*जीवन मे दुःख में सुख खोज लेना*
*हानि में लाभ खोज लेना*
*प्रतिकूलताओं में भी अवसर खोज लेना*
*इसे सकारात्मक दृष्टिकोण कहा जाता है*
*जीवन का ऐसा कोई दुःख नहीं*
*जिन्दगी की ऐसी कोई बाधा नहीं*
*जिससे कुछ प्रेरणा ना ली जा सके*
*रास्ते में पड़े हुए पत्थर को बाधा भी*
*मान सकते हैं और चाहें तो उस पत्थरको*
*सीढ़ी बनाकर ऊपर भी चढ़ सकते है*
*जीवन का आनन्द वही लोग उठा पाते हैं*
*जिनका सोचने का ढंग सकारात्मक होता है*
*ख़ुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि*
*आपके पास कितनी सम्पत्ति है*
*अपितु इस बात पर निर्भर करती है कि*
*आपके पास कितनी समझ है*
*अपनो से "दूरियाँ" धुंए की तरह है..जितनी बढाएंगे,उतनी घुटन होगी......*
*और*
*"नजदीकियाँ" धुंध की तरह है..जितना पास आएंगे,उतनी राहत होगी.। राधे राधे।*
*सारी उम्र बस एक ही "सबक" याद रखियेगा.....*
*"संबध"..."रिश्ते"...और "दोस्ती" में नियत साफ़ रखियेगा......*