निमंत्रण
सारी खिड़कियाँ खोल दो
सारे दरवाजे खोल दो
प्रकाश किरणों को आने दो
मुक्त होकर प्रवेश करने दो।
स्वच्छ वायु को अंदर आने दो
घर के कोने-कोने में जाने दो
इस प्रकार दो निमंत्रण-
प्रकृति, प्रकाश और पवन को।
इंद्रिय-पटों को खोल दो
तन-मन के द्वार खोल दो
यथार्थ को अंदर आने दो
आत्मा से बातें करने दो।
प्रेम क्या है, समझने दो
शांति कहाँ है, जानने दो
इस प्रकार दो निमंत्रण
परमात्मा, प्रेम और पूर्ण शांति को।