*"जीवन" में हमेशा इन तीन बातों का ध्यान रखें, "वादा" "दोस्ती" और "रिश्ता"* .
*क्योंकि वे शोर नहीं करते हैं, लेकिन जब वे तोड़ते हैं तो, ? वे मौन पैदा करते हैं....*
*रिश्ता चाहे कोई भी हो...? मन से होना चहिए मतलब से नहीं...*
*कोई भी रिश्ता बड़ी-बड़ी बातें करने से नहीं, बल्कि...*
*छोटी-छोटी बातों को समझने से, सच्चा और गहरा होता है...!*
*आवाज़ ऊँची होगी तो,? कुछ ही लोग सुनेंगे.......*
*लेकिन बात ऊँची होगी तो, बहुत लोग सुनेंगे......*
*ह्रदय से जो दिया जा सकता है, वो हाथ से नहीं, और मौन से जो कहा जा सकता है, वो शब्दों से नहीं, बदलते तो सब है.....*
*कोई सही वक्त पर .. तो कोई बुरे वक्त पर......*
*अच्छा बनना, और, अच्छा होने मेँ ज़मीन और आसमान का फ़र्क है....!लोग अच्छा बनने के लिये ना जाने कितने अच्छे लोगोँ की ज़िन्दगी से खेल जाते हैँ, और जो अच्छे होते हैं, वो हज़ारों की जिंदगियां बना जाते हैं.....*