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रोजमर्रा

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हैलो सखी।  कैसी हो।मै अच्छी हूं।आज तो सुबह ही तुम को याद कर रही हूं। क्यों? हाहाहाहाहा इस लिए की फुर्सत मे बैठी हूं। पतिदेव बाहर गये है। बच्चे स्कूल और मै शोप पर ।आज जल्दी ही आ गयी थी शोप पर । क्

प्रिय सखी।कैसी हो।मै ठीक हूं। गर्मी का कहर आसमान से बरस रहा है। क्या आदमी क्या जानवर सभी गर्मी के प्रकोप से अछूते नही है।आज मै दोपहर बाद शोप पर आयी हूं क्योंकि गर्मी मे कोई घर से निकलना पसंद नही करता।

उम्मीद पे ज़िंदा हूंमैं वही पागल इंसान हूंकमियां तो बहुत है मुझमेंलेकिन एक दिन कमियां को निकाल समन्दर में फेकेंगेकुछ नहीं तो भी कुछ ना कुछ हम कर जायेंगेइक छोटा सा प्रयास और हम इतिहास बदल जाय

मेरे अंतर्मन में उलझी हैं द्वंद्व भरी अट्टालिकाएँ , दोनों ही छोर मेरे, फिर कैसे मिटे ये दुविधाएँ । कर्म मेरा आराध्य है तो कुटुम्ब मेरा कर्तव्य , दोनों मेरे अभिन्न है फिर कैसे एक ही ध्यातव्य । नदिय

🌿दिनांक  :- 11/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                        हमारी कॉलोनी में

🌿दिनांक  :- 10/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                          

"मेरी भावनाएं मुझसे कवितायें लिखवातीं हैं तो कहानियां मुझे अपने पात्र के तौर पर हमेशा ढूंढ़ निकालती है।।"द्वारा:-प्राची सिंह"मुंगेरी"

🌺सुनो न! दैनन्दिनी, हैप्पी मदर्स डे 😊                       आज तो बाढ़ ही आ गई व्हाट्सएप के स

"कुछ पन्ने खाली होते हैंएहसासों से भरे, नि:शब्दजिसमें कुछ लिखा नहीं जाताना किसी छवि से उसे सजायी जाती हैक्योंकि वो शक्ति अदृश्य होती हैये शक्ति प्रार्थना,त्याग, तपस्या और बलिदान हैये मां हैये यूनिवर्स

8 मई 2022    रविवार  मेरी प्यारी सहेली,     पता है आज सुबह बेटी ने मदर्स डे पर मेरे रसोई में आते ही मोबाइल पर एक गाना लगाया और डांस करने लगी, साथ ही साथ मुझे प्

प्रिय सखी।  कैसी हो। मै अच्छी हूं।वैसे मै इन मान्यताओं को मानती नही हूं लेकिन फिर भी चलन है तो कहती हूं मातृ दिवस की बधाई। मां को हम कब भूलते है जो उनके लिए एक निश्चित दिन तय करे कि आज मदर्स डे ह

प्रिय सखी।   कैसी हो। क्या कर रही हो।हम तो खाली बैठे है।अभी मौसम ऐसा हो रहा है कुछ लिखने का मन ही नही कर रहा। शब्द मे पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था बस उसी किताब का प्रमोशन कर रह

मेरी बर्बादियों  का जश्न मनाने वालो,के, मैने देखो कैसे  चित्र  सजाए है, जो दीवारो पे दिखे लटके है सब, खाली फ्रेम उनमे मैने, देखिए "आइने " लगवाए है, नाम लू तो कहा अच्छा लगता है, वो

सर्वप्रथम अपनी टिप्पणी लिखने से पहले कुछ प्रश्न हैं जो की प्रार्थी के मन मे उठ रहे है | इस विषय पर उनके जवाब देना चाहेगा|1. स्त्री क्या है-?2 . स्त्री का उत्पीड़न क्यों?स्त्री- हमारे वेद पुराण उपनिषदों

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डायरी दिनांक ०६/०५/२०२२   शाम के छह बजकर चालीस मिनट हो रहे हैं ।   जरा सी असावधानी बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है। आज बर्तनों में पानी नहीं भरा। फिर अचानक समर की फिटिंग में फाल्ट आ गया। टंकी म

क्या होगाद्वारा:-प्राची सिंह "मुंगेरी"क्या होगा उस दिनजिस दिन मैं दिनभर तुम्हारे इंतज़ार में हूंगीऔर शायद तुम आ जाओंमुझे बाहों में भर लोऔर बोल दोपगली आज़ भी नहीं सुधरीक्यों सुबह से शाम कियाक्यों पूरा

मैं हमेशा वो नहीं लिखना चाहती कि जो सब पढ़ेकभी - कभी मैं सिर्फ़ वही जानबूझ कर लिखतीजो सब जानते और समझते हैं।।

दिनांक  :- 05/05/22,🌺 सुनो न! दैनन्दिनी,                     कल शादी में गए थे। अब तुम कहोगी कि खूब शादियाँ अटेंड कर रही हो 😅   

प्रिय सखी, कैसी हो ।मै अच्छी हूं।आजकल थोड़ी बरसात होने से मौसम मे गर्मी से राहत महसूस हो रही है।वरना तो इतनी गर्मी थी कि शरीर से भांप निकलती थी।शब्द टीम से एक उम्मीद तो हम रख ही सकते है कि वो ये

🌿दिनांक  :- 04/05/22🌿 🌺सुनो न! दैनन्दिनी,                मेरी बुक काव्य भारती विजेता घोषित हो गई है। और बहुत जल्द ही प्रिं

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