हम समुद्र में
बढ़े जा रहे थे
आगे और आगे
तेज गति से,
नाव में सवार
ले रहे थे आनंद
समुद्री हवाओं का
कर रहे अवलोकन
गुजरते द्वीपों का,
लुभावने
सुहावने
दृश्यों का।
चाँद भी बढ़ रहा था
साथ-साथ हमारे,
अचानक
टकराई नाव
एक बड़ी शिला से-
उलट गई वह
तंद्रा हटी
और
घबराए हम ।
अब क्या होगा ???
किंतु
थैंक्स टू ई-ई-ईश्वर ।
ईश्वर था साथ हमारे
ये तो ई-नाव थी,
ई-सैर को
निकले थे हम,
वर्चुअल रिअलिटी
के संसार में।
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