108-बुंदेली-दोहा प्रतियोगिता -108
शब्द- कनबत्तू
शनिवार, दिनांक- 08/04/2023
संयोजक राजीव नामदेव _राना लिधौरी
आयोजक जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
प्राप्त प्रविष्ठियां :-
*1*
लाबी कनबत्तू करी , मरवा दव हरदोल।
नाश मिटें चुगला मरें , चढ़ी काटतइ बोल ।।
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प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
*2*
कनबत्तू पे जिन करो, तनकउ तुम बिसबास।
साँची झूठीं कात जे, राखत स्वारथ आस।।
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- श्यामराव धर्मपुरीकर गंजबासौदा,विदिशा म.प्र.
*3*
नंदी कनबत्तू सुनो, बिनती बारंबार।
किरपा होबै शंभु की, सुखी राय संसार।।
~विद्या चौहान, फरीदाबाद
*4*
कनबत्तू कुब्जा करै ,भर दय कैकइ कान ।
बँदौबास भिजवा दिये ,राम भये हैरान ।।
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शोभाराम दाँगी, नदनवारा
*5*
चुगली कनबत्तू करै, नजर डार चौघेर।
खुसुर खुसुर डंडे करै,आँखें दोइ तरेर।।
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एस आर सरल,टीकमगढ़
*6*
कनबत्तू मसकउॅं करैं ,खुलकैं नइॅं बतयायॅं।
मजा दूर सैं लेत हैं , घर में फूट करायॅं ।।
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आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर
*7*
राजनीति के पैंतरा, नेता खूब बिठात।
कनबत्तू कर देस में,शकुनी चाल चलात।।
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रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
*8*
कनबत्तू के कारने,झट बिगरत माहौल।
एइ कारन मारे गय,सतधारी हरदौल।।
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भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",रजपुरा हटा दमोह
*9*
कनबत्तू करतइ रयै , भरे मंथरा कान |
कोप भवन गइ कैकयी , वर माँगन की ठान ||
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-सुभाष सिंघई , जतारा
*10*
कन बततू जादां करत , केबल बे ही लोग।
जी के मन में चोर है , उर ईसा कौ रोग।।
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वीरेंद्र चंसौरिया टीकमगढ़
*11*
कनबत्तू कायर करत, बोलत बीर दलाँक।
जइ सें साँचे बीर की,रत समाज में धाँक।।
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✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी बुड़ेरा
*12*
पिया परौसन सें करें , कनबत्तू नित रोज।
कां तक मों मूंदें रबें, घर कौ मिटरव खोज।।
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प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
*13*
कनबत्तू करबें सदां,चापलूस चालाक।
उल्लू जो सीदौ करें,और पटाबें गाक।।
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-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़#
*14*
कनबत्तू करकें सदां,घर कौ राज बताय।
जो यैसौ भेदी मिलै,तौ फिर लंका ढाय।।
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-डां देवदत्त द्विवेदी, बडा मलेहरा
*15*
कनबत्तू छुप-छुप करै,भरै पिया के कान ।
सास-ससुर लाचार हैं,झेलत रत अपमान ।।
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संजय श्रीवास्तव, मवई दिल्ली
*16*
पुष्प वाटिका राम जी,सिय के नैन लुभायँ।
सखियाँ कनबत्तू करें, जे जीजा बन जायँ।।
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अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
*17*
कनबत्तू हो राम सें,उठत भोर सें नित्त।
कै ऊखों प्रभु जी सुने,या सुनवे निज चित्त।।
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आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
*18*
कनबत्तू कायर करें,ताल ठोक हम काय।
डरैं न हम काउ सैं,सबइ मनै हम भाय।।
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प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़
*19*
कनबत्तू की का कनें, इक सुनबे इक काय।
सुन लेवै तीसर अगर, कनबत्तू नइँ राय।।
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अमर सिंह राय, नौगांव
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संयोजक राजीव नामदेव _राना लिधौरी
टीकमगढ़ (मप्र)
मोबाइल-9893520965