हैरानी हुई है यह देख कर कि राष्ट्रपति पद के लिए चल रहे मतदान में नरेन्द्र मोदी जिस पेटी में मतदान कर रहे है उस पर ऊपर अंग्रेज़ी में तथा नीचे हिन्दी में लिखा है। क्या मोदी जी को जानकारी नहीं है कि राजभाषा नियमानुसार ऊपर हिन्दी तथा नीचे अंग्रेज़ी में लिखा जाना चाहिए। राजभाषा नियम के उलंघन के लिए जिन्होंने मतदान किया है वे सभी नियम उल्लंघन की अनुमोदना के दोषी है। सरकारी स्तर पर ऐसा कब तक सहन किया जायगा ? पूरे देश में उल्लंघन की इस जानकारी को पहुँचाया जाना चाहिये। जन-जन को जाग्रत करना भी एक क़दम है।
केन्द्र सरकार, जिसका तो दायित्व ही है राज भाषा हिन्दी को उचित सम्मान देना। आप स्वयं निर्णय कीजिये की क्या केन्द्र सरकार हिन्दी को उसको उतना स्थान और मान दे रही है जिसकी वह हकदार है। क्या आपको नहीं लगता कि सरकार द्वारा जितनी भी हिन्दी का प्रयोग सरकारी स्तर पर किया जाता है, यह उसके लिए फसी है और अधिकारी लोग फाह काटने का काम करते हैं।
देश के लोग सब देख रहे हैं। देश में राष्ट्रवादी सरकार है (यदि वास्तव में राष्ट्रवादी नहीं है तो कम से कम ऐसा भ्रम तो है)। हर राष्ट्र की अपनी भाषा भी होती है। जिस प्रकार राष्ट्रध्वज के बारे में नियम है और यदि उन की उलंघना की जाती है तो सम्बंधित व्यक्ति को सजा का प्रावधान है। राजभाषा के नियमों के उलंघन पर सजा का प्रावधान क्यों नहीं।