जानना
एक ने कहा-
वह विद्वान है ।
दूसरे ने कहा -
वह सरल है।
तीसरे ने कहा-
वह पागल है ।
मैं उससे मिला-
मैंने उसे हर दृष्टि से
देखा, परखा।
मैंने पाया-
वह ‘ईमानदार’ है।
उसको तो मैं जाना ही,
साथ ही
बाकी तीनों को भी जान गया।
26 जनवरी 2016
जानना
एक ने कहा-
वह विद्वान है ।
दूसरे ने कहा -
वह सरल है।
तीसरे ने कहा-
वह पागल है ।
मैं उससे मिला-
मैंने उसे हर दृष्टि से
देखा, परखा।
मैंने पाया-
वह ‘ईमानदार’ है।
उसको तो मैं जाना ही,
साथ ही
बाकी तीनों को भी जान गया।
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में एक वैज्ञानिक हूँ. हिंदी में अत्यधिक रूचि रखती हूँ. पिछले लगभग 35 वर्षो से हिंदी लेखन के माध्यम से हिंदी के प्रचार - प्रसार में सक्रिय हूँ. 5 काव्य संग्रह सहित कुल 7 मौलिक पुस्तके प्रकाशित . 8 पुस्तके सम्पादित
प्रचार-प्रसार हेतु सद्य प्रकाशित पुस्तक – एक माँ यह भी
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अति सुन्दर रचना !
9 मार्च 2016