मार्च 2022
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 कर्बला (नाटक)

अमर कथा शिल्पी मुंशी प्रेमचंद द्वारा इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मोहम्मद के नवासे हुसैन की शहादत का सजीव एवं रोमांच विवरण का एक ऐतिहासिक नाटक है | इस मार्मिक नाटक में यह दिखाया गया है कि उस काल के मुसलिम शासकों ने किस प्रकार मानवता प्रेमी व असहायों

11 पाठक
44 अध्याय
23 जुलाई 2022
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वैदेही वनवास

यह उनकी विशेषता है कि उन्होंने कृष्ण-राधा, राम-सीता से संबंधित विषयों के साथ-साथ आधुनिक समस्याओं को भी लिया है और उन पर नवीन ढंग से अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। प्राचीन और आधुनिक भावों के मिश्रण से उनके काव्य में एक अद्भुत चमत्कार उत्पन्न हो गया है।

1 पाठक
79 अध्याय
15 जून 2022
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सोहनलाल द्विवेदी की प्रसिद्ध रचनाएँ

सोहन लाल द्विवेदी (22 फरवरी 1906 - 1 मार्च 1988) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। ऊर्जा और चेतना से भरपूर रचनाओं के इस रचयिता को राष्ट्रकवि की उपाधि से अलंकृत किया गया। महात्मा गांधी के दर्शन से प्रभावित, द्विवेदी जी ने बालोपयोगी रचनाएँ भी लिखीं। 1969 में

4 पाठक
72 अध्याय
16 अगस्त 2022
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जॉन आफ आर्क (निबंध )

अपने राष्ट्र फ्रांस की मुक्ति के लिए अपने जीवन की आहुति देने वाली फ्रांस की देवी ”जोन ऑफ आर्क” का नाम विश्व की उन अदम्य साहसी, देशभक्त महिलाओं में बड़े आदर के साथ लिया जाता रहेगा, जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए कठोर, असहनीय यातनाएं सहते-सहते अपना

4 पाठक
1 अध्याय
23 जुलाई 2022
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संत  रविदास जी की पदावली

जिस प्रकार चंदन की सुगंध पानी के बूँद-बूँद में समा जाती है उसी प्रकार प्रभु की भक्ति भक्त के अंग-अंग में समा जाती है। यदि प्रभु बादल है तो भक्त मोर के समान है जो बादल को देखते ही नाचने लगता है। यदि प्रभु चाँद है तो भक्त उस चकोर पक्षी की तरह है जो बिन

0 पाठक
122 अध्याय
12 अगस्त 2022
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भारतदुर्दशा

भारत दुर्दशा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा सन 1875 ई में रचित एक हिन्दी नाटक है। इसमें भारतेन्दु ने प्रतीकों के माध्यम से भारत की तत्कालीन स्थिति का चित्रण किया है। वे भारतवासियों से भारत की दुर्दशा पर रोने और फिर इस दुर्दशा का अन्त करने का प्रयास करन

2 पाठक
6 अध्याय
7 मई 2022
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शहीद-ए-आज़म  (निबंध)

मुंशी प्रेमचंद भारत के उपन्यास सम्राट माने जाते हैं | जिनके युग का विस्तार सन 1800 से 1936 तक है यह कालखंड भारत के इतिहास में बहुत महत्व का है इस युग में भारत का स्वतंत्रता संग्राम नई मंजिलों से गुजरा प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था |

14 पाठक
1 अध्याय
2 सितम्बर 2022
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मन मंथन (दैनंदिनी) जुलाई

मन मंथन (दैनंदिनी) जुलाई पुस्तक मेरे रोज की दिनचर्या में घटित घटनाओं को लिखने का प्रयास है।

6 पाठक
15 अध्याय
29 जुलाई 2022
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