1* बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-141
*प्रदत्त शब्द :- बैठका*
दिनांक -2-12-2023
संयोजक- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आयोजक- जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
*प्रविष्टियां :-*
*1*-
तखत लगै कुरसीं डरीं, सौफा लगत दबंग |
हुक्का रख्खौ बैठका , लोंग लायची संग ||
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-सुभाष सिंघई , जतारा
*2*
फटिक शिला को बैठका , बैठें लछमन राम ।
सब बन्दर करवै दते, जोरेँ हाँत प्रनाम ।।
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-प्रमोद मिश्रा ,बल्देवगढ़
*3*
उठत भोर से आज तो , मुखिया के घर द्वार।
भर गव पूरौ बैठका , कौ जीते कौ हार।।
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-रंजना शर्मा, भोपाल
*4*
लीप पोत लो बैठका , करलो मन की टाल ।
काम क्रोध छल द्वेष को ,कचरा देव निकाल।।
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-आशाराम वर्मा " नादान" पृथ्वीपुर
*5*
बनौं बैठका ओरछा,देव कुँवर हरदौल ।
भीम बैठका रायसिन,साँसी कयँ कर कौल ।।
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-शोभाराम दाँगी इंदु, नदनवारा
*6*
चंदन डारौं बैठका,माई शारद तौय।
पाॅंव पखारों दै दियौ,चरनौं की रज मौय।।
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-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी"
*7*
बे पथरन के बैठका, हैं धामों के धाम।
बैठत ते वनबास में,जिनपै सीता-राम।।
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-गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी
*8*
हनमत की चौकी लगी,सजौ राम दरबार।
सुर मुनि बैठे बैठका, कर रय जै जै कार।।
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- एस आर सरल,टीकमगढ़
*9*
सबइ जुरत तै ढोर लै, सबरै जात चरात।
कात बैठका सब जनै, अब तो नईं दिखात।।
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- श्यामराव धर्मपुरीकर ,गंजबासौदा,विदिशा म.प्र.
*10*
बनो राम मंदिर अजब, छाई खुशी अपार।
राम सिया कौ बैठका, करहै जग उद्धार। ।
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-आशा रिछारिया जिला निवाडी
*11*
फूल-बाग शुचि बैठका, बैठत ते हरदौल।
रइयत की सुनकें ब्यथा,न्याय करत ते तौल।।
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-रामानंद पाठक, नैगुवा
*12*
रिस्ते-नातेदार सब,बैठे पैलउँ आँन।
एक बैठका होत है, घर बखरी की साँन।।
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-डां देवदत्त द्विवेदी ,बड़ामलहरा
*13*
सज गव उनको बैठका,घर भर भव तैयार।
करवै आ रय कछु जनै, मौडा़ को बैहार।।
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-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
*14*
पैल हते जो बैठका, भये चेटका आज।
राजा मरे घमंड में, भव कुत्तन कौ राज।।
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-अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
*15*
जमीदार के बैठका,में माते की खाट।
मुखिया आबें बैठबे,तौ फिर देखौ ठाट।।
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-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा( टीकमगढ़)
*16*
उतै हतो जो बैठका , पैलां मोरौ होय।
रुकौ कछू दिन और तुम , फिर दै दैहें तोय।।
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-वीरेंद्र चंसौरिया ,टीकमगढ
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