अपना परिचय
मानव
जब करता व्याख्या
किसी अन्य की !
अनजाने में ही
करा जाता परिचय
अपना ही !
27 दिसम्बर 2015
अपना परिचय
मानव
जब करता व्याख्या
किसी अन्य की !
अनजाने में ही
करा जाता परिचय
अपना ही !
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में एक वैज्ञानिक हूँ. हिंदी में अत्यधिक रूचि रखती हूँ. पिछले लगभग 35 वर्षो से हिंदी लेखन के माध्यम से हिंदी के प्रचार - प्रसार में सक्रिय हूँ. 5 काव्य संग्रह सहित कुल 7 मौलिक पुस्तके प्रकाशित . 8 पुस्तके सम्पादित
प्रचार-प्रसार हेतु सद्य प्रकाशित पुस्तक – एक माँ यह भी
D
धन्यवाद !
28 दिसम्बर 2015
उत्तम क्षणिका !
28 दिसम्बर 2015
चरण वंदना इस लेख के ही लिए , हर चेहरे सामने देख के जो लिए .
27 दिसम्बर 2015