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पूजा

hindi articles, stories and books related to puja


*भगवान शिव को विभूति अर्थात भस्म बहुत प्रिय है ! विभूति तीन प्रकार की बताई गई है लोकाग्निजनित , वेदाग्निजनित और शिवाग्निजनित ! लोकाग्निजनित या लौकिक भस्म को द्रव्यों की शुद्धि  के लिए रखना चाहिए ! मिट

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पवित्र श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा सर्वत्र हो रही है ! शिवलिंग का पूजन करके भक्तजन अपनी अभिलाषाएं / मनोकामना पूर्ण करने का प्रयास कर रहे हैं ! भगवान शिव क्या हैं ? लिंग क्या है ? कितने प्रकार क

**अध्याय 17: 'धर्म और कर्म'** **स्थान:** एक शांत नदी के किनारे, जहाँ पानी की लहरें हल्के-हल्के थपक रही हैं। गुरु और शिष्य एक छोटी सी लकड़ी की नाव में बैठे हैं, नदी के बहाव को देख रहे हैं। **शिष्

**अध्याय 15: 'जीवन और मृत्यु'** **स्थान:** एक विशाल वृक्ष के नीचे, जहां हवा मंद गति से चल रही है और पत्तियाँ धीरे-धीरे सरसराती हैं। गुरु और शिष्य एक ठंडी चाय की प्याली के साथ बैठे हैं। **शिष्य:*

हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति की गहराई और समृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हमारे धार्मिक ग्रंथों में छिपा हुआ है। उपनिषद, जो वेदों के अंतिम भाग के रूप में प्रसिद्ध हैं, ज्ञान और आत्मा की गहरी खोज के प्

नानी बाई रो मायरो नानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे कि - हम्हे अपनी चिंत

पौराणिक कथा के अनुसार रावण एक ऐसा महाज्ञानी था जिसने 9 ग्रहों को अपने वश में कर लिया था और जब भगवान राम ने लंका जाने के लिए पुल बनाने की सोची, तो उन्हें रामेश्वरम में सबसे पूजा करानी थी। चूंकी उस समय

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कहते हैं कि भगवान शिव के कई पुत्र थे, जैसे गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जलंधर, भौम आदि। उन्हीं में से एक अयप्पा स्वामी भी थे। अयप्पा स्वामी के जन्म की कथा बड़ी ही रोचक है। केरल के सबरीमाला में भगवान

हरि अनंत हरि कथा अनंता। रंगनाथ रामायण में एक सर्वथा नई कथा मिलती है जिसके अनुसार शूर्पणखा को एक पुत्र था जिसका नाम जंबुमाली था। कथा के अनुसार जब रावण ने अपने बहनोई विद्युज्जिह्व का वध कर दिया, उस समय

धनतेरस पर धनिया, झाड़ू और नमक क्यों खरीदना चाहिए ? यह चीजें खरीदना शुभ होता है। धनिया खरीद कर क्यारी मे बिखेर दीजिए जैसे जैसे वह बढेगी या कम बढेगी या नही बढेगी उसी तरह यह आपके पास धन आने का सूच

तुम कलयुग की 'राधा' हो, तुम पूज्य न हो पाओगी, कितना भी आलौकिक और नैतिक प्रेम हो तुम्हारा, तुम दैहिक पैमाने पर नाप दी जाओगी, तुम मित्र ढूँढोगी...वे प्रेमी बनना चाहेंगे... तुम आत्मा सौंप द

समर्पण: - एक बार नारद जी ने द्वारकाधीश से पूछा- "प्रभु! क्या कारण है की सर्वत्र संसार में राधे-राधे हो रहा है। आपकी महापटरानी 'रुकमणी' और अन्य रानियों को तो ब्रज तक में कोई याद नहीं करता।" कृष

तुलसी पूजा का महत्व सातवां माह कार्तिक एक पवित्र माह के रूप में माना गया है।  कहते हैं कि इस महीने में भगवान विष्‍णु योग निद्रा से जागते हैं जो इस वजह से इस महीने का पौराणिक महत्‍व बहुत खास माना

तुलसी जी , पौधा नहीं जीवन का अंग है 1. तुलसी जी को नाखूनों से कभी नहीं तोडना चाहिए,। 2.सांयकाल के बाद तुलसी जी को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए । 3. रविवार को तुलसी पत्र नहीं तोड़ने चाहिए ।

व्रज 84 कौस - 66 अरब तीर्थवृंदावन, मथुरा, गौकुल, नँदगांव, बरसाना, गोवर्धन सहित वें सभी जगह जहाँ श्री कृष्ण जी का बचपन बीता और आज भी जहाँ उनको महसूस किया जा सकता है जैसे कि सांकोर आदि में वह सब बृज 84

भारत में प्राचीन काल से दीपावली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में गर्मी की फसल के बाद के एक त्योहार के रूप में दर्शाया गया। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दीपावली का उल्लेख मिलता ह

सुख शान्ति और समृद्धि का पर्व है दीपावली ।----- भारतीय जन जीवन और भारतीय संस्कृति में सांस्कृतिक पर्व और हर त्योहार आनन्द मंगल के परिचायक है ।इसी तरह दीपावली तो जन जन के तन मन को आलोकित करते हुए लोक आ

वृंदावन का एक साधू अयोध्या की गलियों में राधे कृष्ण - राधे कृष्ण जप रहा था । अयोध्या का एक साधू वहां से गुजरा तो राधे कृष्ण राधे कृष्ण सुनकर उस साधू को बोला - अरे जपना ही है तो सीता राम जपो, क्या उस

writtenbytrishikasrivastavadhara मैंने कितना ढूंढा उस को ब्रज, मथुरा, वृन्दावन में। अपने भीतर झाँख के देखा, श्याम था मेरे अंतर्मन में। साँझ को जमुना तट पर, वो मुरली मधुर बजाता था। मैं दौड़ी चली जा

ऐसौ कछु अनभै कहत न आवै। साहिब मेरौ मिलै तौ को बिगरावै।। टेक।। सब मैं हरि हैं हरि मैं सब हैं, हरि आपनपौ जिनि जांनां। अपनी आप साखि नहीं दूसर, जांननहार समांनां।।१।। बाजीगर सूँ रहनि रही जै, बाजी का भर

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