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अंधविश्वास

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अंधविश्वास का मतलब है किसी चीज पर बिना सोचे, समझे विश्वास करना। डर, मृत्यु का भय, परीक्षा में उत्तीर्ण होने का भय, नौकरी ना मिलने का भय, इत्यादि ऐसे और भी बहुत से उदाहरण है, जिनके डर के कारण हम

ढेरों अंधविश्वास को थामे चली आई है और चलती रहेंगी ये दुनिया,मक्खियों को राजा बदलने की ख़बर सुनाने की सुनी हमने कहानी।।

प्यारी डायरी..               प्रणाम, कैसी हो, आशा करती हूं कि अच्छी होगी। सखी, आज जिस विषय पर तुमसे बात करनी हैं, वह हैं- "अंधविश्वास" अर्थात अं

आज भी दैनिक लेखन का विषय अन्धविश्वास है।  सोच रही थी कि इस बारे में क्या लिखूँ तो कुछ वर्ष पूर्व अपने मोहल्ले की एक घटना याद आ गयी। जब  हमारी बिल्डिंग के चौथे माले में एक ऐसा परिवार रहता था। उनके घर म

प्रिय सखी ।कैसी हो ।मै अच्छी हूं ।अब की बार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता में भाग ना लेने का विचार किया है ।बस मन नही करता ऐसे जीत हासिल करने से ।जब फोन वेरिफिकेशन होने लगेगा और रियल पाठक बढ़ेंगे रचनाओं पर

मंटू बाबू की पत्नी एक बड़ा   पॉलिथीन का  बैग उन्हें थमा कर बोली- " आज ऑफिस से आते समय गंगा जी में इसे  प्रवाहित करके आना I पिछले नवरात्र  का पड़ा है I"  मंटू बाबू ने बैग के अंदर नजर डाली तो पूजा पर चढ़ाय

डियर दिलरुबा दिनांक-18/9/22 दिन-रविवार समय-8:15                        📚अरे कैसी हो दिलरुबा, यह इतने सारे ताबीज हाथ पर क्यों बांध रखे हैं,,?? अरे क्या बताऊं मेरी दोस्त कल मैं बर्थडे में गई थी वहा

अंधविश्वास !!आस्था ने पूछा-सखी ! ये अंधविश्वास क्या है ?भक्ति मुस्कुरा कर बोली-मेरा सर्वस्व है !श्रद्धा कुहुँक कर बोली :-विश्वास का हत्यारा है  !!निश्छल प्यार रोते-रोते बोली-क्रूर

अंधविश्वास हमारी सोच में पनपता है, जो तर्कहीन है या आलौकिक शक्ति भी कह सकते है। जिन क्रियाओं और होने वाली घटनाओं के कारण से आंजन होते उसे अज्ञानता को कमी से आलौकिक शक्ति मानने लगते है। जैसे सुनामी बार

किसी व्यक्ति या प्रचलित धारणा पर आंख मूँदकर बिना सोचे-समझे विश्वास करना अन्धविश्वास है। किन्हीं रुढ़िवादियोँ, विशिष्ट धर्माचार्योँ के उपदेश या किसी राजनैतिक सिद्धांत को बिना अपने विवेक के विश्वास कर स्

भारत में गुरु शिष्य की परंपरा रही है | किंतु आज के समय में  लगभग सभी गुरु बन बैठे है | सबसे पहली बात तो यह है  की गुरु की परिभाषा क्या होगी उसे समझे अर्थात "जो भौतिक सर्व सुख संसाधनों स

डियर काव्यांक्षी                    कैसी हो प्यारी 💕 मै अच्छी हूं और मजे में भी आज विषय मिला अंधविश्वास प्यारी इस बारे में जितना बताए कम ही है । ये ऐ

अंधविश्वास अवधारणा एक,मन में यह  जो पनपती है।बड़े बुजुर्ग जो सीखा गए,धारणा मन में बसती है।।अंधविश्वास से ज्ञान कमी,आंख मूंद कर करे विश्वास।करे आस्था से खिलवाड़,न पूरी हो कभी वह आस।।अंधविश्वास से

अन्धविश्वास हमारे समाज और हमारे मे मन मे कुछ इस तरह व्याप्त हो जाता हैं कि हमें विश्वास और अन्धविश्वास मे अंतर नहीं हो पाता हैं। हमारे जीवन और समाज इर्द गिर्द विविध प्रकार की रीति रिवाज़ और परम्पराएं म

18/9/2022प्रिय डायरी,                आज का शीर्षक है अंधविश्वास,अंधविश्वास होता क्या है यही बड़े बुजुर्ग लोगों ने बताया कि जाते समय खाली बाल्टी देखो अच्छा

अंधविश्वास~आंख मूंद कर किया जाने वाला विश्वास ही अंधविश्वास है । तर्क से परे होकर किसी भी व्यवस्था और विचार को  स्वीकारना और उसका अनुकरण करना ही अंधविश्वास है । यहां व्यवस्था और वो विचार किसी भी

पाखंडी बन संत धरा पर,जनता को यहां लूट रहे।अशिक्षित लोगों को यहां पर,अंधविश्वास में लूट रहे हैं।।जो सत्य राह पर चलते थे,उनकी की अस्मत को रहे हैं।भोले-भाले लोगों से मिलकर,जान के खेल खेल रहे हैं।।धन कमान

अंधविश्वास - जिसका अर्थ है बिना जाने समझे , बुद्धि को निष्क्रिय करके , किसी के बताए हुए गलत मार्ग पर चलना और अपने परिवार को भी उसी मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है ।अंधविश्वास का शिकार होने पर लोग

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शीर्षक--ये अंधविश्वास नही हैहमारे देश में विश्वास को भी लोग अंधविश्वास मानते है, और आधुनिकता और विज्ञान तो और भी उन्हें जहर की भांति हमारे समाज में फैला दिया है।उन्हें क्या? पता उन अंधविश्वास में भी ज

अंधविश्वास का कोई निश्चित कारण न होता है ।यह मन का ऐसा विश्वास है जो व्यक्ति अपने मन में मान बैठता है और उससे निकलना ही न चाहता ।अंधविश्वास का अर्थ ही हैकिसी चीज़ पर आँखें मूँद कर ,बिना विवेक का प्रयो

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