काम करते समय आपको जब भी निराशा, बोझ या घबराहट लगा करे, उस समय अपने आत्म-विश्वास को जगाने का प्रयत्न किया कीजिये। आध्यात्मिक चिन्तन किया कीजिये। आप यह सोचा करिये कि आप भी दूसरों की तरह एक बलवान् आत्मा हैं, आपके पास शक्तियों का अभाव नहीं है। अभी तक उनका प्रयोग नहीं किया है इसीलिये भय, संकोच या लज्जा आती है। पर अब आपने जान लिया है कि आपकी भी सामर्थ्य कम नहीं है। आप निर्धन परिवार के सदस्य नहीं, वरन् परमात्मा के वंश में उसकी उत्कृष्ट शक्तियाँ लेकर अवतरित हुए हैं फिर आपको घबराहट किस लिये होनी चाहिये?
जब भी कभी आपको कोई मानसिक भय, उलझन या निराशा उत्पन्न हो, आप कुछ देर के लिये एकान्त में चले जाया कीजिये। कल्पना में शुभ और पौरुष पूर्ण चित्र बनाया कीजिये। असफलता की बात मन से जितनी दूर भगा देंगे, उतनी ही आपके अन्दर रचनात्मक प्रवृत्तियाँ जागृत होंगी और आपका जीवन सुख-सुविधाओं से पूर्ण होता चलेगा।