जाति एक भ्रान्ति है-
मानव को मानव से तोड़ने की,
मानवता से मोड़ने की,
भेदभाव से जोड़ने की।
यह सार्वभौमिक सत्य है-
हर धमनी में दौड़ता खून लाल है।
समानता की सबसे बड़ी मिसाल है।
सर्वधर्म, समभाव की भावना
यह होगी सबकी कामना
तब वो दिन दूर न होगा-
जब एकता के वटवृक्ष उगेंगे
शान्ति के दीपक जलेंगे
और इस जाति नामक भ्रान्ति से
हम सब मुक्त होंगे।