जो भारत माँ को
माँ न माने,
वह कैसे
भारतवासी हैं ?
जो मातृभूमि को
ना पूजें,
द्रोही हैं कुल
नाशी हैं ।
जिसके आँचल का
जल नस में,
बनकर लहू दौड़ता
है ।
जिस माटी का नमक
जिस्म में,
बनकर जोश उमड़ता
है ।
यदि धरती माता
के घर में,
कोई आग लगाता है
।
वसुन्धरा की
सुन्दरता को,
यदि कोई ग्रहण
लगाता है ।
ऐसे दुष्ट
पापियों की,
पहचान करो पहचान
करो ।
देश धर्म के
गद्दारों का,
मिलकर काम तमाम
करो ।
भारत माता राह
देखती,
आखिर कब वो दिन
आएगा ?
कौन अदावत के
आलम से,
हमको मुक्ति
दिलाएगा ?