shabd-logo

माँ का प्यार

13 अक्टूबर 2022

21 बार देखा गया 21
कभी गुस्सा तो कभी प्यार दिखलाती है,
कभी डांट तो कभी दुलार बस यही तो है,
मां का प्यार सीने मै दर्द कितने हो,
कभी बता नहीं पाती सहन कर लेती,
हर मुश्किल पर परिवार पर आंच नहीं आने देती,
पेट ख़ाली भी हो तो चहरे पर हंसी बरकरार रखती है,
पास कुछ नहीं हो फिर भी बच्चो को राजकुमार-राजकुमारी रखती है,
मां के उस संघर्ष को समझे उनको प्यार से सम्मान दे,
ना की आश्रम की शरण लेनी पड़े...
7
रचनाएँ
माँ की ममता
0.0
कहानी हर घर की, माँ तो माँ होती है
1

परिवार+रविवार

13 अक्टूबर 2022
2
0
0

रविवार... ?रविवार के सुखद पलों का आनन्द ले रहे हैं न।कैसा मौसम है आपके शहर- गाँव का।बरसात के क्या समाचार हैं।यहाँ केकड़ी में तो आज धूप खिली हुई है।गर्मी तो लग रही है लेकिन खिली हुई धूप अच्छी लग रही है

2

माँ

13 अक्टूबर 2022
3
2
0

घर पहुँचते ही बेशक माँ से ......कुछ काम ना हो लेकिन.....हमारा पहला सवाल यही .....होता है माँ किधर है और......माँ के दिखाई देते ही.....दिल को सुकून मिल जाता है.....

3

माँ की दुआ

13 अक्टूबर 2022
3
2
0

माँ की दुआ...बहारों के मौसम में भी दिल में पतझड़ है,किसी ने हमें दुआएं दी तो कहीं सिर्फ तोहमतें मिली,झोली मेरी खाली थी,जिसने जो प्यार से दिया उसको हमने सर झुका के लिया,जिंदगी का सफ़र अब तो बहुत काट लि

4

माँ का प्यार

13 अक्टूबर 2022
1
0
0

कभी गुस्सा तो कभी प्यार दिखलाती है,कभी डांट तो कभी दुलार बस यही तो है,मां का प्यार सीने मै दर्द कितने हो,कभी बता नहीं पाती सहन कर लेती,हर मुश्किल पर परिवार पर आंच नहीं आने देती,पेट ख़ाली भी हो तो चहरे

5

माँ

14 मई 2023
1
0
0

माँ : जिसके बिना हमारा अस्तित्व नहींमाँ एक मिश्री घुला शब्द है जिसकी व्याख्या नहीं हो सकती । वह एक ऐसी शख्सियत है जो हर कीमत पर संतान का साथ देती है। स्नेह और देखभाल का इससे बड़ा दूसरा उदाहरण देखने मे

6

माँ की ममता

15 मई 2023
1
0
0

माँशाम के साढे़ छह..... पौने सात बजे का समय रहा होगा। एक अनीश नाम का लड़का, दुकान पर आता है, गांव का रहने वाला था, वह चतुर व चालाक था।उसका बातें करने का तरीका गांव वालों की तरह का था, परन्तु बहुत ठहरा

7

माँ का आँचल

5 फरवरी 2024
1
0
0

माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को भेजती थी। उसके बच्चे

---

किताब पढ़िए