*बांसुरी में तीन गुण है...*
*पहला-*
*बांसुरी में गांठ नहीं है,*
*जो संकेत है कि अपने अंदर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो,*
*यानि मन में बदले की भावना मत रखो ।*
*दूसरा गुण-*
*बिना बजाये ये बजती नहीं है,*
*मानो ये बता रही है कि जब तक आवश्यक नही हो, ना बोलें ।*
*और तीसरा-*
*जब भी बजती है, मधुर ही बजती है ।*
*अर्थात जब भी बोलो....... मीठा ही बोलो ।*