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पौराणिक

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"ओ रे प्रेत -" कडककर बोले नरक के मालिक यमराज -"सच - सच बतला ! कैसे मरा तू ? भूख से , अकाल से ? बुखार कालाजार से ? पेचिस बदहजमी , प्लेग महामारी से ? कैसे मरा तू , सच -सच बतला !" खड़ खड़ खड़ खड़

नागार्जुन ने यह कविता आपातकाल के प्रतिवाद में लिखी थी। ख़ूब तनी हो, ख़ूब अड़ी हो, ख़ूब लड़ी हो प्रजातंत्र को कौन पूछता, तुम्हीं बड़ी हो डर के मारे न्यायपालिका काँप गई है वो बेचारी अगली गति-विध

सभी जीवों की एकता: करुणा और बुद्धिमानी की कहानी एक समय की बात है, भारत के एक छोटे से गाँव में राम नाम का एक युवक रहता था। राम अपने तेज दिमाग और तेज बुद्धि के लिए पूरे गांव में जाने जाते थे, और उनसे अ

"द हीलर ऑफ़ द फ़ॉरेस्ट: ए टेल ऑफ़ करेज एंड मैजिक" बहुत समय पहले, यूरोप के घने जंगलों में बसे एक छोटे से गाँव में अन्ना नाम की एक महिला रहती थी। वह एक मरहम लगाने वाली और दाई थी, जो अपनी बुद्धि और दयाल

"द हीलर ऑफ़ द फ़ॉरेस्ट: ए टेल ऑफ़ करेज एंड मैजिक" बहुत समय पहले, यूरोप के घने जंगलों में बसे एक छोटे से गाँव में अन्ना नाम की एक महिला रहती थी। वह एक मरहम लगाने वाली और दाई थी, जो अपनी बुद्धि और दयाल

"द किंग ऑफ़ द फॉरेस्ट: गार्जियन ऑफ़ द वाइल्ड" एक बार की बात है, दूर एक गहरे, अंधेरे जंगल में एक राजा था। वह सिर्फ कोई राजा नहीं था, बल्कि जंगल के सभी जानवरों का शासक था। उनकी शक्ति और अधिकार बेजोड़

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आज देवउठनी एकादशी है। हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा ज

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कहाँ दिखता है अपने अन्दर का रावण,कहाँ मरता है अपने अन्दर का रावण,जलाने चले हैं हम पुतले रावण को,रावण,कुम्भकर्ण,मेघनाथ सब मिल जाएँगे,अपने अन्दर तो झाँको।त्रेतायुग में रावण ने हरा माता सीता को,आज हर गली

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राम तो हैं आदर्श हमारे,कौशल्या के राजदुलारे,वो अयोध्या धाम में पधारे,भारतीय जनमानस के प्यारे।आदर्श पति,आदर्श भाई हैं,आदर्श पुत्र के मानक न्यारे,पिता वचन न जाये खाली,इसीलिए वनवास स्वीकारे।आदर्श दोस्त क

 गांव के लोगों के मन में उस समय शिक्षा कि इतनी समझ विकसित नहीं हो पाई थी उनके अनुसार पढाई केवल नौकरी के रूप की जाती है। वे लोग समझते थे कि शिक्षा ग्रहण करना केवल उन लोगों के लिए आवश्यक है जिन्हें

जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के जीवन की घटनाओं को स्मरण करना भी बड़े पुण्य की बात है ।औरते इस दिन व्रत रखती है ।हमे ये आज तक समझ नही आया। भाई भगवान जन्म लेने वाले है उस समय तो

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मनमोहक रूप निराला,वो ऐसा मुरलीवाला,मुरली की धुन पर जिसकी,दौड़ी दौड़ी आये बृजवाला,वो ऐसा मुरलीवाला...यशोमति मैया का राज दुलारा,और कहलाये वो नंदलाला,खेल-खेल में उसने,विषधर को नथ डाला,वो ऐसा मुरलीवाला...नि

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तपोभूमि है देवों की यह,नैमिषारण्य कहलाता है।गिरा विष्णु का चक्र यहाँ पर,यह चक्र तीर्थ कहलाता है।।वेदव्यास की तपोस्थली को,नीमसार का भी नाम मिला।गहन तपस्या उन्होंने करके,४ वेद,१८ पुराणों का निर्माण किया

बात बहुत पुरानी है ।शायद किंवदंती है ।पर पता नही क्यों जब भी कोई मुंहबोली बहन के विषय मे बात आती है तो जेहन मे नरसिंह का भात आ जाता है ।आज के विषय पर ये कहानी बिल्कुल सटीक है नानही बाई के कोई भाई

प्रकृति प्रेमी देश में,सर्प हैं शिव के गले का हार।श्रावण शुक्ला पँचमी,मनता नाग पंचमी का त्योहार।।विष्णु की शैय्या हैं ये,पृथ्वी के धारण हार।जमुना में कृष्ण को छाया दिए,जब पानी बरसे मूसलाधार।।परीक्षित

पूजा-पाठ, उत्सव, हवन, विजयोत्सव, आगमन, विवाह, राज्याभिषेक आदि शुभ कार्यों में शंख बजाना शुभ और अनिवार्य माना जाता है क्योंकि इसे विजय, समृद्धि, यश और शुभता का प्रतीक माना गया है। मंदिरों में सुबह और श

 1. पूर्वमुखी हुनमान जी- पूर्व की तरफ मुख वाले बजरंबली को वानर रूप में पूजा जाता है। इस रूप में भगवान को बेहद शक्तिशाली और करोड़ों सूर्य के तेज के समान बताया गया है। शत्रुओं के नाश के बजरंगबली जा

जानें, कैसे भगवान शंकर व पार्वती के विवाह के प्रसंग से जुड़ा है हरियाली अमावस्या का पर्व ? इस शुभ दिन की क्या महिमा है ?श्रावण का पूरा महीना ही भगवान शंकर व पार्वती से जुड़ा है । ऐसा ही श्रावण मास का

मंदिर में परिक्रमा लेते समय भगवान या देवी की पीठ को प्रणाम करने का चलन बहुत हो गया है!किसी भी भगवान या देवी देवताओं की पीठ को प्रणाम करने से समस्त पुण्यों का नाश हो जाता है!इसका प्रमाण भागवत कथा में ए

'सरोवर' का अर्थ तालाब, कुंड या ताल नहीं होता। सरोवर को आप झील कह सकते हैं। भारत में सैकड़ों झीलें हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 5 का ही धार्मिक महत्व है, बाकी में से कुछ का आध्यात्मिक और बाकी का पर्यटनीय म

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