झूलती मौत से क्या डरना है यारा।
जीवन मृत्यु तो है इस जिंदगी का शाश्वत सत्य यारा।
मौत से डरोगे तो जिंदगी कैसे जिओगे यारा।
जो जीवन मिला है सत्कर्म में इसे बिताओ यारा।
मृत्यु का तुम खोफ खाओ यारा।
जीवन मृत्यु आना जाना इस संसार का है का सच है यारा।
क्यों नहीं अपनी जिंदगी मौज मस्ती और अच्छे काम में बिताओ यारा।
जो मिला है मनुष्य जीवन उसको तुम मनभर जिओ
आने दो मौत उसका इंतजार ना करो।
उसको आना होगा तो वह भी आ जाएगी।
नश्वर शरीर नष्ट हो जाएगा मगर तुम्हारा नाम तुम्हारी आत्मा यही तुम्हारे काम के साथ रह जाएगी।
अच्छे काम करोगे तो अच्छे नाम के साथ और बुरे काम करें तो बुरे नाम के साथ यारा। इसीलिए झूलती मौत से क्या घबराना है यारा।
स्वरचित कविता 17 सितंबर 21