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सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
अधखिला फूल

अधखिला फूल "अधखिला फूला उपाध्याय जी का दूसरा सामाजिक उपन्यास है है देवहूती एक विवाहित स्वी है । उसका पति देवस्वरूप संसार से विरक्त रहते के कारण कहीं बाहर चला जाता है । कहने की आवश्यकता नहीं कि आज के पाठक को यह भाषा कुछ कृत्रिम-सी लगेगी । सिर भी ऐसा न

2 पाठक
26 अध्याय
5 अगस्त 2022
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समाज

समाज में जागरूकता दिखावे में है जबकि बहुत सी चीजें जनता जानती ही नहीं है इसलिए समाज को आईना दिखाने की आवश्यकता है।।

5 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
8 अध्याय
11 मई 2022
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63
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त्याग

एक ऐसी लड़की की कहानी जिसने अपने पिता का मान रखने के लिए अपने प्यार को ठुकरा दिया और साध्वी बनकर समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी ।।

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ख़ामोश चेहरे

कविता संग्रह

11 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
50 अध्याय
30 अक्टूबर 2022
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71
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राघव का रचना संसार : कुछ कविताएँ और कुछ लेख

इस पुस्तक में कविता व लेख दोनों सम्मिलित हैं। यह भविष्य हेतु दिग्दर्शिका की भाँति है।

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इश्क़ तिलिस्म

यह कहानी है तिलिसमपूर की इतराँ की, जिसके बदन में चिट्ठियाँ बहती थीं। उसकी ज़िंदगी में अद्भुत शहर हैं, दिलकश लोग हैं, और इतनी मुहब्बत है जो जन्म-पार, कई आयामों तक उसका हाथ थामे चलती है। इतराँ को लगता है कि इश्क़ वो निर्णायक बिंदु है जिससे तय होता है क

0 पाठक
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2 अध्याय
22 मार्च 2023
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225
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निस्वार्थ लेख

श्रीमान सादर नमस्कार मुझे बचपन से लिखने का बहुत शौक था इसलिए मैंने हमेशा खाली समय को व्यर्थ नहीं जाने दिया कुछ ना कुछ अवश्य लिखता रहा जो कि आज एक बड़ी संख्या बन चुकी हैं मैं चाहता हूं आप से जुड़कर अपनी कविताएं पब्लिक प्लेटफॉर्म में प्रमोट कर सकूं ज

6 पाठक
6 अध्याय
24 सितम्बर 2022
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निरुपमा

सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी, १८९९ - १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। उनके मार्ग में बाधाएँ आती हैं, पर वे उनसे विचलित नहीं होते और संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं।''

7 पाठक
25 अध्याय
5 अगस्त 2022
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कुछ सुलझी-अनसुलझी सी कहानियां

जिस्म में जो अहमियत ख़ून की होती है, कहानी में वो ही अहमियत इमोशन की होती है.

24 पाठक
2 लोगों ने खरीदा
10 अध्याय
26 जुलाई 2022
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53
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ग़बन

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। गबन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथा

35 पाठक
5 अध्याय
23 जुलाई 2022
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डॉ.निशा नंदिनी गुप्ता  की डायरी

इस डायरी का हर पन्ना पाठक को अपना सा प्रतीत होगा। जीवन के खट्टे मीठे अनुभव इसका हिस्सा है। कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं शीतल छाया है। कहीं नारी की पीड़ा है तो कहीं अबोध बालक की चींख है। कहीं पशु की विवशता है।

6 पाठक
1 लोगों ने खरीदा
13 अध्याय
6 मई 2022
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53
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विमला का कहानी संग्रह

मेरी किताब में मेरे द्वारा लिखी गई विविध कहानियों का संग्रह है सभी कहानियां कुछ ना कुछ संदेश देती हुई हैं

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अब लौट चलूं

समाज में एक औरत जो शादी शुदा होने के बाद भी इश्क़ में इसलिए पड़ जाती हैं कि उसे अपनी हसरतें, उमंगों की चाह को पूरा करना होता हैं यहीं हल इस कहानी की संध्या का हैं जो अपने प्रेमी के साथ नई ज़िन्दगी की शुरुआत करती हैं.. लेकिन वो 35 साल बाद फिर क्यों अपने

1 पाठक
3 अध्याय
25 जुलाई 2022
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हकीकत एक जिंदगी की

इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक

10 पाठक
20 अध्याय
1 सितम्बर 2022
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ख्वाब तो रुकते नहीं

मैं इस पुस्तक की लेखिका रश्मि गुप्ता, उम्र के हर स्वाद का रसपान कर चुकी हूँ और कहीं भी इसे मैंने नीरस नहीं पाया है। हर चीज यहां अपना एक विशेष स्थान रखती है। चाहे फूल ही या कांटा, दोनों की बराबर अहमियत है । लीक से हटकर अंधेरे, समस्या

19 पाठक
26 लोगों ने खरीदा
51 अध्याय
28 जुलाई 2022
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53
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201
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जिंदगी की सीमित जरूरते

किसी से सच ही कहा है की जितना बड़ा चादर हो आप उतना ही पाओ पासारिये, श्याम नाम का एक मध्यम वर्ग का आदमी था वो अपने माँ बाप भाई बहन के साथ बहुत ही खुश था, धीरे धीरे उसकी पढाई खतम होती गई, और उसने अच्छी नौकरी पाने के लिए पूरी तरह से लग गया और उसकी सफलता

0 पाठक
0 अध्याय
25 जुलाई 2022
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मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ

महुआ माजी का उपन्यास ‘मरंग गोड़ा नीलकंठ हुआ’ अपने नए विषय एवं लेखकीय सरोकारों के चलते इधर के उपन्यासों में एक उल्लेखनीय पहलक़दमी है। जब हिन्दी की मुख्यधारा के लेखक हाशिए के समाज को लेकर लगभग उदासीन हों, तब आदिवासियों की दशा, दुर्दशा और जीवन संघर्ष पर

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0 अध्याय
20 जुलाई 2022
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350
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अनछुए लम्हें,मेरे जीवन दर्शन संग

इस पुस्तक में अधिकांश ऐसे वर्ग के परिवारों की कहानियों का संग्रह है जो समाज की आर्थिक संरचना की दृष्टि में लगभग पेंदे पर है , सामान्य तौर पर लोगों की नज़र इनकी समस्याओं पर न तो पड़ती है और न ही तह तक जाकर समझना चाहती ।देश के कानून के अनुसार किसी वर्

14 पाठक
20 अध्याय
23 नवम्बर 2023
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शमसेर बहादुर  सिंह की रचनाएँ

जीवन-परिचय-शमशेर बहादुर सिंह हिंदी-साहित्य की नई कविता के प्रमुख कवि माने जाते हैं। इनका अज्ञेय के तार सप्तक में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका जन्म13 जनवरी, सन 1911 ई० को उत्तराखंड के देहरादून जिले के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनकी प्रारंभ

4 पाठक
133 अध्याय
12 अगस्त 2022
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जौरागी से बटवारा

एक जमाने मे गांव के जाने माने बड़े जमींदार कहे जाने वाले नंद चौधरी की दूर - दूर तक बहुत पुछ थी। कोई भी पंचायत और सलाह के लिए लोग पूछा करते थे । नंद चौधरी के एक सगा बड़ा भाई भी थे जिनका नाम किशोर चौधरी था जो सिपाही मे कार्यरत थे, इस लिए घर की सारा जिम

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0 अध्याय
3 जुलाई 2022
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