किते दिन हरि-सुमिरन बिनु खोए । परनिंदा रसना के रस करि, केतिक जनम बिगोए । तेल लगाइ कियौ रुचि मर्दन, बस्तर मलि-मलि धोए । तिलक बनाई चले स्वामी ह्वै, विषयिनि के मुख जोए । काल बली तैं सब जग काँप्यौ, ब
करी गोपाल की सब होइ । जो अपनौ पुरुषारथ मानत, अति झूठौ है सोइ । साधन, मंत्र, जंत्र, उद्यम, बल, ये सब डारौ धोइ । जो कछु लिखि राखी नँदनंदन, मेटि सकै नहिं कोइ । दुख-सुख, लाभ-अलाभ समुझि तुम, कतहिं मरत
‘जिसके हाथ सेवाकार्य में लगे हैं, पैर भगवान के स्थानों में जाते है, जिसका मन भगवान के चिन्तन में संलग्न रहता है, जो कष्ट सहकर भी अपने धर्म का पालन करता है, जिसकी भगवान के कृपापात्र के रूप में कीर्ति ह
आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव से धारी, आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी,
जय जय आरती वेणु गोपाला वेणु गोपाला वेणु लोला पाप विदुरा नवनीत चोरा जय जय आरती वेंकटरमणा वेंकटरमणा संकटहरणा सीता राम राधे श्याम जय जय आरती गौरी मनोहर गौरी मनोहर भवानी शंकर सदाशिव उमा महेश्व
सूर्य शुभ: अगर किसी महिला कि कुंडली में सूर्य अच्छा हो तो वह हमेशा अग्रणी ही रहती है और निष्पक्ष न्याय में विश्वास करती है चाहे वो शिक्षित हो या नहीं पर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय देती है।अशुभ सूर
खुबसूरत रिश्ते आत्मा से जुड़े होते हैं। आत्मा से जुड़े एहसास चाहत लिए होते हैं।। रिश्ते तो किसी से कभी भी बन जाते हैं, पर बिना स्वार्थ के रिश्ते ही पवित्र और सच्चे होते हैं। हर बेगाने से बना रिश्ता महोब्बत नहीं होता, कुछ रिश्ते प्रेमी, प्रेमिका से भी ऊंचे कद (गुरू) लिए होते हैं। जिंदगी मांझी और सां
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹*।।श्रीमते रामानुजाय नमः।।**श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् का जन्म*-------------------------------------------------------श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् कूरत्तालवान् (कूरेश स्वामी) और माता आण्डाल के सुपुत्र हैं । श्रीपराशर भट्टर् और श्रीवेदव्यास भट्टर् (दोनों भाई)
एक बार की बात है, हर जीवधारी में भगवान का रूप देखने वाले एकनाथ ने एक प्यासे साधारण से गधे के अंदर भगवान का रूप देखकर उसको गंगाजल पिला दिया। तो साथ चल रहे लोगों ने विरोध करना शुरू किया और आश्चर्य से कहने लगे, ‘महाराज! भगवान शंकर को जो जल चढ़ाना था, वह आप किसको पिला रहे
बिन विश्वास के रिश्ते बिन विश्वास के रिश्तों में, सफाईयां, सबूत चलते हैं। फिर भी रिश्ते कहां चलते हैं? ये हैं आज के शिशमहल जैसे, बड़े सुंदर दिखते हैं। नादान पत्थर फेंकने वालों से चोटिल हो जातें हैं। ये रिश्तों के कांच भला कितने दिन टिकते हैं? ये रिश्ते बड़े सुंदर दिखते हैं। ये चाइना के सामान की तरह
बस कुछ ही दूर थी सफलता, दिखाई दे रही थी स्पष्ट, मेरा प्रिय मित्र मन, प्रफुल्लित था, तेज़ प्रकाश में, दृश्य मनोरम था, श्वास अपनी गति से चल रहा था, क्षणिक कुछ हलचल हुई, पैर डगमगाया, सामने अँधेरा छा गया, सँभलने की कोशिश की, किन्तु गिरने से ना रोक पाया अपने आप को, ना जाने कौन था, जो धकेल कर आगे चला गया,
* विश्वास,अविश्वास,और विज्ञान मार्ग गाथा * ( मनन - 3 )विश्वास-मार्ग,अविश्वास-मार्ग,और विज्ञान-मार्ग की यह गाथा है;जानना है, क्या हैं इनको करने के आधार-मार्ग, और समझना इनकी गाथा है।01।बिना जाने ही स्वीकार कर लेना *व
** ज्ञान की ओर - ( मनन - 2 ) **हम ज्ञान की ओर तभी बढ़ेंगे;जब हमें जानने की इच्छा हो;उत्सुकता हो;हमारे स्वयं के निज ज्ञान में क्या है या क्या नहीं है कि स्पष्टता हो;हमारे स्वयं के निज अनुभव में क्या आया है या क्या नहीं आया है कि स्पष्टता हो। एक उदाहरण लेलें, तो बात औ
जहां दूसरे पर अंधविश्वास गर्त में ले जाता है, वहीं खुद पर विश्वास सफलता के नए रस्ते दिखाता है. अभी हाल में नई दिल्ली में बुराड़ी में मृत पिता से मिलने के अंधविश्वास में 11 लोगों ने फांसी लगा ली. ये कैसा भरोसा है. भला कोई आज तक मरने के बाद जिंदा हुआ है. एक बार मर गए तो मर गए. वही दूसरी ओर थाईलैंड की च
हो आँखों में भले आँसू, लबों को मुस्कुराना है,यहाँ सदियों से जीवन का,यही बेरंग फ़साना है,है मन में सिसकियाँ गहरी,दिलों में दर्द का आलम,मगर हालात के मारे को महफ़िल भी सजाना है,नहीं मंजिल है नजरों में, बहुत ही दूर जाना है,थके क़दमों को साहस को,हर इक पल ही मनाना है,खुद ही गिरना-सम्भलना है,खुद ही को कोसना अ
हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाबहम होंगे कामयाब एक दिन ओ हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,हम होंगे कामयाब एक दिन॥हम चलेंगे साथ-साथ, डाल हाथों में हाथहम चलेंगे साथ-साथ एक दिनओ हो, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वासहम चलेंगे साथ-साथ एक दिन॥होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओरहोगी शांति चारों