छत्तीसगढ़ में काजू....है न आश्चर्य की बात!यह आश्चर्य और खुशी की बात है कि दक्षिण के राज्यों का एकाधिकार बने काजू का उत्पादन अब छत्तीसगढ़ में भी होने लगा है और सबसे खुशी की बात तो यह है कि इसका उत्पादन लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा हुआ है. हमें इस बात पर गर्व करना चाहिये कि विश्व में सबसे ज्यादा पसंद करन
कभी खुला किसी के सामने,तो कभी बंद हो गयामेरा दिल एक अलमारी सा हो गयाहज़ारों तरह की किताबें छुपी हैं मेरे दिल मेकभी हंसी मज़ाक ,तो कभी तन्हाईकभी रहस्यमय परिस्थितियों मे कोई बात समझ ना आईकभी खुला किसी के सामने तो कभी बंद हो गयामेरा दिल एक
आनन्द स्कौलरशिपडॉ शोभा भारद्वाज नौएडा नया नया बसा था छोटे बच्चों के लिए स्कूलों की जरूरत थी हमारे परिवार का प्राईमरी तक स्कूल था | एक नेपाली, गोरे चिट्टे नेपाली लड़के को साथ लाया आपको स्कूल में काम करने के लिए किसी की जरूरत होगी यह लड़का ढाबे में काम करता मझे मिला लेकिन वहाँ बहुत दुखी था अत : आपके
पेट पराया नहीं।पढ़ना,लिखना,हसना,रोना खेल बना गया हैं।पढ़-लिखकर हर इंसान बेरोजगारबन गया हैं।जनता-जनार्दन नेताओं की फेरेवाली माला हैं।जहाँ देखो वही इंसान के साथगड़बड़ झाला हैं।पेट पराया हो नहीं सकता इसीवजह से अपनाए हैं।वर्ना न जाने कब पेट को भीगहने रख आते।बन सहनशाह सड़कों के,ब्यर्थ मे जीवन को बिताते।बैठ दो
अन्वेषी जैन को आॅल्ट बालाजी की लोकप्रिय वेब सीरीज़ गंदी बात 2 में अपनी भूमिका के लिए जाना जाता है। अभिनेत्री को उद्योग में केवल भूमिका मिल सकता है लेकिन उन्होंने अपनी पहचान इन भूमिकाओं के माध्यम से पाई है, जो वास्तव में उनके कौशल को दर्शाती हैं। वह इंस्टाग्राम पर अत्यधिक
भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर जो पूर्व में भी अपने कई बयानों के कारण मीडिया व देश की राजनीति में न केवल चर्चित रही, बल्कि उनके बयानों के कारण भाजपा को शर्मिदंगी भी उठानी पड़ी है, व पार्टी की किरकिरी भी हुई है। प्रधानमंत्री तक को पार्टी की छवि बचाने के लिये यह कहना पड़ा कि गोड़से को देशभक्त बता
हर बात मेरी एक प्रश्न बन गई lश्वेत चादर मेरी कृष्ण बन गई llहर बात मेरी एक प्रश्न बन गई lअश्रुओं ने कही जिंदगी की कहानी,शत्रु बन गए चक्षु और पानी,जिंदगी से लड़ता रहा मौत से ना हार मानी,त्रासदी भी मुझे छूकर एक जश्न बन गई lहर बात मेरी एक प्रश्न बन गई lश्वेत चादर मेरी कृष्ण बन गई llअधरों की मूक स्वीकृति
"पद" वियोग श्रृंगार रस ऊधौ मानों बात हमारीहम कान्हा की राह निहारे, तुमने बात बिगारी।आय गयौ लै अपनी लकुटी, पढ़ते निर्गुन चारी।।जा कहना बंसी वाले से, यमुना जल बीमारी।हे साँवरिया कृष्ण मुरारी, पनघट पड़ी उघारी।।ज्ञान सिखाकर अयन चुराते, कैसे
देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी आज 49 वीं बार आज मन की बात में रेडियो प्रसारण से देश को संबोधित करेंगे और इस कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और देश के एनी रेडियो चैनलों से से किया जाएगा. पिछली बार अपने संबोधन में वायु सेना के शौर्य को याद किया था इस प्रोग्राम की खास बात ये है की इसमें वो देश के आमजनो
गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा , हाफ़िज़ खुदा तुम्हारा********************************आज रविवार का दिन मेरे आत्ममंथन का होता है। बंद कमरे में, इस तन्हाई में उजाला तलाश रहा हूँ। सोच रहा हूँ कि यह मन भी कैसा है , जख्मी हो हो कर भी गैरों से स्नेह करते रहा है।*************
ओ दूर के मुसाफ़िर हम को भी साथ ले ले रे******************** मैं छोटी- छोटी उन खुशियों का जिक्र ब्लॉग पर करना चाहता हूँ, उन संघर्षों को लिखना चाहता हूँ, उन सम्वेदनाओं को उठाना चाहता हूँ, उन भावनाओं को जगाना चाहता हूँ, जिससे हमारा परिवार और हमारा समाज खुशहाली की ओर बढ़े । बिना धागा, बिना माला इन बिख
आपके कर्मों की ज्योति अब राह हमें दिखलायेगी-----------------------------------------कुछ यादें कुछ बातें, जिनकी पाठशाला में मैं बना पत्रकार***************************एक श्रद्धांजलि श्रद्धेय राजीव अरोड़ा जी को***********************किया था वादा आपने कभी हार न मानेंगे ,बनके अर्जुन जीवन रण में जीतेंगे हा
आओ अब कुछ बात करे,कदम कुछ अब साथ भरे।भुला के सारे गिले शिकवे,नये रिश्ते की शुरुआत करे।पहले ही बहुत कम है जिंदगी,फिर रुठ के क्यो वक्त बरबाद करे।बंजर हो गया था जो पतझड़ के आने से,उस गुलशन को प्यार से फिर आबाद करे।भुल गया हूं मै तुम भी भुला दो,बीती जिंदगी को क्यों हम याद करे।आओ अब कुछ बात करे,कदम अब कु
कभी आता है ख्याल तुम्हारा,दिल करता है तुमसे बात करे,इतनी तो दुश्मनी नहीं हैचलो एक मुलाकात करे।मै तुमसे तुम मुझसे हो,खफा किस बात पर मालूम नहीं ,इश्क पर किसी का जोर चलता नहीं,जब इश्क का फैसला दो दिल साथ करे।कहाँ से इब्तिदा करिये अब,कि दीदार हुआ है तुम्हारा हमको,दिल फिर भी कह रहा है जानम,लबो को बंद रहन
ऐसा सुंदर सपना अपना जीवन होगा *************************** मैं तो बस इतना कहूँगा कि यदि पत्नी का हृदय जीतना है , तो कभी- कभी घर के भोजन कक्ष में चले जाया करें बंधुओं , पर याद रखें कि गृह मंत्रालय पर आपका नहीं आपकी श्रीमती जी का अधिकार है। रसोईघर से उठा सुगंध आपके दाम्पत्य जीवन को निश्चित अनुराग से भ
अपने पे भरोसा है तो एक दाँव लगा ले...***********************पशुता के इस भाव से आहत गुलाब पंखुड़ियों में बदल चुका था और गृह से अन्दर बाहर करने वालों के पांव तल कुचला जा रहा था। काश ! यह जानवर न आया होता, तो उसका उसके इष्ट के मस्तक पर चढ़ना तय था। पर, नियति को मैंने इतना अधिकार नहीं दिया है कि वह मु
किसीका दर्द मिल सके तो ले उधार ****************************** अब देखें न हमारे शहर के पोस्टग्रेजुएट कालेज के दो गुरुदेव कुछ वर्ष पूर्व रिटायर्ड हुये। तो इनमें से एक गुरु जी ने शुद्ध घी बेचने की दुकान खोल ली थी,तो दूसरे अपने जनरल स्टोर की दुकान पर बैठ टाइम पास करते दिखें । हम कभी तो स्वयं से पूछे क
मेरा प्यार कह रहा है, मैं तुझे खुदा बना दूँ ***************************************** विडंबना यह है कि मन के सौंदर्य में नहीं बाह्य आकर्षक में अकसर ही पुरुष समाज खो जाता है। पत्नी की सरलता एवं वाणी की मधुरता से कहीं अधिक वह उसके रंगरूप को प्राथमिकता देता है ****************************************
विलायती बोलीः बनावटी लोग ****************************************** हमारे संस्कार से जुड़े दो सम्बोधन शब्द जो हम सभी को बचपन में ही दिये जाते थें , " प्रणाम " एवं " नमस्ते " बोलने का , वह भी अब किसमें बदल गया है, इस आधुनिक भद्रजनों के समाज में... *******************************************