मुझे जरूरत नही किसी भी उम्मीद की किसीऔर से,मेरी खुद की तैयारी चल रही है बहुत जोर-शोर से,मुझे मेरी मंजिल ने बांध रखा है एक डोर से,मंजिल पाने की उम्मीद में आँखें खुली हुई है मेरी भोर से।।बहुत भूख है इन
यह हमारा सौभाग्य है कि हमारा जन्म मानव रूप में हुआ और और भारत देश की देवभूमि में हुआ। इस देवभूमि भारत की पवित्र धरती पर श्रीकृष्ण भगवान ने अपने श्रीमुख से लगभग 5100 वर्ष पूर्व चौथी बार भगवद्गीता का दि
आइए जाने सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज के बारे में----तेजाजी महाराज का जन्म खरनाल नागौर के नागवंशीय धोल्या जाट परिवार में 29 जनवरी 1074 को हुआ था। इनके माता पिता का नाम राजकुंवरी व तहाड जी धोलिया थे। इनक
केरल की मानव निर्मित गुफाएंकेरल के कासरगोड के रहने वाले 67 वर्षीय कुंजंबु जिन्होंने 14 साल की उम्र में सुरंग खोदना शुरू किया था।पिछले 50 वर्षों से अधिक समय के दौरान 1000 से अधिक सुरंगे बना चुके हैं। ज
मेरी प्यारी डायरी, दिल्ली कितनी ही बार उजड़ी कितनी ही बार बसायी गई। कई बार इसकी खूबसूरती को रोने की कोशिश हुई यह हर बार पहले से ज्यादा खूबस
हर चीज पर हक तो जताना है यही दो लाइनों में बताना है क्या तेरा है क्या मेरा है हे भगवान इन लड़कियों का बस यही फसाना है घुटनों में अक्ल इनके पड़ी है देख दूसरी खूबसूरत लड़की को जल पड़ी है कुछ कहो तो
खर्राटों से मुक्ति पायेंकई लोगों को खर्राटे की समस्या रहती है।यह समस्या स्ट्रेस, गलत डाइट प्लान, नशा और हॉर्मोनल में बदलाव आदि के कारण होती है।खर्राटों से न सिर्फ खुद खर्राटे लेने वाला बल्कि उसके आसपा
खिले हैं फूल उपवन में,सुखद ऋतुराज आया है। बजी है रागिनी मन में,नया उन्माद छाया है। घिरी चहुँओर हरियाली,छटा अद्भुत निराली है। विहँसती है सुखद सुषमा,लदी फूलों से डाली है। खड़ी है खेत में सरसों,घुला सौर
स्वतन्त्रता के सबसे बड़े सिपाही,भारत मां के सच्चे सपूत।युवाओं के प्रेरणास्त्रोत,अंग्रेजों को किया नेस्तनाबूत।।नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को 🇮🇳उनके जन्मदिवस पर शत-शत नमन🙏🙏आजाद हिंद फौज की स्थापना कर द
रचूंगा इतिहास तुम इतना क्यो बेचैन हो रहे हो रचूंगा इतिहास तुम इतना क्यो बेचैन हो रहे होजिस दिन रचूंगा इतिहास उस दिन तुम मुझे सलाम करोगे।
थॉमस अल्वा एडिसनमहान् आविष्कारक थॉमस ऐल्वा एडिसन का जन्म ओहायो राज्य के मिलैन नगर में 11 फ़रवरी 1847 ई. को हुआ। बचपन से ही एडिसन ने कुशाग्रता, जिज्ञासु वृत्ति और अध्यवसाय का परिचय दिया। छह व
जे॰ के॰ रोलिंगजे. के. रोलिंग का असली नाम जोआन मुर्रय है, जिसका इस्तेमाल वे निजी जीवन में करती हैं। उनका जन्म 31 जुलाई 1965 को इंग्लैण्ड के येट, ग्लोसेस्टरशायर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता पीटर जेम्
हार में भी जीत है गरयदि प्रयास भरपूर हैं,कि बे-सहारे को भी तब,तिनके का सहारा खूब है,तू ढूंढता है क्यों किनारा,जब जीवन ही मझधार है,तू अकेला है कहाँ सेये हुनर जो तेरे साथ है,छांव है कुछ दबी-दबी सीबेशक़ भ
क्या मंज़िल पाओगें तुम ये सवाल अच्छा है,मुक़ाम पाने का मेहनत सेख़्याल अच्छा है,लाखों के महलों रहते हो तुमपर बैचैन से दिखते हो,मगर मैं चैन से सोता हूँ मैं,तेरे महलो से तोमेरा मकान अच्छा है।हिंदी
बेशक़ फिर से गिरा लो मुझको,चलो तुम थोड़ा और सतालो मुझको,मगर मानो मैं बेफिक्र सा रहता हूँ अब,तुम चाहो तो फिर से आजमा लो मुझको।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन।
जंग,जिद्द,जुनून सब सीने में धड़कते है यहां,बेहतर होगा कि मुझे तुम इन पर न ज्ञान दो,आमने-सामने की लड़ाई, तुम रहने दो भाई,मैं मोहब्बत का बंदा हूँअच्छा होगा कि,तुम मुझे मोहब्बत से मार दो।गगन शर्मा...✍️हिंद
क्योंकि त्योंहार का मतलब खुशियों से है...दीवाली,ईद,क्रिसमस या होली ये कुछ धार्मिक त्योहार है जो अलग - अलग धर्म के लोगों द्वारा मनाये जाते है,मगर क्या गलत है अगर दीवाली की मिठाई किसी क्रिश्चियन के घर प
ग़मो के शहर में रहा मैं ढूंढता खुशी,ख़ुशी को थी ख़बर कि मैं ग़मो में हूँ।गगन शर्मा...✍️हिंदी लेखन।