दुनिया में आदमी को और कोई इतना परेशान नहीं करता जितना उसकी स्वयं की कमजोरी, गलत आदतें, व्यसन, उसके स्वयं के दुर्गुण। संसार की सारी बाधाओं ने आदमी को उतना दुःखी नहीं किया होगा जितना कि स्वयं की कमजोरियों ने।
कभी किसी दूसरे व्यक्ति ने आपको आपकी कमजोरियों की ओर ध्यान दिलाया भी होगा तो उसका आभार मानने की बजाय आप उस पर क्रुद्ध हुए होंगे और आज तक उसे अपना शत्रु भी बना रखा होगा।
इस दुनिया का बहुत मुश्किल कार्य अगर कोई है तो वह है स्वयं की कमजोरियों को पहचान लेना। आत्म निरीक्षण बड़ा कठिन है। स्वयं को दोषों को दूर करने का काम कोई साहसी ही कर सकता है। जीवन को सफलता और आनंद की ओर ले जाना है तो अपनी कमजोरियों की लिस्ट बनायें और आज से ही उन्हें दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएँ।