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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -183 के दोहे

28 सितम्बर 2024

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[28/09, 12:19 PM] Rajeev Namdeo: *बुंदेली दोहा -करय (कडुबे)*

करय लगत बे आदमी,साँसी जो कै जात। 
लबरा उनखौं देखकै,#राना मौ गुड़यात।।

ककरी  हौबे जब किरा,और करय हौ छौर।
खातन जी मचलात है,#राना उगलत कौर।।

अबगुन खौ कातइ करय, सदगुन मीठे कात।
 संतन की#राना सुनो,भलौ बुरव समझात।।

बोल करय मत बोलियौ,#राना तज तकरार।
बोली गुरयाई बने ,सई  रखत  व्यवहार।।

करय करेला हैं पजत,भुरकत हम सब नौन।
सबइ यैड़#राना कड़ै,हो जाबे बौ मौन।।
   *** दिनांक 28-9-2024

 *✍️ राजीव नामदेव'राना लिधौरी'*
  संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
[28/09, 12:31 PM] R. K. Prajapati Jatara: नमन जय बुंदेली साहित्य समूह
विषय-करय(कडुवा)
*****************************

तिल सौ दिखवै छेद इक, ऊपर से है पुष्ट।
 भीतर कीड़े भौत हैं,करय भटा सम दुष्ट।।

करय बोल ऐसें लगें, जैसें  विष  की बेल।
जीके सर चड़ जात है,करै ओइकौ खेल।।

करय बोल सुत बोल रव, ना काहू सें काव।
जाँग उगारौ  आपनी, खुद लाजन मर जाव।

करय भले,गुन हों अधिक,सदा रखियो मेल।
दवा बनत  हैं  मर्ज  की, नीम  और  गुरबेल।।

की की खों काबें करव,सबइ करय के संग।
जीनें  छोड़ो   हैं  इनें,  बोइ  भवो  बदरंग।।

                          आर. के.प्रजापति "साथी"
                     जतारा,टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश)
[28/09, 2:20 PM] Pradeep Khare Patrakar: करय नीम से बोल तौ, 
आवत बोलत बैन। 
धरे कुकर्मी जनम सैं,
देखत होबै ठैन।।
2
बोल करय जिन बोलिये,
काऊ नहिं सुहात।
सोच समझ कर कीजिए,
सदां सबइ सैं बात।।
3
करय बुरय सब हों नहीं,
कुछ सुहाबैं मोय।
नीम करेला खाय सैं,
नहिं बीमारी होय।।
4
आत करय सोई दिना,
 पुरखन पानी देत।
खुआ पिया करबैं विदा, 
पीरा सब हर लेत।।
5-
करय दिनन की का कनैं,
होबैं न्यौते रोज।
मालपुआ, लडुआ, लुचइ,
डटकैं होबैं भोज।
*प्रदीप खरे, मंजुल*
[28/09, 2:49 PM] Bhagwan Singh Lodhi Hata: बुन्देली दोहे 
विषय:-करय 
करय गरय लगबै वचन, अगर न मन सें कांय।
ढोरन खों ललकारियो, भग हैं पूॅंछ उठांय।।

करय शब्द की गूद पै,कितन‌उॅं लैप लगाव।
बा कैस‌‌उ मिटबै नहीं,कोटन करौ उपाव।।

करय बोल द्रौपद कहे, दुर्योधन गव चेट।
सकुनी मामा सें करी, ऊनें तुरत‌इ भेट।।

करय बुरय कय होत हो, जीवन के दिन चार।
गैल कटीली पै निगत, खायें फिर रय खार।।

करय दिनन में काग बन, पुरखा आबैं दोर।
हरो भरो परिवार तक,मन में भरत हिलोर।।
              ‌‌-भगवानसिंह लोधी "अनुरागी"
[28/09, 3:09 PM] Hansa Shrivastava Bhopal: मंच को नमन 
विषय ,करय 
विधा ,दोहा

करय बोल कांटन लगै              
जानत सब जै बात।
तोई बोलत फिरत है ,
करत रहत है घात ।।

मन पै आरी सी चलें ,
करय बोल जों बोल ।
तासे चुप्पी हैं भली ,
चाहे रयें अबोल ।।

मौलिक स्वरचित 
हंसा श्रीवास्तव हंसा
[28/09, 4:10 PM] Ramanand Pathak Negua: दोहा बुन्देली 
बिषय करय 
                        1
भौतइ पावन दिन करय, क्वाँर मास के खास। 
इनमें पुरखा आत हैं, लै पानी की आस। 
                         2
गरब करौ जिन भूल कें, सब सें राखौ हेत। 
करय नीम के पात भी, दबा अनौखी देत। 
                         3
करय नीम की कोंप सें, रस खों लेव निकार। 
उठत भुन्सरा नित पियौ, मिट है सबइ बिकार। 
                          4
करय बचन ना बोलिऔ, बोलौ मीठे बोल। 
तौल तौल बोलें बचन, होत सदा अनमोल। 
                           5
करइ बेल गुरबेल कौ, काडौ लेव बनाय। 
कैसउ होबै ताप ज्वर, जर सें देत मिटाय। 
                           6
करय दिना पुरखन बिदा, जातइ अपनें धाम। 
सुभ आसीसें दै गये, करौ राज के राम। 
रामानन्द पाठक नन्द
[28/09, 4:27 PM] Pramod Mishra Baldevgarh: ,,बुन्देली दोहा ,विषय ,, करय ,,कड़वे 
************************************
करय बुरय लगतइ हरय , गरय सरय वतकाव ।
गलत सलत जब तब बकत , पकरत तन तन ताव ।।
*************************************
करय बुरय बोलत बचन , मात पिता सैं लोग ।
होकेँ हरय समाज में , लयँ"प्रमोद"बै रोग ।।
************************************
करय बुरय कुछ आदमी , नित नय रचत प्रपंच ।
लड़ा-भिड़ा सुख में परें , बनें "प्रमोद"विरंच ।।
**********************************
करय दिनन में आउतइ , पुरखा करिवै भोज ।
उनखाँ भोजन जल दियौ , सपर खोर कें रोज ।।
**********************************
करय डगौरा नीम केँ , करइ नीम की छाल ।
रोग दोग ओंगुन हरें , सुख दैवै हर हाल ।।
**********************************
अच्छे दिन आयै नही , करय आय कइ बार ।
आसइ में तिरके झरें , हैं "प्रमोद"के बार ।।
**********************************
करय करैला खायते , करइ तुमरिया ल्याय ।
करव तैल घर में धरौ , करय दिना भी आय ।।
**********************************
    ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़ मध्य प्रदेश,,
            ,, स्वरचित मौलिक ,,
[28/09, 4:34 PM] M.l.Ahirwar 'tyagi', Khargapur: शनिवार -28.9.2024
               दोहा लेखन 
            प्रदत्त शब्द -करय
                      1
लगे करय दिन जानकें,पुरखन भरी उडान।
मगरन-मगरन पै लगे, त्यागी रोज दिखान।
                     2
गुरमे चडबै नीम पै,और करइ हो जात।
उए दबाई मानकें, समझदार सब खात।
                    3
कजन कोउ सांसी कबै,सुनै,करव लगजात।
कजन मानकें चलैना,जीवन भर कल्लात।
                    4
करय मताई बाप हैं,नाय माय के मीत।
पलटगई कलकालमें,सबइ पुरानी रीत।
                     5
करय करेला खायसे,सुगर रोग भगजात।
करकें चलो परेज जा,बैद हकीम बतात।
                      6
करय दिना आजात सो,पुरखा धरत चपेट।
खा पी कें पंदरा दिना  ,लौट जात भर पेट।
       स्वरचित मौलिक रचना 
  🇵🇾एम एल त्यागी खरगापुर 🇵🇾
[28/09, 5:33 PM] Taruna khare Jabalpur: 'करय' शब्द पर दोहे 


करय करेला को रसा,पियो सकारैं साम।
रोगी हो मधुमेह को, झट्ट मिलै आराम।।

फिरैं उचंगा से बनै,कर रये खूब छिछोल।
मौड़ी मौड़न खों करय,लगत बड़न के बोल।।

करय बचन केकई कहे,देओ राम बनबास।
सुनखैं दशरथ भूप की,टूटन लागी आस।।

करय दिनन में बनत हैं,बरा पुड़ी उर खीर।
पिंडदान तर्पण करैं,जायं नरबदा तीर।।

कबऊं मताई बाप सैं,करय नै बोलौ बोल।
उनको आसिरबाद है, दुनियां मै अनमोल।।


तरुणा खरे जबलपुर 
🙏🙏🙏
[28/09, 6:31 PM] Brijbhushan Duby2 Baksewaha: दोहा विषय करें 
1-करय बुरय बोलो नहीं,
 बोलो मीठे बोल।
 सुनबे में नोने लगें,
 बृजभूषण अनमोल।
2- करय दिना जैसइ  लगें,
 कुशा सें पानी देय।
देव ऋषि पुरखा सबई ,
सुमरन मन कर लेय।
3-बाप मतारी रत करय, 
हित की करवें बात ।
लड़का बारे आज के,
 कैसे उल्टे जात।
4-लगन लगत लरका करय,      
  अगर उबाड़े होंय।
 सुनें नहीं कौतक करें,
 जीवन में विष बोय।
5- करय  लगत अब नीम से,                
     मिसरी से रय आय। 
     बात-बात पे टोंचना,
    दे रह हो तुम काय।।
बृजभूषण दुबे बृज बकस्वाहा
[28/09, 6:32 PM] Taruna khare Jabalpur: 'करय' शब्द पर दोहे 


करय करेला को रसा,पियो सकारैं साम।
रोगी हो मधुमेह को, झट्ट मिलै आराम।।

फिरैं उचंगा से बनै,कर रये खूब छिछोल।
मौड़ी मौड़न खों करय,लगत बड़न के बोल।।

करय बचन केकई कहे,देओ राम बनबास।
सुनखैं दशरथ भूप की,लगी टूटने आस।।

करय दिनन में बनत हैं,बरा पुड़ी उर खीर।
पिंडदान तर्पण करैं,जायं नरबदा तीर।।

कभौं मताई बाप सैं,करय नै बोलौ बोल।
उनको आसिरबाद है, दुनियां मै अनमोल।।


तरुणा खरे जबलपुर 
🙏🙏🙏
[28/09, 6:32 PM] Shobharam Dagi: शोभारामदाँगी "इन्दु" नंदनवारा 
बिषय-करय (कड़वे) बुंदेली 
             अप्रतियोगी दोहा  
                 (०१)                   
करय बोल जिन बोलियौ,मन में लगवै ठेस ।
"दाँगी" बोलौ सत बचन,बड़ै आपसी हेस ।।
                (०२)
कागुर पितरन खों धरै,टेर-टेर कैं ख्वायँ ।
करय दिनां हैं कर्ण के,पंदरा दिन तक रायँ ।।
                  (०३)
करय बचन कैकइ कहे,करवा दव वनवास ।
चउदा बरस वन भोगकैं,गय कैकइ के पास ।।
                  (०४)
करय पत्ता नीम कै,जीमें गुन हैं भौत ।
कैउ रोग की है दवा,"दाँगी" ख्वादो न्यौत ।।
                 (०५)
करय बचन कर लय हरय,अनय मनय कर हाय ।
तन मन धन अरपन करा,जय जय जय कर माय ।।
मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
[28/09, 7:29 PM] S R Saral Tikamgarh: *बुन्देली दोहे विषय -करय* 
-----------------------------------------=-------
प्रेमलाल के प्रेम में,फस गइ ढिल्ला बाइ।
घर वारे लग रय करय,सबसे लयें बुराइ ।।

मीठे दिन का होत हैं,करय दिना का होत।
फैलों है पाखण्ड कौ, इस भारत में छोत।।

हमें करय पाखण्ड हैं,हम इनसें गय ऊब।
पाखंडी फल फूल रय,मौज उड़ा रय खूब।।

माला जप रय राम की,हैं औगुन की खान।
दाव  परें  चूकें  नईं,  जे  छलिया  इंसान ।।

कछू करय खरुआ कछू,ई दुनियाँ में लोग।
*सरल* मेर कैसे  मिलें , बे  हैं लुअरन जोग।।
---------------------------------------------------
      एस आर सरल
          टीकमगढ़
[28/09, 8:44 PM] Rajeev Namdeo: *बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -183*
विषय:-करय (कडुवा)
शनिवार, दिनांक - 28/09/2024

*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*

*1*
ज‌उआ पै प्यारे लगें, गदरे हिरदे भांय।
करय लगत हैं ऊ दिना,जब नीचट पक जांय।।
               ***
    -भगवान सिंह लोधी 'अनुरागी',हटा
*2*
झूँठा लबरा या दुता,करय नीम से होंय।
इनके संगै रात जो, बे  जीवन  भर रौंय।।।
               ***
            - आर के प्रजापति, जतारा 
*3*
करय बचन मघुकर कहे,रानी को न सुहाय।
पत राखन अवधेश जू ,नगर ओरछा आय।।
          ***
     -आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर
*4*
करय दिनन में आय जू,पुरखा बनकेँ काग।
मान गौन भौजन दियौ,बाढ़ें कुल को भाग।।
        ***
-प्रमोद मिश्रा, वल्देवगढ 
*5*

करय दिन रत कुँआँर में,पुरखन पानी देत ।
खपरन पै कागुर धरैं,पुरखा बुलवा लेत ।।
          ***
         -शोभाराम दाँगी 'इंदु', नदनवारा 
*6*
लगे करय दिन जानकें,पुरखन भरी उड़ान।              
मगरन-मगरन पै लगे, त्यागी रोज दिखान।।
      ***
     - एम एल त्यागी, खरगापुर 
*7*
करय बोल जो बोल,रय ,उनको मन हे साफ।
कबऊं गुस्सा होत नइ,करत सबखों माफ॥
     ***
    -सुभाष बाळकृष्ण सप्रे भोपाल
*8*
करय दिना जे चल रये,पुरखा पूजैं लोग।
पुरखन के आसीस लो,उमदा जो संजोग।।
     ***
 -श्यामराव धर्मपुरीकर,गंज बासौदा 
*9*
सुनबे  में  कित्तउ  लगैं, करय  बड़न  के बोल।
परसत सार निचोर कें, ज्ञान सकल अनमोल।।
           ***
       -विद्या चौहान, फरीदाबाद 
*10*
काए धूरी में करौ, जा जीवन अनमोल।
नौनी-नौनी जीभ पै, करये-करये बोल।।
***
       -डॉ. सुनील त्रिपाठी निराला भिण्ड 
*11*
करय दिना जब सें लगे,पा रय छप्पन भोग।
मीठे मीठे दिनन खों,करय काय कत लोग।।
               ***
  -प्रभुदयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ
*12*
करय बोल रत बान से,करैं करेजे घाव।
मिटत नईं औषध लयें,कितनउ करौ उपाव।।
           ***
             -तरुणा खरे जबलपुर 
*13*

जैसइ लगें कनागतें,पितर आँय सब याद।
करय दिनों में होत है,तरपन और सिराद।।
               ***
          - डॉ. देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलेहरा 
*14*
हरिश्चंद सौ बोलवौ,बोलौ कियै  पुसात।
साँची कय सें काउ की,करय बुरय हो जात।।
          ***
           -अंजनी कुमार चतुर्वेदी ,निवाड़ी 
*15*
सिया सोंप दो राम खों, लगी करइ जा बात।
रावण  ने रिसयाय कें, भैयै मारी लात।।
         ***
       -आशा रिछारिया ,निवाड़ी
*16*
करय दिनन में खा रहे , सबजी पूड़ी रोज
आज इतै तौ कल उतै , रोजउं हो रय भोज।।
              ***
            -  वीरेन्द्र चंसौरिया टीकमगढ़ 
*17*
करय दिना मीठे लगें, पा पुरखन कौ साथ। 
देत असीसें बे हमें, हम हो जात सनाथ। ।
        ***
        -रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवां
*18*
करइ सोच ना पालियो, करय न बोलो बोल।
मिसरी घोरो प्रीत की, जौ जीवन अनमोल।।
             ***
            -संजय श्रीवास्तव, मवई, (दिल्ली)
*19*
करय बचन है तीर से ,छाती  में घुस जात |
कैबैं  बारौ आदमी, आँखन खौं खुटकात || 
      ***
     -सुभाष सिंघई, जतारा 
*20*
करों न संगत नीछ की,जो करबै बदनाम।
करय नीम से बे लगै, जिनके ओछे काम।।
         ***
        एस आर सरल,  टीकमगढ़
***
         *-राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़*
(संयोजक- बुंदेली दोहा प्रतियोगिता)
मोबाइल- 9893520965
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रचनाएँ
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता के दोहे- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
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जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ द्वारा आयोजित बुंदेली दोहा प्रतियोगिता से चुने हुए बुंदेली दोहों का संकलन
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बुंदेली दोहा बिषय- न्योरे

30 जुलाई 2022
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-72 *बिषय-न्योरे*संयोजक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़दिनांक-30-7-2022*प्राप्त प्रविष्ठियां:-**बिषय-न्योरे**1*न्योरे-न्योरे हय लगै, सब खेतन म

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -82 बिषय-अबेर (देर)

8 अक्टूबर 2022
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- *बुंदेली प्रतियोगी दोहा-82 दिनांक-8/10/2022**बिषय- अबेर**प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*बदन व्यसन में जाय गल,सँभलत होय अबेर।झटपट लेव सुधार लत, नइ तर हुइहै ढेर।।

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-87 (लपसी)

12 नवम्बर 2022
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प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*चूले पै हॅंड़िया चड़ी, डुकरो रइॅं हैं टार ।डुकरा लपसी चाटबे,टपकाउत है लार।।***-आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर*2*लपसी होतइ पुलपुली, खातन में गुरयात।बोंगा बब

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -९०

3 दिसम्बर 2022
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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -९०प्रदत्त शब्द -बजरी (रेत)संयोजक राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ आयोजक- जय बुन्देली साहित्य समूह टीकमगढ़प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*भवन गगनचुम्बी बने, नदियाॅं बनगइं खाइ।ब

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बुंदेली-दोहा प्रतियोगिता -108 शनिवार, दिनांक- 08/04/2023

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-112

6 मई 2023
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*112*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -११२*संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़#शनिवार#दिनांक ०६.०५.२०२३#प्राप्त प्रविष्ठियां :-*बिषय---गों में(मन में)*####################*

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-112 दिनांक-30-09-2023

3 अक्टूबर 2023
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*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता-१३२*#शनिवार#दिनांक३०.०९.२०२३#*संयोजक- राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्रदत्त बिषय-कागौर**1*पुरखन कौ तरपन करत , भोग बनत कागौर |

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-133 दिनांक-7-10-2023

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133 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता नंबर =१३३संयोजक- राजीव नामदेव राना लिधौरीआयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़बिषय--ठगिया प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*ठगिया बन्ना होय तौ ,ठगौ राम कौ नाव ।और ठगे में का

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-135 बिषय- दच्च दिनांक-21-10-2023

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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता 135* प्रदत्त शब्द -दच्च दिनांक-20-10-2023*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*बड़े बाप के पूत हों

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-136

28 अक्टूबर 2023
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-136**जय बुंदेली साहित्य समूह, टीकमगढ़*दिनांक -28/10/2023.*बिषय- न्यौरे**प्राप्त प्रविष्टियां :-**1*न्योरे न्योरे कड गई,उरबतियन की छांय।बैठो रो में घरी भर,उनकी आश लगांय ।।&nbs

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-137

4 नवम्बर 2023
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*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता-137**प्रदत्त शब्द=नब्दा(रौब गाँठना)*दिनांक-4-11-2023*संयोजक-राजीव नामदेव मराना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*निज भैया बैरी भऔ,रखौ

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बुंदेली दोहा प्रतीयोगिता-138

11 नवम्बर 2023
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#बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता--138 ##दिनांक-11-11-2023 *बिषय- #लच्छमी (लक्ष्मी जी) आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह *संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'* *********************** *विशेष टिप्पणी :-* आज

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139

18 नवम्बर 2023
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#बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता--139 ##दिनांक-18-11-2023 *बिषय- #दाँद बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता--139 ##दिनांक-18-11-2023 *बिषय- #दाँद(=अत्याधिक गर्मी, अनावश्यक बहस,उसम ) *बुंदेली-दोहा प्रतियो

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-141 बैठका

2 दिसम्बर 2023
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1* बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-141*प्रदत्त शब्द :- बैठका*दिनांक -2-12-2023संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्रविष्टियां :-**1*-तखत लगै कुरसीं डरीं, सौफ

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-142 दिनांक-9-12-2023

9 दिसम्बर 2023
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*142 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-142* *शनिवार #दिनांक ०९.१२.२०२३# *बिषय-#गुनताड़ौ/#गुनतारौ (उधेड़बुन, उपाय)* *संयोजक- #राजीव_नामदेव '#राना_लिधौरी'* आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ *प्राप्त प्रविष्ठ

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143

16 दिसम्बर 2023
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143**संयोजक- राजीव नामदेव राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह.*विषय -लच्छन* दिनांक-16/12-2023.प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*जी घर में बउ लच्छमी, ऊके सब गुन गात।बउ बिटिया

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-144 (अनमने)

23 दिसम्बर 2023
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*बुंदेली दोहे- अनमने (उदास )* #राना रत जौ अनमने , कितउँ आत ना जात |कौनउँ नौनों काम भी , उनखौं नँईं पुसात || सब पाकैं भी अनमने, जौ मुख&nb

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-146- दिनांक-6-1-2024 गुलगुलौ

6 जनवरी 2024
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#बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता--146 ##दिनांक-6-1-2024 संयोजक -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह. *प्राप्त प्रविष्ठियां :-* *1* गुलगुलात पापा हते , जब बचपन में ऐन । लगत गुलगुलो आज लौ

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-148 के श्रेष्ठ दोहें

20 जनवरी 2024
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148 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-148 दिनांक 20.01.2024प्रदत्त शब्द ##नसेनी संयोजक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह.*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*चढो नसेनी ज्ञान की,थामों गु

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-149 कुजाने (पता नहीं)

27 जनवरी 2024
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149 वीं *बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-149*संयोजक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़**प्रदत्त शब्द-कुजानें (क्या पता)*दिनांक- 27/01/2024*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*कौन सौत

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने गये श्रेष्ठ दोहे

3 फरवरी 2024
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*150 बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150**दोहा प्रदत्त शब्द-भुन्नाने /भुन्नानें (क्रोधित)🌹*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*भन्नानें नइँयाँ क

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-151 (लुगया) से श्रेष्ठ दोहे

10 फरवरी 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगी-151* दिनांक 13.1.2024*प्रदत्त विषय:-लुगया**संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*यारों

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-152 के श्रेष्ठ दोहे पढ़े

17 फरवरी 2024
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##बुंदेली_दोहा_प्रतियोगिता-152* #शनिवार #दिनांक १७.०२.२०२४# *प्रदत्त विषय -फँदकत (रूठना)* *विशेष टिप्पणी:-* आज कुल प्राप्त 13 दोहों में दो दोहे गड़बड़ है एक दोहे के दूसरे चरण में 10 मात्राएं व

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-154

9 मार्च 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-154*.*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'**आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*दिनांक-9/3/2024.*प्रदत्त बिषय- बीदे**प्राप्त प्रवष्ठियां :-**1*नारद बीदे मोह में,करबै ढांडे ब

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-155

16 मार्च 2024
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*155वीं बुंदेली दोहा प्रतियोगिता* दिनांक 16.3.2024प्रदत्त शब्द *कूत*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*राम नाम के जपे सें,भव सें बेड़ा पार।कूत परत बिलकुल नहीं,छूट जात संसार।। *** -

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157के चयनित दोहे

31 मार्च 2024
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157 *बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-157**बिषय-"पैलाँ ,पैलें (पहले) दिनांक-30-3-2024**संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ *प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158 के चयनित दोहे

6 अप्रैल 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158**प्रदत्त शब्द- उँगइयाँ* दिनांक-6/4/2024.*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक- बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*हाँत उँगइयाँ पोरुआ, हैं अनुपम उपह

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-159 के चुने हुए दोहे

13 अप्रैल 2024
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#बुन्देली_दोहा_प्रतियोगिता--159 ##दिनांक-13-4-2024 *बिषय- #चिनार (पहचान) *संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'* आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ *प्राप्त प्रविष्ठियां :-* *1* वे चिनार के द

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-162 सुड़ी

4 मई 2024
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*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता-162**संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़शनिवार,दिनांक - 04/05/2024*बिषय - ' सुड़ी '**1*रेंन,कनक,कै हो कुदइ,जादाँ नहीं खटात।मइँनन जो भरके

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-162 सुड़ी

15 मई 2024
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*बुन्देली दोहा प्रतियोगिता-162**संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़शनिवार,दिनांक - 04/05/2024*बिषय - ' सुड़ी '**1*रेंन,कनक,कै हो कुदइ,जादाँ नहीं खटात।मइँनन जो भरके

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143

15 मई 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-143**संयोजक- राजीव नामदेव राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह.*विषय -लच्छन* दिनांक-16/12-2023.प्राप्त प्रविष्ठियां :-*1*जी घर में बउ लच्छमी, ऊके सब गुन गात।बउ बिटिया

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-168

17 जून 2024
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*बुन्देली प्रतियोगी दोहा -168**विषय:- दाऊ*शनिवार,दिनांक - 15/06/2024*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक-जय बुंदेली साहित्य समूह.टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*नेंनू लोंदा हाँत लयँ, कछु मौं प

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-170

30 जून 2024
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[29/06, 12:55 PM] Rajeev Namdeo: *बुंदेली दोहा- छरक (अरुचि, घृणा )*#राना राखौ तुम छरक ,लबरा जितै दिखाँय।चुगलन जैसे काम कर ,सबरन खौं भरमाँय।।#राना मोरी बात खौं ,तनिक समझियौ आप।बिच्छू सैं लैतइ छरक

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-171

7 जुलाई 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-171*बिषय- झिर दिनांक-6/7/2024.*संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह, टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*चौमासे की झिर लगी,भूकेँ दुके चरेउ।न

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-174 (तिगैला)

27 जुलाई 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-174**बिषय- तिगैला* दिनांक-27/7/2024.*संयोजक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'*आयोजक -जय बुंदेली साहित्य समूह, टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्ठियां :-**1*तीन जुड़े रस्ता जितै, कयें तिगै

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-176 दिनांक-10-8-2024

10 अगस्त 2024
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*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता 176* *प्रदत्त शब्द- कुलाॅंट (पल्टी मारना)*संयोजक -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़*प्राप्त प्रविष्टियां :-**1*जब लै जात कुलाॅंट मन,भौंरा

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177वीं दिनांक-17-8-2024

17 अगस्त 2024
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[17/08, 1:04 PM] Pramod Mishra Baldevgarh: ,,बुन्देली दोहा ,विषय ,,जम,,**************************************मिचवा सौं जम राज खों , बाँधै रावन सोत ।कत"प्रमोद"हम दैखवी , कईसन मृत्यु होत ।।*************

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बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -183 के दोहे

28 सितम्बर 2024
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[28/09, 12:19 PM] Rajeev Namdeo: *बुंदेली दोहा -करय (कडुबे)*करय लगत बे आदमी,साँसी जो कै जात। लबरा उनखौं देखकै,#राना मौ गुड़यात।।ककरी हौबे जब किरा,और करय हौ छौर।खातन जी मचलात है,#राना उगलत क

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