*बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -198*
शनिवार 11 जनवरी 2025
*विषय-कचुल्ला (कटोरा)*
संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आयोजक - जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*
*1*
मानत नइयां बडन की,जो कउं कौनउं सीख।
फिरत कचुल्ला हांथ में, लैकैं मांगत भीख।।
***
-एम एल त्यागी खरगापुर
*2*
लाला जू हरदौल नें,करो अनोखौ काज।
पियो कचुल्ला भर जहर,राखी कुल की लाज।।
***
-विद्या चौहान, फरीदाबाद
*3*
नहीं कचुल्ला अब बचे,एकऊ घर में आज।
हर घर में अब देख लो,है पिलेट कौ राज।।
***
- वीरेन्द्र चंसौरिया टीकमगढ़
*4*
एक कचुल्ला लोभ को,हरदम खाली रात।
कितनउँ भरबै हम उयै,रीतौ सबइ दिखात।।
***
-सुभाष सिंघई , जतारा
*5*
नालायक संतान के,मात-पिता गिगयात।
लयै कचुल्ला हात में, भूखे माँगत खात।।
***
- एस.आर. 'सरल', टीकमगढ़
*6*
दूद भात खिचरी कडी़ , मठा महेरो दार ।
एक कचुल्ला घोरुआ , बिर्रा रोटी चार ।।
***
- प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
*7*
बकत कचुल्ला की बडी, घर घर राखे जात।
दूध महेरौ उर मठा, भर भर सब घर खात।।
***
-रामानन्द पाठक 'नन्द', नैगुवां
*8*
मीरा बाई खों दिखे, जहर कचुल्ला श्याम।
उठा गटागट पी गयीं,मन मन मोहन नाम।।
***
-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
*9*
पी-पी मदिरा रात दिन,मैंटो नेक शरीर।
लिएं कटोरा फिर रहे,घूमत बने फकीर।।
***
- मूरत सिंह यादव, दतिया
*10*
भरो कचुल्ला खीर को, नेता पी रय रोज।
मिले महेरी तक नईं, ललके जनता फोज।।
***
-श्यामराव धर्मपुरीकर गंजबासौदा, विदिशा
*11*
दूद-भात ख्वाबे फिरैं,अम्मा धरे कचुल्ला।
काय करत हैरान तैं,खाले मोरे लल्ला।।
***
-तरुणा खरे,जबलपुर
*12*
दूद-करूला सब करौ, फूलौ-फलौ अघाव,
भरें कचुल्ला भात के, भर-भर पेटाँ खाव ।
***
-अरविन्द श्रीवास्तव, भोपाल
*13*
लीलाधर लीला करें,मैया खों भरमायँ।
लयें कचुल्ला हाँत में,नेंनू रोटी खायँ।।
***
- डॉ. देवदत्त द्विवेदी, बड़ामलहरा
*14*
भरें कचुल्ला गोपियाँ,माखन मिश्री रोज।
ग्वालबाल सँग बैठकें,करें कन्हैया भोज।।
***
- अंजनी कुमार चतुर्वेदी, निवाड़ी
*15*
जिननें बाप मताइ की ,मानीं नइॅंयाॅं सीख।
बेइ कचुल्ला लयॅं फिरत,माॅंगें मिलै न भीख।।
***
-आशाराम वर्मा'नादान' पृथ्वीपुर
*16*
बनौ कचुल्ला ओड़छा,जितै करौ विष पान ।
सत्य कीलाज राखबै,दय लाला नें प्रान ।।
***
-शोभाराम दाँगी, नदनवारा
*17*
क्यांउॅं नजर नइॅं आ रये,रै गव केवल नाम।
चलौ कचुल्ला देखबे, नगर ओरछा धाम।।
***
-भगवान सिंह लोधी 'अनुरागी', हटा
*18*
भरौ कचुल्ला दूध सें,कैसें वाय उठाउॅंं।
भौतइ तातौ दूध है,छीतइ ही जरूर जाउॅं।।
***
-रामसेवक पाठक हरिकिंकर", ललितपुर
---***--
संयोजक राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आयोजक - जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
मोबाइल -9893820965
########@@@@########