खुदा बेरहम हो नहीं सकता!
क़ायनात का दम घुट नहीं सकता!!
फक़त औजार हैं हम तेरे,
बेगुनाह पर वार हो नहीं सकता!!!
डॉ. कवि कुमार निर्मल
29 नवम्बर 2019
खुदा बेरहम हो नहीं सकता!
क़ायनात का दम घुट नहीं सकता!!
फक़त औजार हैं हम तेरे,
बेगुनाह पर वार हो नहीं सकता!!!
डॉ. कवि कुमार निर्मल
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कवि निर्मल जी, आप जो भी कह रहे हैं कि हो नहीं सकता, वही सब हो रहा है और खूब हो रहा है. खुदा बेरहम है क्योंकि उसके पैगम्बर ने ऐसे निर्देश दिए हैं और खुदा देख रहा ही की उन निर्देशों का काफी हद तक पालन हो रहा है. बेगुनाह पर वार भी खूब हो रहा है-हो सकता है कि बेगुनाह की परिभाषा खुदा और हमारी में बहुत ज्यादा फर्क हो. वीरेंद्र
29 नवम्बर 2019