क्यों चीन, पाकिस्तान तुम जिया जलाते हो।
क्यों नहीं विश्व शांति का संदेश तुम फैलाते हो ।
तुम भारत की प्रगति देखकर इतना जल जाते हो कि अपना जिया जलाते हो।
अपने गिरेबान में झांक कर देख लो, अपने देश में क्या चल रहा है।
क्यों नहीं पहले उसको ठीक करो महिलाओं पर अत्याचार बंद करो बराबरी का हक दो उनको ।
मगर तुम तो अपने घर को जलता हुआ देख कर के भी दूसरों के घर को जलाने की कोशिश करते हो ।
और वह नहीं जलता तो अपना जिया जलाते हो।
जब तक तुम बात आतंक वाद को दोगे बढ़ावा।
खुद भी उसी में जल जाओगे ।
भारत का तुम कुछ बिगाड़ ना पाओगे। क्योंकि भारत है सिंहों की भूमि।
जब भी इसने हुंकार भरी तो तुम सब लोग डर गए।
अभी ना माने तो तहस-नहस हो जाओगे।
इसीलिए दुश्मन लोगों अपने जिया को ना जलाओ।
विश्व शांति की जोत जला लो। आतंकवाद को ना बढ़ावा देवो।
अपने गिरेबान में झांक कर देखो।
और उस को सुधारो
तो तुम्हारा भी कुछ भला हो जाएगा। और पड़ोसी भारत देश को देखकर तुम्हारा जिया नहीं जल जाएगा। कहती है विमला जियो और जीने दो का सिद्धांत तुम अपनाओ।
खुद भी जियो और दूसरों को भी शांति से जीने दो।
तभी तुम्हारे जिया की जलती आग बुझेगी।
नहीं तो वह तुमको पूरा ही जलाकर भस्म कर देगी।
स्वरचित पंक्तियां 11 अक्टूबर 21