23 सितम्बर 2015
धन्यवाद राजीव जी...
22 जनवरी 2016
नर्क से निकाल कर दुनियाँ में जो लायी । शून्य मन में ज्ञान की जिसने ज्योति जलायी अति सुन्दर । नारी आप महान है संस्कृति की पहचान है
7 जनवरी 2016
उत्साह बढ़ाने के लिए आपका कोटिशः धन्यवाद चंद्रेश विमला त्रिपाठी जी...
25 अक्टूबर 2015
आपके शब्दों की धार वाकई में काबिलेतारीफ है राघवेन्द्र जी । अति उत्तम रचना |
24 अक्टूबर 2015
धन्यवाद योगिता जी और वैभव जी...
26 सितम्बर 2015
अधिकारों से वंचित आधी आबादी क्या यही है समाज? केसा है समाज इसे आती नही लाज? दिल को छु गयी आपकी रचना बहुत ही सुन्दर.. ये हमारे समाज का जीता जगता उदाहरण है की औरत को शक्ति कहते हैं उसकी भक्ति करते हैं पर इज्जत नही..
24 सितम्बर 2015