shabd-logo

@ “आह्वान: अहम् से वयम् की ओर”

16 अक्टूबर 2015

249 बार देखा गया 249


आत्मकल्याण के लिए विश्वकल्याण आवश्यक है विश्वकल्याण के बिना आत्मकल्याण असंभव है जब मनुष्य केवल अपने लिए ही सभी 'भोगों की चाह रखता है, तो तनाव बढ़ता है, जिसकी विभीषिका आज विश्व भोग रहा है विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकताएं समान हैं। देश, क्षेत्र, जाति, भाषा धर्म की दीवारें खींचकर मनुष्य को मनुष्य से अलग नहीं किया जा सकता है आत्मा हमारा वास्तविक स्वरूप है उसको जानने के लिए हमें कहीं जाना है, ही हमें किसी साधन की आवश्कता है । इस संसार में जो कुछ है वह आत्मा ही है सारे ब्रह्माण्ड में एक ही ब्रह्म व्याप्त है सब कुछ उसी से उत्पन्न और उसी में विलीन हो जाता है जब एक ही ईश्वर जगत का निर्माता है तो विश्व के सभी मानव उसी की कृति हैं इसी आधार पर हम कहते आए हैं—“वसुधैव कुटुम्बकम्" वर्तमान समय में विवेकानन्द, दयानंद, महर्षि अरविंद इत्यादि दार्शनिकों ने मानव जीवन की विषमताओं का समाधान खोजा शांति एवं नीरवता की शक्ति अनंत है । मनुष्य जब अपनेमैं को जाति, देश, संप्रदाय आदि सीमाओं में बांधकर सोचता है तो स्वयं भी परेशान होता है तथा दूसरों को भी परेशान करता है

हमारे ऋषि-मुनियों ने हजारो वर्ष पहले देखा था कि सारा ब्रह्माण्ड, पृथ्वी, सूर्य, चंद्र, जल, वायु, जड़ चेतना सभी एक शाक्ति से ओत-प्रोत हैं, जड़-तत्व और कुछ नहीं, बल्कि चेतन का निश्चेतन रूप है सृष्टि की सारी प्रणाली, सारी योजना इसी चेतना का क्रमश: उद्घाटन है आइंस्टइन, हॉइजनबर्ग-- जैसे वैज्ञानिकों ने इस सत्य को माना है "ईशावास्यमिदं सर्वम्" इति

 ब्रह्मा विश्व का एकमात्र सत्य है मैं ब्रह्म हूँ, ब्रह्म सर्वत्र है अथर्ववेद में एक मंत्र है- मन से एक बनो, विचार से एक बनो मन से एक होना समाज की समरसता का सार है सनातनी, "मैं ब्रह्म हूं", “ब्रह्म सर्वत्र है”, "अहम् ब्रह्मास्मि" कहेंगें मुस्लिम "मसूर अनहलक” कहेंगें ईसाई "मैं और मेरे पिता एक हैं" कहेंगे बौद्ध धर्म काशून्य” ब्रह्मा ही है वास्तव में धर्म का मुख्य तत्व उसका बाह्चार नहीं, बल्कि वह अंश है जिससे मनुष्य ईश्वर का साक्षात्कार करता है भारतींय दर्शन, जीवन की व्याख्या करता है, जबकि पाश्चात्य दर्शन, तत्वों की "द्रव्य और शक्ति एक है", अब यह एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तथ्य है अत: समष्टि का कल्याण व्यक्ति के माध्यम से ही होगा 'अहम्' के दायरे से निकलना होगा विज्ञान के ट्टारा हमें बाहयजगत का और आध्यातम के द्वरा अंतर्जगत का ज्ञान पाप्त होता है किन्तु संभवत: विज्ञान अपने उत्कर्ष की चकाचौंध में यह भूल गया था कि मानव कार्य सिद्धि के लिए भले ही अनेक उपयुक्त साधनों की खोज करता रहा है लेकिन एक भी साधन स्वयं मनुष्य के समान नहीं है-"मानवतुल्यं नैकमपि साधनम्" मानव परम पुरूषार्थ है व्यास जी ने भी कहा है--- "नहि श्रेष्ठतरं किंचित मानुषात् " भारतीय अध्यात्म की विशिष्ट प्रतिभा को वैज्ञानिक दृष्टि के उजागर करना आवश्यक है भारतीय अध्यात्म की मुख्य विशेषता है कि 'मन' को मुक्त करें आइंस्टाइन के अनुसार … “विज्ञान के बिना अध्यात्म पगु है, तो अध्यात्म के बिना विज्ञान अंधा है विज्ञान और अध्यात्म की समन्वय साधना ही मानव-साधना का पर्याय होगी 'भारतीय दर्शन को एक अत्यंत विकसित वैज्ञानिक दर्शन कहा जा सकता है दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक अपने नूतन परीक्षणों से जो परिणाम प्राप्त कर रहै हैं उनमें" से अधिकांश हमारे ग्रंथों में समाहित हैं ।मैं (अहम्) की जगह 'हम' (वयम्) को लाना होगा इसी को 'सर्वान्मुक्ति’,'बोधिसत्व' या 'सामूहिक मुक्ति' की कल्पना कहते हैं।

निष्कर्ष यह है कि 'अहम्' के त्याग एवं 'वयम' की आर प्रयाण से ही परिवार, संगठन, समाज एवं विश्व कल्याण संभव है कि 'अहम' के पोषण से, फिर वह चाहे किसी भी रूप में कयों हो ।

                       -----x-----

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

सारगर्भित लेख हेतु धन्यवाद |

20 अक्टूबर 2015

आशा  “क्षमा”

आशा “क्षमा”

वर्तिका जी धन्यवाद !

17 अक्टूबर 2015

वर्तिका

वर्तिका

"आत्मकल्याण के लिए विश्वकल्याण आवश्यक है!" “वसुधैव कुटुम्बकम्" की भावना से सुसज्जित सार्थक लेख के लिए बधाई!

17 अक्टूबर 2015

51
रचनाएँ
amritaasha
0.0
हिंदी में लेख !
1

@ "आशा का पाठ"

13 अक्टूबर 2015
0
3
1

आशा का पाठ पढ़ाना तो सरल है,आशा जगाना ही कठिन है।आशा करना तो सरल है,आशा बनना ही कठिन है।अपना जानना तो सरल है,अपना बनाना ही कठिन है।जिसको अपना कहते हो,वह देन है तुमको ईश्वर की।तुमने कितनों को अपना बनाया,गिनती होगी उँगली-भर की।आशा करना.............................। अपना बनाने जिस दिन चलोगे,पराया न तुम्

2

@ “आह्वान: अहम् से वयम् की ओर”

16 अक्टूबर 2015
0
0
3

आत्मकल्याण के लिए विश्वकल्याण आवश्यक है । विश्वकल्याण के बिना आत्मकल्याण असंभव है । जब मनुष्य केवल अपने लिए ही सभी 'भोगों की चाह रखता है, तो तनाव बढ़ता है, जिसकी विभीषिका आज विश्व भोग रहा है । विश्व के प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक आवश्यकताएं समान हैं। देश, क्षेत्र, जाति, भाषा धर्म की दीवारें खींचकर मन

3

भाषा : संस्कृति की अभिव्यक्ति

7 नवम्बर 2015
0
3
2

भाषा : संस्कृति कीअभिव्यक्ति प्रकृतिजहाँकी कलाकारसंस्कृति स्वयं है वैज्ञानिक ।विश्व-गुरूकहलाता राष्ट्रसुपुत्रहुए हैं जहाँ दार्शनिक ।।महिमाइस भारत-भूमि कीगायीस्वयं परमेश्वर ने ही।जननीजन्म भूमिश्चस्वर्गादपि गरीयसी।। भारतीयसंस्कृति पूर्णत: वैज्ञानिक है।भारतीय परम्पराएं विज्ञान विरोधी नहीं, वरन्विज्ञान

4

गीता और विज्ञान

27 नवम्बर 2015
0
2
0

गीता औरविज्ञान गीता  के शब्द  आज  भी  हैं,  गूँजते गगन मेंकृष्ण की वाणी है  छिपी  ध्वनि-तरंग  में।हे विज्ञान !  तू ही बन जा, ईश का आविष्कारक,एकत्र कर,  वह  संचित  शब्द-कोष  पुनश्च।। ऊर्जा नष्ट न होती,  यह  है विज्ञान का सिद्धांतध्वनि-ऊर्जा  का  संभव  रूपांन्तरण  मात्र ।खोज लो कृष्ण के  शब्द,  उदगम क

5

जीवन

10 दिसम्बर 2015
0
1
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

6

मनुष्य

10 दिसम्बर 2015
0
4
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

7

"बचपन"

10 दिसम्बर 2015
0
2
2

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

8

समझ ऐ मानव-मन

14 दिसम्बर 2015
0
2
3

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

9

निमंत्रण

14 दिसम्बर 2015
0
7
3

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

10

कविता की सार्थकता

15 दिसम्बर 2015
0
6
4

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

11

"आओ स्वर्ग बनाएँ"

18 दिसम्बर 2015
0
5
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

12

"फकीर या फरिश्ता"

19 दिसम्बर 2015
0
3
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

13

हमारा कश्मीर !

26 दिसम्बर 2015
0
1
0

14

हमारा कश्मीर !

26 दिसम्बर 2015
0
1
1

15

हमारा कश्मीर !

26 दिसम्बर 2015
0
2
0

16

जब सिखाया तुमने मुझे .....

26 दिसम्बर 2015
0
4
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

17

"अपना परिचय"

27 दिसम्बर 2015
0
4
4

  <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowP

18

"जिंदगी"

27 दिसम्बर 2015
0
5
5

  <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowP

19

मेरा भारत महान.......

28 दिसम्बर 2015
0
0
0

बलात्कार की सजा - अमेरिका : - पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है। रूस :- 20 साल की कठोर सजा.चीन - No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड. पोलेंड - सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs इराक - पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last

20

आखिर कैसे लटके नभ में

28 दिसम्बर 2015
0
2
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

21

"प्रेम और विश्वास"

28 दिसम्बर 2015
0
2
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

22

प्रत्याशा

9 जनवरी 2016
0
1
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

23

हम एक हैं

26 जनवरी 2016
0
2
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

24

मानव – धर्म

26 जनवरी 2016
0
3
3

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

25

जानना

26 जनवरी 2016
0
3
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

26

आत्म साक्षात्कार

9 फरवरी 2016
0
2
2

आत्म साक्षात्कार स्वच्छ एवं निर्मलजलउसमें और कुछभी नहीं होताजब कोई इंसान उसमें और कुछ खोजता हैवह खोजता रहता हैउसकी मानसिकतायह मान ही नहीं पाती किआज केदूषित वातावरण में भीइतना स्वच्छ और निर्मल जलउसे दिखायी दे सकता हैजिसमें सिर्फ स्वच्छ्ता हैनिर्मलता हैऔर वह जल हैसिर्फ जल, और उसमें वह नहींजो वह खोज रह

27

आशाओं के पंख

9 फरवरी 2016
0
3
0

ये देश अब नई दिशा की ओर चल पड़ा है।तो समाज का जन-जन लिए आँखो में सपना खड़ा  है॥है नया कुछ भी नही, फिर भी नया सब लग रहा है।आशाओं के मार्ग में हमे अब नही कोई ठग रहा है॥मन ये विचलित उड़ने को बेचैन और बेताब है।चिङियों के पंखो में भी जोश लाजवाब है॥क्यों ना थाम हाथ उस चिङियाँ का हम भी उङ चलें।और ठान ले की ना

28

आशाओं के पंख

9 फरवरी 2016
0
4
1

ये देश अब नई दिशा की ओर चल पड़ा है।तो समाज का जन-जन लिए आँखो में सपना खड़ा  है॥है नया कुछ भी नही, फिर भी नया सब लग रहा है।आशाओं के मार्ग में हमे अब नही कोई ठग रहा है॥मन ये विचलित उड़ने को बेचैन और बेताब है।चिङियों के पंखो में भी जोश लाजवाब है॥क्यों ना थाम हाथ उस चिङियाँ का हम भी उङ चलें।और ठान ले की ना

29

आया वसंत आया वसंत

10 फरवरी 2016
1
3
0

आया वसंत आया वसंतछाई जग में शोभा अनंत।सरसों खेतों में उठी फूलबौरें आमों में उठीं झूलबेलों में फूले नये फूलपल में पतझड़ का हुआ अंतआया वसंत आया वसंत।लेकर सुगंध बह रहा पवनहरियाली छाई है बन बन,सुंदर लगता है घर आँगनहै आज मधुर सब दिग दिगंतआया वसंत आया वसंत।भौरे गाते हैं नया गान,कोकिला छेड़ती कुहू तानहैं स

30

अनेकता में एकता

16 मार्च 2016
0
3
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

31

जय हिंद जय हिंदी

26 मार्च 2016
0
2
1

जय हिंद, जय हिंदी अब हिंदी भाषा को अनिवार्य कर ही देना चाहिये प्रशासन के सारे कार्य हिंदी मे होने चाहिये.भारत का हर बच्चा- बच्चा, नर, नारी हर भारतीय यही कहता, यही सोचता, भाषा हिंदी होनी चाहिये[1] हिंद, हिंदी, हिंदुस्तान, भारत, भारतीय, भारती,हर देशभक्त की पुकार, भाषा हिंदी हिंदुस्तान कीस्वदेश मे हिंद

32

मेरा भारत महान.......

28 दिसम्बर 2015
0
0
0

बलात्कार की सजा - अमेरिका : - पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है। रूस :- 20 साल की कठोर सजा.चीन - No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड. पोलेंड - सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs इराक - पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last

33

मेरा भारत महान.......

28 दिसम्बर 2015
0
0
0

बलात्कार की सजा - अमेरिका : - पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है। रूस :- 20 साल की कठोर सजा.चीन - No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड. पोलेंड - सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs इराक - पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last

34

मेरा भारत महान.......

28 दिसम्बर 2015
0
0
0

बलात्कार की सजा - अमेरिका : - पीड़िता की उम्र और क्रूरता को देखकर उम्रकैद या 30 साल की सजा दी जाती है। रूस :- 20 साल की कठोर सजा.चीन - No Trial, मेडिकल जांच मे प्रमाणित होने के बाद मृत्यु दंड. पोलेंड - सुवरो से कटवा कर मौत Death thrown to Pigs इराक - पत्थरो से मार कर हत्या .Death by stone till last

35

कोरिया का यह कदम चिंताजनक हैं,,

2 अप्रैल 2016
0
4
4

आज सुबह जब अखबार का पहेला पन्ना देखा तो ऐसा लगा कि ईश्वर ने मनुष्य को बनाकर बहुत बड़ी भुल की हैं,,मनुष्य से अधिक तो पशु -पक्षी प्रेम की परिभाषा समझते हैं,माफ करना •--ऐसे शब्द बोलने उचित नहीं है लेकिन क्या करें मनुष्य की यह मनमानी लिखने पर मजबूर कर देती हैं,,एक रोटी के लिए दस कुत्

36

वैज्ञानिकों का दावा कि खोज लिया पाताललोक जहां पहुंचकर भगवान हनुमान ने श्रीराम-लक्ष्मण को अहिरावण के चंगुल से मुक्त कराया था

2 अप्रैल 2016
0
0
0

वैज्ञानिकों ने उस स्थान को खोज निकालने का दावा किया है जिसका वर्णन रामायणमें पाताललोक के रूप में है। हनुमानजी ने यहीं से भगवान राम व लक्ष्मण कोपातालपुरी के राजा अहिरावण के चंगुल से मुक्त कराया था। यह स्थान मध्य अमेरिकीमहाद्वीप में पूर्वोत्तर होंडुरास के जंगलों के नीचे दफन है। अमेरिकी वैज्ञानिकोंने ल

37

अवसर: डाक विभाग के साथ खोलिए कंपनी, कमाइए लाखों

2 अप्रैल 2016
0
1
0

यदि आप बेरोजगार हैं या बिना लागत आमदनी करके सफलता के शिखर पर पहुंचना चाहते हैं तो डाक विभाग आपकी मदद कर सकता है। डाक विभाग की कैश ऑन डिलीवरी सुविधा का लाभ उठाकर आप मोटी आमदनी कर सकते हैं। आपको करना बस इतना है कि ऑनलाइन अपने शहर की चुनिंदा दुकानों की खास-खास चीजों का प्रचार कीजिए, आर्डर मिल

38

अपनी सर्च हिस्ट्री को स्टोर होने से कैसे रोकें

20 अप्रैल 2016
0
3
3

ज्ञातव्य है कि इंटरनेट पर आप जोभी सर्च करते हैं, गूगल उसे नौ महीने तक स्टोर करके रखता है. अगर आप बिंग नाम के ब्राउज़र काइस्तेमाल करते हैं तो माइक्रोसॉफ्ट की पॉलिसी के अनुसार उसे 18 महीने तक सेव करके रखाजाता है. विकीपीडिया के मुताबिक़, हर दिन गूगल पर करीब 300 करोड़ से ज़्यादा सर्च किए जाते हैं. स्मार

39

प्रथम बूंद अर्ध्य की

20 अप्रैल 2016
0
5
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

40

मनुष्य

20 अप्रैल 2016
0
7
1

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

41

प्रेम और विश्वास

20 अप्रैल 2016
0
7
3

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:ValidateAgainstSchemas></w:ValidateAgainstSchemas> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXML

42

ई-ईश्वर

2 अगस्त 2017
0
0
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

43

गीता और विज्ञान

2 अगस्त 2017
0
0
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

44

ईश्वर की दृष्टि

2 अगस्त 2017
0
0
0

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

45

शून्य से अनंत तक

2 अगस्त 2017
0
0
2

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

46

मेरा गाँव, मेरा देश

17 अगस्त 2017
0
0
0

मेरा गाँव, मेरा देशएक दिन अचानकमिल गयेरामू काका शहर में,“ सब ठीक तो है गाँव में ” ?......पूछा मैने……… अचम्भे से जन्मजात शहर – विरोधी - रामू काकाकैसे टहलते शहर में ?“ क्या बतायें बेटा ”,कहने लगे दबी जुबान में....... बच्चों से न रहा जाता अब गाँव मेंनिरर्थक आकर्षण शहर का ही अर्थपूर्ण उनके लिये !अस्वस

47

जय हिंद, जय हिंदी

17 अगस्त 2017
0
0
0

जयहिंद,जयहिंदीअबहिंदीभाषामेंकार्यआरम्भकरनाचाहिये,प्रशासनकेसारेकार्यहिंदीमेहोनेचाहिये|भारतकाहरबच्चा-बच्चा,नर,नारीहरभारतीययहीकहता,यहीसोचता,भाषाहिंदीहोनीचाहिये|| [1]हिंद,हिंदी,हिंदुस्तान,भारत,भारतीय,भारती,हरदेशभक्तकीपुकार,भाषाहिंदीहिंदुस्तानकी|स्वदेशमेहिंदीभाषीकोक्योंअपमानसह

48

पहचानो स्वयं को

17 अगस्त 2017
0
0
0

पहचानोस्वयं कोमन चाहताहै समय को थाम लू मैं पर वह निकलताही चला जाता है। मन करता हैसमय-चक्रको थाम लूँ हर प्रयासविफल हो जाता है दिनरात, रातदिन गुजरते गये।सप्ताहमहीनों मे बदलते गये।कबदशक गये,बच्चेसे युवा हुए। कबभविष्य,भूतमें बदल गया,समय चक्रतो पूरा घूम गया।बस इस पर नकिसी का र

49

हिंदी - एक अंतरराष्ट्रीय भाषा

25 अगस्त 2017
0
4
4

<!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves/> <w:TrackFormatting/> <w:PunctuationKerning/> <w:ValidateAgainstSchemas/> <w:SaveIfXMLInvalid>false</w:SaveIfXMLInvalid> <w:IgnoreMixedContent>false</w:IgnoreMixedContent> <w:AlwaysShowPlaceh

50

रेखांकित

29 अगस्त 2017
0
2
0

मेरे सात वर्षीय बेटे ने पूछा -मम्मा, रेखांकित किसे कहते है ?मै जब तक बताती ,मेरी बेटी बोल पड़ी - रेखांकित मतलब "अन्डर लाइंड"सुनते ही,मेरा बेटा खुश,एक ही बार में वह समझ गया,उसने होमवर्क समाप्त कर लिया,जब तक मैं सोच पाती,कि मैं उसे ‘अंडरलाइन्ड’ एक्सप्लेन कैसे करूं,वह तो जा चुका था.होमव

51

हिंदी राजभाषा है

29 अगस्त 2017
0
2
2

शक्तिएक विदेशी आकरहमकोनित ललकार रहीऔरहम व्यस्त हैं,हमकृतसंकल्प हैं -हिंदीहमारी भाषा है,हिंदीराज भाषा है ।राजकाजइंग्लिश में ही होगाहमकोनित पुचकार रहीऔरहम देशभक्त हैं,अनुवादमें व्यस्त हैं ।हिंदीहमारी भाषा है,हिंदीराज भाषा है ।उच्चशिक्षा इंग्लिश में ही रहेगी,प्राथमिकमें भी इ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए