मन में अनायास ही उपजे दोहे
ये मेरी कविताओं का संग्रह है जिसमें मैंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाया है।
"कुंवारी रात"शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली यह मेरी नौंवी कविता संग्रह है,जिसकी पृष्ठभूमि 10जनवरी 2024को एक अस्पताल में तैयार हुई और 21फरवरी 2024को पूर्ण हुई।आज ही मेरी कविता संग्रह "बस! इतना सा" पूरी हुई है। कुंवारी रात की पहली कविता ही सार है इस कव
अहसास शब्दों में खुद ब खुद जुड़ जातें हैं , उठते बैठते जिसे देखा ,जिसे समझा वही लिखा गया, न्याय यात्रा मौसम और शहर के बारे लिखने में आनन्द की अनुभूति होती है । हिंदी पहाड़ी अंग्रेजी के साथ कुछ फ़िल्म समीक्षाएं लिखने की कोशिश की है । :हेमांशु मिश्रा
ये किताब समूह है ज़िंदगी के अलग-अलग भावों का या यों कहें कि अनुभवों की ऐसी दुनिया जहां हर शब्द जीया गया है,सहा गया है,निभाया गया है। ये हूबहू वैसा ही है जैसा घटा जिसमें कुछ जोड़ा नहीं गया और टूटी चीजों के टुकड़ों को संजोकर पिरोए गए एहसास हैं जो खुद
सुशांत के याद में कुछ पंक्तियां ...
मै तन्हा चलता रहा उसकी तलाश में है वक्त गुजर रहा , उसके इंतजार में ये तस्वीर भेजी है, उसने लिफाफे मे मै तन्हा चलता रहा उसकी तलाश में शौक इतना है बस, मेरे कान्हा। हार भी हो तो भी तुझे साथ पाऊं जीत भी हो तो भी तुझे साथ पाऊं शौक इतना है बस, मेरे कान
पद्यात्मक, कविता के माध्यम से अनमोल काव्य लेखन संग्रह
मेरी किताब मेरे मन के विचारों पर केंद्रित है न इसमें अनावश्यक चीजों का समावेश है न किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों की रचना मेरी किताब समाज को प्रेरित करने महिलाओं में जाग्रति पैदा करने और वृद्ध लोगों का सम्मान करने के साथ साथ समाज की कुरी
Hilal Badayuni is the youngest Indian Poet who has received such high honours and admiration throughout the world for his anchoring in Mushaira & kavisammelan. He is a Founder / President of Artists Welfare association. vedio albums JO MERA
इस पुस्तक में हमारे जीवन में दिन-प्रतिदिन होने वाले परिवर्तन और मेरे दैनिक जीवन की जीवंत घटनाओं को चित्रित करने की कोशिश कर रहा हूं।
रोजमर्रा की शब्दांजली। आपके रूबरू। मौलिक रचनाकार, संदीपशर्मा।।
सपना में तुम! ************ © ओंकार नाथ त्रिपाठी "सपना में तुम" 'शब्द इन'पर आन लाइन प्रकाशित होने वाली मेरी बारहवीं पुस्तक कविता संग्रह के रुप में है।अब तक आनलाइन प्रकाशित होने
=🌺जिंदगी🌺= जीने का सहारा दिखाती है ।जिंदगी जीने का ढंग से सिखाती है ।....... चलने का रास्ता दिखाती है ।....... दिलों में प्रेम रस बरसाती है ।....... आगामी कल को दिखाती है। जिंदगी
शब्द और अपने अपने भावार्थ शब्दपुष्प पिरोकर बनाए हैं पुष्पों के हार, चाहे कांच के टुकड़े समझें या हीरों के हार... इस किताब में ईश्वर भक्ति, देश भक्ति, ईमानदारी जज्बात और उसूल, मोहब्बत, दायित्व, प्रेम, स्नेह, राजनीति, परोपकार, ज्ञान, धर्म इंसानिय
और वो हो तुम ************* ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर "और वो हो तुम" 'शब्द इन' पर प्रकाशित होने वाली मेरी चौदहवीं पुस्तक है।यह मेरी