दरबारीयों, गुलामों,आपियों,पापीयों, तुम सारे लोग पप्पू के साथ मिलकर मीडिया में इतना विधवा विलाप क्यों कर रहे हो ?
"रघुराम राजन जी जा रहे हैं "
अच्छा अच्छा , तो वो भी आप लोगों की तरह ही आप सबके अपने हैं !
" नहीं ,वो एक महान अर्थशास्त्री हैं "
अरे तो वो अपने घर जा रहे हैं, जाने दो , तुम लोगों को तो खुश होना चाहिए !
" तुम लोग क्या समझो, इतने असाधारण अर्थशास्त्री हमें छोड़कर जा रहे हैं ! "
तो क्या वो पहले और अंतिम असाधारण हैं ?अरे भाई देश में एक से एक मुनीम मिल जाएंगे!
"तुम लोगों को अच्छे लोगों की इज्जत करनी नहीं आती "
वैसे वो किसके लिए अच्छे हैं , अमेरिका के लिए या भारत के लिए ?
"असाधारण लोग महान होते हैं जहां भी रहें अच्छा और बेहतरीन काम ही करेंगे !"
ये कैसे महान हैं 30 साल तक अमेरिका के लिए काम किया फिर 3 साल भारत के लिए फिर वापस अमेरिका जाएंगे ! रात भर में अपनी लॉयल्टी कैसे बदल लेते हैं ,ये तो सुपर मैन हैं !
"सच में सुपर मैन हैं ! उन्होंने 3 साल में कई असाधारण काम किए ! "
जैसे? भारत में जो असाधारण काम किए उसमे से कोई एक दो साधारण ही गिनवा दो !
"तुम लोग नहीं समझोगे "
तो समझाओ ! वैसे जब बैंकिंग (धंधे) की बात आती होगी तो वो किसका ध्यान रखते होंगे!
"क्या कहना चाहते हो"
अरे भाई दुनिया के बाजार में भारत की दुकान भी है अमेरिका की भी ! जब दोनों का हित टकराता था तो दिखाने के लिए तो ठीक है मगर छुपकर किसकी तरफदारी करते थे ?
"तुम लोगों को काल्पनिक सवाल करके की आदत है"
काल्पनिक कैसे ,ऐसा तो होता ही होगा फिर क्या किया उन्होंने ?
"तुम लोगों को झूठे इल्जाम लगाने की आदत है"
इल्जाम की बात है तो ये बताओ ,सुना है लाखों डॉलर खरीद कर राजन ने अमेरिका की गिरती अर्थव्यवस्था में मदद पहुंचाई थी ! किसी बात के लिए डॉलर खरीदे थे ?
"तुम लोगों को कुछ नहीं पता , इसमें जरूर भारत और रुपये का फायदा होगा "
हम तोअनाड़ी हैं, मगर फिर इनके समय में ही डॉलर 58-59 से 67 कैसे और क्यों पहुंचा?
"तुम लोगो को विश्व व्यापार समझ नहीं आता , ये मोदी की नीतियों का दुष्परिणाम है "
अच्छा तो टमाटर के भाव क्यों बढ़ गए जैसा आजकल तुम लोग रोज चिल्ला रहे हो ?
"अरे इसमें गवर्नर क्या करेगा ! ये तो मोदी सरकार की नाकामी है ! मोदी फेल है !"
वो तो हमको भी पता है गवर्नर का क्या क्या काम है लेकिन जब हर बात के लिए मोदी ही जवाबदार है तो फिर रघुराम राजन क्या प्याज छीलने के लिए लगाए गए हैं ! ठीक तो है फिर , जाने दो उसे , जितना जल्दी चला जाए उतना अच्छा !