यह जिंदगी है ऊपर वाले ईश्वर की दी हूई।
जाने कब उसका बुलावा आ जाए।
कब हमको यह जिंदगी छोड़ कर जाना पड़े।
इसीलिए जब तक है जिंदगी अच्छे कर्म करो।
अच्छे से सुख शांति भाईचारे से रहो। जिंदगी का एक-एक पल को जिओ।
जीवन को अच्छा जिओ
कि हमें कभी पछताना ना पड़े।
लोग हमको याद करे हमारी अच्छाई के लिए ना कि हमारी बुराई के लिए ।
जियो तो ऐसे जियो कि जिंदगी पुरस्कार लगे।
ना कि ऐसे की जिंदगी एक बोझ समान लगे।
ना कि हम जिंदगी को उपर वाले के कभी भी बुलावे के कारण डर में जिए।
जब तक है जिंदगी बहुत शान से जिए।
स्वरचित कविता 25 सितंबर 21