सोचा हम भी थोड़े कल्पना के घोड़े दौड़ा लेते हैं।
कहीं कुछ नई कल्पना मिल जाए तो आपको बता देतेहैं। अभी तो हम एलियन को ढूंढने में लगे हुए हैं।
जब हमको एलियन मिल जाएगा तब हम आपको बताएंगे।
कौन से ग्रह का है वह प्राणी, कैसा दिखता कैसा रहता,
यह सब हम आपको फोटो लेकर बताएंगे ।
तब तक हम कल्पना ही कर लेतेहैं।
जैसे पिक्चर में दिखता एलियन वैसा ही मान लेते हैं।
वैसी ही उड़नतश्तरी उसका घर मान लेते हैं।
है एक काल्पनिक प्राणी यह हम मान लेते हैं।
जिसका शायद कोई अस्तित्व ही नहीं है।
मगर तो भी गपशप में पिक्चर में प्रतिलिपि के विषय में लिखने के विषय में भी आ ही जाता है। एलियन महाराज आप कहां हो जल्दी आ जाओ,
हम आपको ढूंढ रहे हैं।
जो हमको मिल गए तो हम आपसे मिलने वाले पहले इंसान बन जाएंगे।
नहीं तो कोरी परिकल्पना से ही काम चला लेंगे। स्वरचित कविता