मैं जीवन के वास्तविक अनुभवों को, कलम रुपी लेखिनी के द्वारा शब्दों के मोतियों को अनुभव रुपी धागे में पिरोकर एक निर्मल माल्यार्पण पाठकों को करना चाहता हूं । सर्वप्रथम पाठकों को सम्मान प्रदान करते हुए , मैं उन्हें जीवन की वास्तविकताओं व गूढ़ रहस्यों से
लफ्जों की लहरें मन के आंगन में आकर ठहरे लफ़्ज़ों के मोती एहसासों के धागे में पिरोकर कविताओं में सजाए जज्बातों के सागर में लफ्जों की मचलती इन लहरों को एहसासों के किनारे मिल जाए कविताओं के सहारे कुछ यूं सजाए जीवन के हर पहलू को अपने अंदाज में
❣️❣️ प्रेम डगर ❣️❣️ ख्वाबों का एक अनजाना नगर आसान कहां है, मुश्किल बड़ा ये सफर कभी इन राहों में कलियां खिल जाए कभी बेवफाई की ठोकर मिल जाए कभी खूबसूरत से मोड़ है आते तो कभी दर्द की राह में मुड़ जाते रुसवाई के भी है फसाने चाहत के कुछ अफसाने कभी जुदाई औ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' की प्रेम से सराबोर समकालीन 62 हिन्दी ग़ज़लें एक बार जरूर पढ़े । झलकियां- पुस्तक से कुछ शेर - यूं ही देखते रहो प्यार हो जायेगा। नज़रों ही नज़रों में खेल हो जायेगा।। *** जब हंसी होंठो पे आई होगी। अदा वो दिल में समाई होगी।।
मैं इस पुस्तक की लेखिका रश्मि गुप्ता, उम्र के हर स्वाद का रसपान कर चुकी हूँ और कहीं भी इसे मैंने नीरस नहीं पाया है। हर चीज यहां अपना एक विशेष स्थान रखती है। चाहे फूल ही या कांटा, दोनों की बराबर अहमियत है । लीक से हटकर अंधेरे, समस्या
यहा रोज इक नई कविता डालूगा। यही प्रयास है। दस होने पर यह पूर्ण होगी। जय श्रीकृष्ण।
जज़्बात को कागज पर उकेरा है। अंधेरी रात के बाद आया नया सवेरा है।। काव्य भारती कविताओं का संग्रह है, जिनमें जीवन के अलग-अलग पहलुओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है। कई मुद्दे जैसे गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, कोरोना
ये जीवन कितना अजीब होता है हर किसी के नसीब अलग अलग रंग में खिलता है जीवन की परतों में तलाशते है जिस रंग को एक वही रंग नहीं मिलता कभी कभी कोई नया रंग मिल जाता है किसी के जीवन को रंगीन तो किसी के जीवन का दाग़ बन जाता किसी को खूबसूरत लम्हों की दे जाता स
मेरी स्वरचित कविताओं का संग्रह
इस किताब में मैंने जिंदगी में मिलने वाली रिश्तों की खूबसूरती को अल्फाजों में पिरोकर कविता का रूप दिया है। हम अपने जीवन में कई रिश्तों को जीते हैं। सभी का अहसास अलग अलग होता है। कुछ रिश्तें प्रेम के ,कुछ दोस्ती के और कुछ रिश्तें परिवार से मिलते हैं।
इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर कविताएँ लिखीं हैं। कुछ प्रेरक प्रसंग है। कुछ शिक्षाप्रद कविताएँ हैं। * * * * काव्य के अंकुर को, शब्दों से सींचना है। कलम की धार से, किस्मत की लकीर खींचना है। होना है कामयाब, लेखन के
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता" अपनी दो पुस्तकों के प्रकाशन, "निर्मल काब्य मधु-रस" व "निर्मल काब्य चेतना-अमृतांजलि" के पश्चात एक नवीन रचना"निर्मल काब्य अर्चित-पुष्पांजलि" का शुभारंभ मां शारदे के चरणों में, अपने शब्द रुपी पुष्पों की, पुष्पांजलि मां शार
जीवन एक मधुर संगीत की तरह है। जिसमें कभी खुशी है तो कभी गम गम और खुशी के मेल से जो बनता है वो ही है जीवन नैतिक मूल्य को बताती यह पुस्तक आपको एक खुशी देगी आशीष जैन
मैं नवीन लेखक "निर्मल गुप्ता",अपने ह्रदय की भावनाओं को शब्द रुपी मोतियों में पिरोकर,अनूठी मालाओं का सृजन कर पाठकों को भेंट करना चाहता हूं । यह पुस्तक एक काब्य- संग्रह है , जिसमें जीवन के गहन अनुभवों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत कर पाठकों के समक्
कविताओं का केंद्रीय भाव अक्सर प्रेम ही रहा है। कवियों के लिए भी प्रेम एक शाश्वत विषय रहा है। ऐसे में प्रेमी से बिछड़न या फिर प्रेम में मिली पीड़ा को काव्य बनाने में कवि अपनी सार्थकता समझता है। कवि मृत्युंजय राय के इस कविता-संग्रह ‘वेदना के मौन स्वर’
इस पुस्तक में मैंने अपने अनुभवों के आधार पर कुछ कविताओं एवं शेर ओ शायरियो के माध्यम से प्यार पैसा और परिवार के बिच का समबन्ध बताने का प्रयाश किया हे ! आज के युवाओ को समझना होगा की प्यार पैसा और परिवार तीनो ही जीवन के अभिन्न अंग हे परन्तु इन तीनो में
मेरे प्यारे पापा🙏🏻😊❤️
"मनुसाई" यह 19वां काव्य संग्रह है। मानव का जन्म लेकर अगर मानवता नहीं है...तो मानव जीवन व्यर्थ है। किसी भी व्यक्ति या वस्तु की पहचान उसके गुणों से होती है..उसी तरह मनुष्यता मनुष्य होने की पहचान है। सुख, समृद्धि एवं शांति से परिपूर्ण जीवन के लिए सच्चरि
नारी जीवन दर्पण सूना क्यों नारी मन शदियों से रीत रिवाज़ के दायरों में जीवन जीती है नारी वक्त बदला सोच बदली नारी जीवन अब भी कायदे है जारी अब भी कहीं बाल विवाह से बचपन मुरझाता कहीं अबला समझ अपना ज़ोर आजमाता कोई विधवा जीवन जीने को मजबूर कोई घरेलू हिंस
कविताएँ निराश मन में आशाओं के दीप प्रज्वलित करती है। सार्थक कविताएँ हमें जीवन की राह बतलाती है, साथ ही मन में ग्रसित "हताशा" के भार को हटाती है। तब हम सकारात्मक होकर सोचते है। जीने के लिए उद्धत होते है और फिर से नव उर्जा से संचारित होकर पथ पर आगे बढन