एक सुखद और सकारात्मक खबर जो अक्सर नहीं बन पाती है हैडलाइन !
बात बात पर ५६ इंच नापने वाले ,टमाटर-दाल तौलने वाले और 15 लाख गिनने का इंतज़ार करने वालों के लिए यह खबर शायद महत्व्पूर्ण नहीं ! मगर इसका महत्व उनसे पूछो जो अपने घर से दशकों तक विस्थापित रहे ! कैराना आदि के लिए संघर्ष करने वालों के लिए इसमें सन्देश छिपा है, की कश्मीरी पंडितों के लिए सकारात्मक परिवर्तन क्यों और कैसे आया ? मोदी द्वारा पीडीपी के साथ सरकार बनाने पर मुँह फुलाने वाले यह बात नहीं समझने देंगे !जबकि यह केंद्र तथा कश्मीर की राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयास का नतीजा है ! काश जंगल राज वाले समय पर समझ पाते ! उम्मीद कर सकते हैं उत्तर प्रदेश समझेगा ! बहरहाल मुझे तो गर्व है की मेरा वोट व्यर्थ नहीं गया !
यही है अच्छे दिन !
कश्मीर में 75 साल बाद लगा कुंभ मेला कश्मीरी पंडित 75 साल बाद झेलम और सिंध नदियों के संगम पर आयोजित कुंभ मेले में शामिल हुए। मेला श्रीनगर से 30 किलोमीटर दूर उत्तर कश्मीर के शादीपुरा इलाके में हुआ। इस कुंभ मेले में मेला खीर भवानी के लिए आए हजारों कश्मीरी पंडित शामिल हुए और उन्होंने पवित्र संगम में डुबकी लगाई।