148 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-148
दिनांक 20.01.2024
प्रदत्त शब्द ##नसेनी
संयोजक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह.
*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*
1*
चढो नसेनी ज्ञान की,थामों गुरु कौ हाथ।
हिरदय में हों राम जी,कृपा सिँधु रघुनाथ।।
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-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
*2*
ज्ञान नसेनी मोक्ष की, उर मुक्ती कौ द्वार।
ध्यान भजन सत्कर्म सै, बेड़ा हुइयै पार।।
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एस आर सरल,टीकमगढ़
*3*
दुनिया में सबखों लगी, रामायन सें आस।
सुरग नसेंनी दै गये,रचकें तुलसीदास।।
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डॉ. देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलहरा
*4*
बिना नसैनी चढ़ किया , ढाँचे को बेकाम ।
आज पुनः मंदिर बना , जिसमें बैठें राम ।।
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-प्रमोद मिश्रा, बल्देवगढ़
*5*
रावन कैतइ रै गयौ , लगै नसेनी स्वर्ग |
बनौ बिरोधी राम कौ , कर लवँ बैड़ा गर्ग ||
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-सुभाष सिंघई, जतारा
*6*
करम नसैनी सब कछू,जा पै धरियौ पाँव।
मंजिल पै पौचौ सुनौ,चीनें सबरौ गाँव।।
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-प्रदीप खरे'मंजुल'टीकमगढ़
*7*
सरग नसेनी रय लगा, प्रभु खों लेंय उतार।
मंदिर में बैठार दें, हो जै वेड़ा पार।।
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-अंजनी कुमार चतुर्वेदी निबाड़ी
*8*
भजलो सीताराम खौं,करलो जप तप ध्यान।
राम नाम कलिकाल में ,सरग नसेनी जान।।
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-आशाराम वर्मा "नादान" पृथ्वीपुर
*9*
दंद फंद सब छोड़ कें,भजलो सीताराम।
सरग नसैनी आयँ बे ,परै उनइँ सें काम।।
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- प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
*10*
धरम नसेंनी सुरग की, सुजन लगा चढ़ जात।
नीच कुटिल खल पातकी,मार नरक में खात।।
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-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा
*11*
स्वर्ग नसैनी चात तौ,रओ अधूरौ काम ।
रावन सोसत मर गओ,रै गय काम तमाम ।।
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-शोभाराम दाँगी, नदनवारा
*12*
राम नाम रसना रटौ, धरौ राम को ध्यान।
राम नसेनी साध लो, हो जे सब कल्यान।।
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-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.बडागांव झांसी उप्र.
*13*
सुरग नसेनी पाय लो , लेकर हरि का नाम।
बोलौ भैया रोज ही , मन सें जय श्रीराम।।
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-वीरेंद्र चंसौरिया टीकमगढ़