# जहां चाह , वहां राह । #नायिका #बदला #प्रेम #फंतासी ये कहानी है एक प्रेमिका , जिसने मौत से लड़कर अपना प्यार पाया और ईश्वर ने भी उसकी मदद की ,
इस काव्य संग्रह में मैंने स्त्री के अंतर्मन में चलने वाली व्यथा को लिखने की कोशिश की है! जिसे चाह कर भी वह स्त्री किसी से बता नहीं सकती!
नमस्कार 🙏🙏🙏 मेरे प्रिय पाठकों मैं अपनी पहली रचना नारी जीवन लिखने जा रहीं हू.... इसमे नारी के कितने जीवन एक ही जिंदगी मे जीने मिलते है ये भी दिखाना चाहूँगी... तो चलिए चलते है अपने सफ़र पर हमने अक्सर ये देखा है कि सभी की जिंदगी मे जीवन हर मोड़ प
ये कहानी एक लड़की आएशा की है, जिसका पूर्णजनम हुआ है, उसे पिछड़े जन्म की कुछ धुंधली तस्वीरें दिखती है कैसे आएशा पिछड़े जन्म का राज जान पाएगी, इस जन्म में जो उसे मिले है, कैसे उनका रिश्ता आएशा के पिछड़े जन्म से होता है जानने के लिए पढ़ते रहिए दो चेहरे
इस पुस्तक के अंतर्गत आने वाली रचनाएँ आपको अपने परिवेश में घटित हो रही मानवीय घटनाओ का सूक्ष्म अवलोकन करवाएंगी.💐💐
"कुसुमदी ", इंगित करती है एक ऐसी महिला की कहानी जो,करुणामयी हैं, ममतामयी हैं, वसुधैव कुटुंबकम की भावना से ओतप्रोत हैं । जो मनुष्य मात्र के लिए संभाव रखेती हैं । "कुसुमदी" का हृदय बहुत ही विशाल है। आज वो धरा से दूर अंबर पर कहीं हैं पर हम सभी के दिल
मंजीता एक गॉव की सीधी साधी लड़की है। जो हमेशा अपनो के लिए लड़ती है । फिर चाहे वे उसे पसंद ही नही करते हो। मंजीता अपनी पढ़ाई में बहुत कमजोर है। मगर वह पढ़ना चाहती है। वो अपने जीवन मे परिवर्तन लाना चाहती है। मगर जैसा वह सोचती है वैसा उसके साथ हुआ नहीं। उस
लड़कियों के जीवन के उतार _ चढ़ाव के संघर्ष की लघु कथाएं
दोस्तों यह कहानी सिर्फ निम्मी की ही नहीं उस हर एक औरत की कहानी है जो इस समाज से जूझ रही है एक औरत पर कितना भार होता है परिवार का बच्चों का समाज का इस बीच उसको पारिवारिक रूप से और सामाजिक रूप से कितना प्रताड़ित किया जाता है यह बात सिर्फ एक औरत ही समझ
यह एक काव्य संग्रह है जो आपको मेरी कविताओं से परिचय कराएगी । कविताएं प्रकृति सौंदर्य , प्रेम की अनुभूति , भावनाओं की अभव्यक्ति , समाज की सच्चाई और आध्यात्म पर आधारित है ।🙏🙏
मेरी यह पुस्तक नारी जीवन के कुछ पहलुओं पर प्रकाश डालती है। पुस्तक में दो कहानियां हैं। "ससुराल रूपी पिंजरा "जिसमें शादी के बाद आनेवाली बहुत सी समस्याओं में से एक कहानी का विषय है। लड़कियों के जीवन में विवाह के बाद आये बदलाव और सामंजस्य बिठाने को लेक
इसमें मेरी बात वास्तविकता दर्शाती कविताएं होंगी इनको मैंने लिखा है बहुत साहित्यिक भाषा मुझे नहीं आती है सीधी सादी सरल भाषा में लिखी गई कविताएं
कोई ऐसा शब्द जो मन को पुरा झगझोर देता है लेकिन सच को झुटलाया नही जा सकता है। ऐसा ही एक शब्द एक बच्ची अपनी मां से अंधेरी रात के करीब दस बजे किया जब उनकी मां का आंख लग रहा था और ईशा खेलने के मुंड मे थी।तभी ईशा के मुख से एक सवाल निकला जो सुन कर उसकी मां
उत्तरा : एक खंडकाव्य उत्तरा विश्व प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत का एक उपेक्षित स्त्री पात्र है l इस खंडकाव्य में उसके जीवन चरित्र के संबंध में कुछ उपेक्षित तत्वों को उकेरा गया है l उत्तरा महापराक्रमी अर्जुन की शिष्या के रूप में प्रस्तुत की गई l किन्तु
एक आम भारतीय स्त्री कि दारुण कथा।
एक स्त्री जब दूसरी स्त्री के दर्द को नहीं समझती और अपने स्वार्थ में वह उसके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश करती है तो पीड़ित औरत की आत्मा कराह उठती है मैंने इस लेख में द्रौपदी के माध्यम से सभी स्त्रियों की पीड़ा को व्यक्त करने का
यह कहानी एक ऐसी औरत पर आधारित है, जिसे बचपन से ही लाल सुर्ख मांग अच्छी लगती थी, उसे मांग भरने का इतना शौंक था कि मांग भरने के मायने ना जानते हुए वो बचपन में खेल-खेल में मांग भरा करती थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।