हैरानी हुई है यह देख कर कि राष्ट्रपति पद के लिए चल रहे मतदान में नरेन्द्र मोदी जिस पेटी में मतदान कर रहे है उस पर ऊपर अंग्रेज़ी में तथा नीचे हिन्दी में लिखा है। क्या मोदी जी को जानकारी नहीं है कि राजभाषा नियमानुसार ऊपर हिन्दी तथा नीचे अंग्रेज़ी में लिखा जाना चाहिए। राजभाषा नियम के उलंघन के लिए जिन्
जीएसटी लागू होना ही है, तो डर किस बात का. आम आदमी का क्या है पहले दो रु पए की चाय पीता था, अब दस रु पए की. लेकिन, चाय पीना बंद तो नहीं करता. जीएसटी लागू होने के बाद चीजें तो बाजार में मिलेंगी ही. अब जो जिस भाव मिलेंगी, मिल ही जाएंगी, अब जीएसटी लागू होने के बाद खाना-पीना ब
जम्मू- कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है । जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग होता है जम्मू - कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है जबकी भारत के अन्य राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल 5वर्ष का होता है । जम्मू-कश्
कल पाँच राज्यों में चुनाव के नतीजे आ गए। दिन भर YouTube और Facebook पर ऑनलाइन नतीजे देखते रहे। ये चुनाव भी एक बार फिर डेमोक्रेसी की च्विंगम ही साबित हुए। रस तो कब ही का खत्म हो चुका है बस रबड़ है जब तक चबाते रहो। प्रधानमंत्री एक बार फिर सबसे शक्तिशाली साबित हुए। उनकी जीत के बाद तथाकथित liberals एक बा
सबको सम्मति दे भगवान यह सही है कि लफ्जों में इतनी ताकत होती है कि किसी पुरानी डायरी के पन्नों पर कुछ समय पहले चली हुई कलम आज कोई तूफान लाने की क्षमता रखती है लेकिन किसी डायरी के खाली पन्ने भी आँधियाँ ला सकते हैं ऐसा शायद पहली बार हो रहा है। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के 2017 के वो कैलेंडर और डायरी आ
  "खुद जिन्दगी के हुस्न का मैयार बेचकर, दुनिया रईस हो गई किरदार बेचकर. " अशोक 'साहिल' के ये शब्द और भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दूसरे के समपूरक नजर आते हैं. चर्चाओं में बने रहने को मोदी कुछ भी कर सकते हैं, कुछ भी कह सकते हैं यह तो उन
अनुशासन कि आड़ में कहीं शोषण तो नहीं भ्रष्टाचार जिसकी जड़ें इस देश को भीतर से खोखला कर रही हैं उससे यह देश कैसे लड़ेगा ? यह बात सही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काफी अरसे बाद इस देश के बच्चे बूढ़े जवान तक में एक उम्मीद जगाई है। इस देश का आम आदमी भ्रष्टाचार और सिस्
किसका दोष है यह पता नहीं यह दुर्भाग्य केवल उस नौजवान का है या पूरे देश का जिसके झोले में डिग्री , जेब में कलम लेकिन हाथ में झाड़ू और फावड़ा हो । कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश में चपरासी अथवा सफाई कर्मचारी के पद के लिए सरकार द्वारा आवेदन मांगें गए थे जिसमें आवश्यकता 368 पदों
"कुछ लोगों को मनसब गूंगा बहरा कर देते हैं, रोटी मंहगी करने वाले जहर को सस्ता कर देते हैं." गुलजार देहलवी की ये पंक्तियाँ हमें रूबरू करा रही हैं उन परिस्थितियों से जो हमारे मीडिया द्वारा बनाये गये, अच्छे दिनों की सोच लाये गये नई - नई जैकिट, कुर्ते व सूट से सजाये
जब बैंक के आगे बहुत लंबी लाइन लगी हो. .........और तभी किसी कारणों से आप की जगह (जहांआपघंटो)से खड़े थे , आपको ना मिले तो आपका भी यही हाल होगा ....#मोदीउवाच गर्रीब आराम से घर में सो रहा है कितना सही लगता है आपको .....
एक देश में दो राजा थे, एक अँधा और एक काना. उस देश में 40 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो अंधे थे, 40 प्रतिशत ऐसे थे जो काने थे, और 20 प्रतिशत लोगो की दोनो आँखे ठीक थी.अंधे लोग कानो से नफ़रत करते थे, काने अंधो से, और आँख वाले लोग अंधे और काने दोनो
नये भारत की नींव लोकमंथन "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी "! आगामी 12 ,13 ,14 नवंबर को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में लोकमंथन कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।जैसा कि इस आयोजन का नाम अपने विषय में स्वयं ही बता रहा है लोक के साथ मंथन ।किसी भी समाज की उन्नति में विच
2014 लोकसभा चुनाव में ही तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा का रहा कब्जा सूबे की सत्ता पर काबिज सपा सरकार में सांप्रदायिक दंगे बन सकते हैं रोड़ा इलाहाबाद। संगमनगरी में पिछले कई विधान सभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच लड़ाई देखने को मिली है। इन दोनों के अलावा अन्य दल सीट हासिल करने का ख्वाब ही देखते रहे ह
समाजवादी पार्टी के हाई प्रोफाइल ड्रामे के बीच 24 अक्टूबर को हुई पार्टी की महाबैठक में मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को सीख देते हुए कहा कि उन्हें पीएम मोदी से सीखना चाहिए, जो प्रधानमंत्री बनने के बाद भी अपनी माँ को नहीं भूले हैं. हालाँकि, सपा सुप्रीमो का सन्दर्भ यह था कि वह शिवपाल यादव, अमर सिंह क
भारत में होने वाले आतंकी हमलों को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ठोस कदम उठाया है. इस संबंध में जहां आतंकी हमलों से ग्रस्त विश्व के शक्तिशाली देश भारत सरका
एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो दिन रात सिर्फ और सिर्फ देश के लिए सोचता है, जीता है. जिसके पास अपना कुछ भी नहीं, जिसके परिवार के लोग आज भी साधारण सा जीवन जीते हैं....सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये....पेट्रोल 73 से 56 हो गया....डॉलर 70 से 60 हो गया.....सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी, जिससे टाइम पे जल्दी काम हो
आपने सोशल मीडिया पर मोदी भक्त शब्द तो कई बार सुना होगा लेकिन उनका असली भक्त कौन है ये शायद ही समझ में आया हो। लेकिन शाहजहांपुर के रहने वाले 12 साल के कार्तिक से मिलकर आप कह ही देंगे की यही है मोदी जी का असली भक्त। आठवीं में पढ़ने वाले इस मोदी भक्त कार्तिक ने अपने घर में पीएम मोदी की तस्वीर बनवा रखी ह
साहब, राहुल गांधी जी ने कभी कोई मुख्यमंत्री या किसी सरकारी पदवी का चुनाव नहीं लड़ा है। उन्हें इंदिरा गांधी व अत्यधिक अनुभवी कांग्रेसी नेताओं से तुलना करना वैसे ही है जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय के छात्र की किसी प्रकाण्ड पंडित से की जाए। जहां तक भाजपा का सवाल है, उसका
जय हिन्द, जय भारत , जय भारतीय पितृ! भारतीयों, हम सबने अपनी आंखों से देखा कि अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने दो गुटों में - क्रांतिकारी गुट व शांतिप्रिय गुट - स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। यदि किसी भी गुट का न
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण का करारा जवाब देते हुए अपनी बातों को पूरी रोचकता से रखा। आईये जानें, उनके 5 करारे जवाब... 1. कुछ लोगों को नई चीजें समझने में समय लगता है इसलिए वक्त पर समझ नहीं पाते और उसकी कमियां बताते हैं, बुराई निकालते है