"अफसोस कि बुरहान वानी पहला शख्स नहीं है जिसने बंदूक उठाई और आखिरी भी नहीं होगा. मैंने हमेशा से कहा है कि राजनैतिक समस्या का राजनैतिक हल ही निकलना चाहिए."उमर अब्दुल्ला
सही कह रहे हैं आप , उमर अब्दुल्ला जी , अगर पहले (शेख) अब्दुल्ला का सही इलाज सही समय पर हो जाता तो ना बुरहान वानी होता ना उमर अब्दुल्ला ! अफ़सोस तो भारत को इस बात का है की चाचा नेहरू पहले नहीं थे और सोनिया-राहुल आखिरी नहीं होंगे जिन्होंने देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया !