पिता है पालन करने वाला,जीवन में खुशियां लुटाता है।उंगली पकड़कर राह दिखाता,जीवन का भाग्य विधाता है।।पिता ही एक मूरत है,जो अपने से ज्यादा बरकत चाहता।अपने सपने में रखता उम्मीदें,औलाद सफलता सदा चाहता।।नभ
डियर काव्यांक्षी कैसी हो प्यारी🥰 चलो आज के विषय पर बात करते है। आज का विषय पितृ पक्ष पितृ पक्ष पूरी पूर्वजों के
श्रद्धया इदं श्राद्धम् (जो श्र्द्धा से किया जाय, वह श्राद्ध है।) भावार्थ है प्रेत और पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अर्पित किया जाए वह श्राद्ध है।पितृ पक्ष यानी पित
16/9/2022प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है पितृ पक्षपितृ पक्ष में पित्त्तर के निमित्त, उनकी आत्मा की तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक जो अ
इन दिनों आश्विन कृष्णपक्ष प्रतिपदा से दुर्गा पूजा की पहली पूजा तक समाप्त होने वाले पितृपक्ष यानि पितरों (पूर्वजों) का पखवारा चल रहा है। मरने के बाद हम हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा स्वरूप श्राद्
तकते राह पूर्वज तू करे तर्पणसच्ची श्रद्धा से अन्नजल करना अर्पणकरना सच्चे मन से वंदनउनकी आत्मा तृप्त होकरना ऐसा निवेदनदेंगे पुरखे तेरे आशीष तमामपितृ पक्ष है पूर्वजों के नामआश्विन ये माह श्रद्धा का
श्रद्धा और भक्ति के पर्व श्राद्ध पर्व की तिथियाँ भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानी