मेरा यह संदेश खाली अपने देश के लिए ही नहीं ,समस्त संसार के उन लोगों के लिए है जो जरा जरा सी बात पर आपस में कभी धर्म के नाम पर कभी जमीन के नाम पर लड़ झगड़ रहे हैं ।
अरे रहने के लिए कितना चाहिए।
शांति से रहो प्रेम से रहो ,
आपस में भाईचारे से रहो।
विश्व में शांति रहे और देश में शांति रहे।
और आपस में सब का प्रेम बना रहे।
इस कोरोना ने बहुत कुछ सिखाया है।
अब तो सीखो और आपस में प्रेम करो।
प्रेम से रहो लोगों की मदद करो ,और अपने आप की मदद करो।
दो दिन की है जिंदगानी।
कल किसने देखा है।
इस महामारी में तो,
सब आज में जीले।
इसने यह किया, उसने वह किया,
उसकी जगह विश्व शांति
और प्रेम का पाठ पढ़ाएं।
और प्रेम और शांति फैलाये।
आतंकवाद दुश्मनी बेईमानी गुंडागर्दी भाईगिरी मिटाकर
सुख शांति लेकर आए।
और विश्व में प्रेम और शांति फैलाये
स्वरचित 1 मई 21