कृष्णा तुम्हारी बँसी, सबको लगे पुकारे, जिसने भी इसे सुना है, कहे नाम है हमारे । @नील पदम्
कृष्णा मुझे बता दे जाकर कहाँ छिपा है, घंटे हैं चार बीते मैया को न दिखा है, मैया को सब पता है तेरी शैतानियाँ बहुत हैं, नादान बचपने की कहानियाँ बहुत हैं । @नील पदम्
कृष्ण छवि को निहारता मैं, बांके बिहारी धाम रे, कौन बताएगा मुझे अब, क्या है हमारा नाम रे । अस्तित्व सम्मिलित हो गया, प्रभुजी के ही नाम में, कैसे कहूँ कृष्णा अलग, और है अलग मेरा नाम रे ॥
हमारी प्राचीन कहानियों का सौंदर्य यह है कि वे कभी भी विशेष स्थान या विशेष समय पर नहीं बनाई गई हैं। रामायण या महाभारत प्राचीन काल में घटी घटनाएं मात्र नहीं हैं। ये हमारे जीवन में रोज घटती हैं। इन कहानि
दोहे हर व्यक्ति सुखमय हर व्यक्ति सम्पन्न हो। हर प्राणी विस्मय हर प्राणी प्रसन्न हो।। अवतारो में भी क्या कहना। राम अंश तो कृष्ण पूर्ण बहना।। जन्म होता अन्धकार में मिलता कारागृह । इस राज क
दिव्य आलोकिक प्रकाश पुंज चतुर्भुज विष्णु में साकार हुआ कारावास में वासुदेव देवकी ने ये परम सत्य स्वीकार किया |1| सुनो देवकी पूर्वजन्म का मै वरदान तुम्हारा आया हु मुझको पुत्र स्वीकार करो म
एक समय की बात है, जब भूमि पर अधर्म और अन्याय का राज्य था। मनुष्यों को दुःख और पीड़ा से भरा जीवन जीना पड़ रहा था। उनकी प्रार्थनाओं को सुनकर, देवताओं ने सोचा कि अब इस दुःख से मुक्ति पाने का समय आ गया है
श्री कृष्ण जन्माष्टमी बजते शंखनाद, हरे कृष्ण के आगमन के साथ, जन्माष्टमी की रात, है खुशियों का साथ। गोपियाँ हेरते हैं कान्हा के प्यारे रूप को, माखन की दही में छुपा खेलते श्याम साथ।
हर इंसान को कुछ न कुछ तो विरासत में मिलता है,मुझे भी कुछ चीजे विरासत में मिली है ,कुछ क्या बहुत कुछ मिला है,बहुत सारा प्यार मिला तो उस से भी ज्यादा दर्द मिला,शिक्षा मिली,आदर मिला, संस्कार मिला, अपनी म
चंद्रायन - 3 को सफलतापूर्वक चांद पर भेजने के बाद खुद को खुद की पहचान देने निकला है भारत.. भारत इंडिया नहीं भारत है। आप कहेंगे अरे ये क्या बोल रहे हैं भाई साहब? कोई पानी पिलाओ इन्हें। पर मैं कहूंग
मुद्दा एक रुका नहीं , दूजा आ जाता भारत में।वन इलेक्शन वन नेशन कल था, आज इंडिया वर्सेज भारत में।।मैं आदमी इस देश का हूं, मुद्दे पर मुद्दे देख रहा ।भारत महान मेरा जग में, असली मुद्दे से भटक रहा।। क
वासुदेव देवकी के पुत्रनंद बाबा यशोदा के सुतदाहू भैया के तुम अनुजद्वापर युग के तुम मनुज।पूतना, बकासुर, अघासुरतृणावत, वत्सासुर चक्रासुरखेलकर इनको मार गिरायाअपनी शक्ति से परिचय कराया। माँ यशोदा को
परिचय: कृष्ण जन्माष्टमी, एक श्रद्धेय हिंदू त्योहार, भगवान विष्णु के दिव्य अवतार, भगवान कृष्ण की जयंती का प्रतीक है। अत्यधिक भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार 6 सितंबर, 2023
पूर्वानुमान:आधिकारिक जी20 सम्मेलन निमंत्रणों पर 'भारत के राष्ट्रपति' के उपयोग ने भारत में एक महत्वपूर्ण वाद उत्पन्न किया है। इस परिवर्तन ने देश के बाहरी मामलों को छूने वाले राजनीतिक चर्चाओं को जलादिया
मोहिनी मूरत ,सूरत श्याम,श्याम की,मोर मुकुट,सुंदर शीश पर सजाए हैं।वसुदेव नंदन,नंद बाबा के दुलारे श्याम,श्याम अवतार ले,पालने में आए हैं।करने कंस का संहार,हरने सकल,भूमि भार,सुनकर आर्त पुकार,गिरि शीश पर उ
मिलता है सच्चा सुख केवल कृष्ण तुम्हारे चरणों में, यह विनती है पलपल छिन छिनरहे ध्यान तुम्हारे चरणों में, मिलता है सच्चा सुख केवल कृष्ण तुम्हारे चरणों में,चाहे संकट ने आ घेरा हो
भगवान कृष्ण और मोरपंख आज और कल समूचा देश भगवान श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव मनाएगा | भगवान कृष्ण की बात करते हैं तो उनके बालों में लगा मोरपंख का मुकुट अनायास ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है और