इवा ने धीरे से अपनी आंखे खोली, अंसल उसके सामने है, वो कुछ परेशान दिख रहा है, उसके माथे पर चिंता की लकीरें हैं और चेहरा एक दम सीरीयस है। इवा किसी मूर्ति की तरह एक दम स्थिर अंसल को गौर से देखती रही, कु
अगले दिन सुबह ग्यारह बजे इवा की फ्लाइट दिल्ली पहुंची। एयरपोर्ट से बाहर आते ही उसे साहिल दिखा, इवा उसे देखकर हैरान हो गई “तुम यहां कैसे?”, इवा ने पूछा “तुमने तो एक फोन भी नहीं किया मुझे जबसे उ
“नहीं मैंने किसी को नहीं दिया नंबर”, इवा ने जवाब दिया “तो फिर इतनी जल्दी पता कर लिया अंसल ने, वाकई कमाल है, फोन उठा लू?”, फ्रेया ने पूछा इवा मुस्कुराने लगी और हां कहा फ्रेया ने फोन उठा लिया
“नहीं मुझे कोई बात नहीं करनी, एक छोटी सी बात पर सुबह मुझे डांट दिया था। मुझे कहते है कि मैं बचपना करती हूं लेकिन अब देखो जब से मैंने कहा कि मैं कॉल नहीं उठाउंगी वो करे जा रहा है, ये बचपना नहीं है क्
फ्रेया काफी गंभीर नज़र आई, इवा उसके साथ जाकर बैठ गई। “आपने देख लिया वीडियो?”, इवा ने पूछा “हां देखा पर मुझे पता नहीं मैं क्या कहूं, उस वीडियो में जो इकेश है उसे तो मैं जानती ही नहीं, वो इतना इम
फ्रेया अपनी एकेडमी के डांस ग्रुप को बड़े प्यार से सब समझाती नजर आई, सभी के चेहरे पर फेस्टिवल की एक्साइटमेंट साफ दिखाई दी। फ्रेया को देखकर इवा को एक अजीब सा सुकून महसूस हुआ, वो वहां से हिली तक नहीं,
अगले दिन सुबह-सुबह इवा के फोन पर इकेश ने मैसेज करके फ्रेया का पता दिया। “मनाली के नटराज डांस एकेडमी की डायरेक्टर है फ्रेया, उनका मोबाइल नंबर है पर बात नहीं हो पा रही, वहां कोई डांस फेस्टिवल है दो
रात के 11 बज गये, इवा बस सोने जा ही रही थी कि उसके फोन पर अंसल का कॉल आया “इवा कॉल क्यों नहीं किया, इकेश ने कुछ बताया नहीं क्या?”, अंसल ने पूछा “बस अभी आधे घंटे पहले ही वापस आई… लेट हो गया था
अगले दिन इवा को ऑफिस में टाइम पर मौजूद देख कर अंसल खुश नजर आया। उसने इवा को अपने कमरे में बुलाया और इकेश के बारे में पूछा। “आज शाम को इकेश एक आर्ट गैलेरी के लॉन्च में जाने वाला है, मैं वहीं बात कर
इवा पूरा दिन उस वीडियो को बार बार देखती रही, उसकी एक एक चीज को गौर से देखा। एक 40-45 साल का शख्स जिसका चेहरा अंधेरे में धुंधला सा है। उसके हाथ में एक गिलास है और वो किसी रेस्टोरेंट के बार में एक कोन
“आज क्यों इतना याद आ रही हो तुम? पता नहीं क्यों मैंने तुम्हें जाने दिया, क्यों नहीं कहा, मत जाओ, रूक जाओ यहां मेरे पास, मेरे लिये हमेशा के लिये, मैं नहीं रह सकता तुम्हारे बिना, कितने साल हो गये
हेजल-तरुण : Misunderstanding, love and death एक दिन.......सुबह 10 बजे Whatsapp Conversation: Hazel to Tarun- Hey! How are you? परंतु पूरे दिन तरुण द्वारा कोई रिप्लाई नहीं आया। रिप्लाई ना
लडके लड़कियां प्रेमी प्रेमिका बन सकते दोस्त नहीं प्रेम बासना कर सकते स्नेह नहीं, लड़कियां कहती एक या उससे अधिक दोस्त है, मेरे अनुभव के अनुसार यह बात अपने परिवार वालों से झूठ बोलती है| जबकि यह सच है कि हमने लडके लड़कियों पर मनोविज्ञानिकी अध्ययन किया उससे यह बात बिल्कुल हकीकत सिद्ध होती | हमारे लेख पड़ने
Aaj bhi teri ye diwani tujse hi ishq karti hai,Aaj bhi teri ek hansi se hi vo muskurati hai.Teri sirf ek mithi nazar or vo nikhar jaati hai,Pyar se hi tere vo jaise saj jaaya karti hai.Teri sirf ek chhuan or vo tadap jaati hai,Baaho mai simatne ko teri betab ho jaati hai.Teri sirf ek dilkash zappi
आपके प्यार से जो संजोये है ख्वाब हमने ,उस ख्वाबो को अब नया आसमान दे दो .जीना है हर पल साथ आपके ये माना हमने ,मेरे इस ख्वाब को आज हक़ीक़त का रूप दे दो .बाते बहोत ही की यु दूर दूर रहकर हमने ,अब हाथो मै मेरे आप अपना हाथ दे दो .यु बातो से दिल अब बहलता नहीं है हमारा ,अपने गले से लगाकर शिखा को नया मुका