- *बुंदेली प्रतियोगी दोहा-82
दिनांक-8/10/2022*
*बिषय- अबेर*
*प्राप्त प्रविष्ठियां :-*
*1*
बदन व्यसन में जाय गल,सँभलत होय अबेर।
झटपट लेव सुधार लत, नइ तर हुइहै ढेर।।
***
-अमर सिंह राय, नौगांव
*2*
भइ अबेर हनुमान खौ, दौना गिर लै आय।
पिला मूर संजीवनी, लछमन प्रान बचाय।।
***
-एस आर सरल,टीकमगढ़
*3*
राधा नें कान्हा तकौ , फिर दय गटा तरेर |
दिन डूबै तुम आय हौ , करकै भौत अबेर ||
***
-सुभाष सिंघई, जतारा
*4*
पूत गयौ इसकूल मा, भौतइ भई अबेर।
बेर-बेर रस्ता लखै, ठाडी़ मात मुडेर।।
***
-गीता देवी,औरैया (उत्तर प्रदेश)
*5*
चरबे लै गय हार में , गइयन खां भगवान ।
लौटे किशन "अबेर" सैं ,मइया भइ हैरान ।।
***
-शोभाराम दाँगी 'इंदु', नदनवारा
*6*
राम रोय बोले वचन, आय नही हनुमान।
सटकत रात अबेर भइ ,उग नइ आवै भान।।
***
- प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़
*7*
माला मनका छोड़ कें, मन मनका लो फेर।
हरि भज लो मनुआ मधुर, नातर होत अबेर।।
***
-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
*8*
सुन लइयौ मोरी सकी,लइयौ मोखों टेर।
रहस रचाबें सांवरे,हो ना जाय अबेर।।
***
-जयहिन्द सिंह जयहिन्द,पलेरा जिला टीकमगढ़
*9*
जो अबेर सें पौंचतइ , इसकूलन में रोज।
शासन कर रव रोजऊँ , ऐसन की अब खोज।।
***
- वीरेंद्र चंसौरिया टीकमगढ़
*10*
ऐंन बुड़ापौ आ गयौ, तौ भी नहीं अबेर।
जब जागे तब भुन्सरा,कर लो हरि सें मेर।।
***
✍️ गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुड़ेरा)
*11*
लाज बचा लो बैन की, रइ कान्हा खों टेर।
सुनकें हस हैं लोग सब,जो हो जैय अबेर।।
***
-भगवान सिंह लोधी "अनुरागी",हटा
*12*
लक्ष्मण खों सक्ती लगी,वूटी खों हनुमान।
अवेर आवे ना करी, बची लखन की जान।
***
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवां
*13*
कर अबैर हर आदमी,लैबै काज बिगार।
बरया कै जौ तन मिलौ,बिरथा रहौ निकार।।
***
--प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़
14
शबरी सुमरै राम खों, कैसी करत अबेर।
राज पाट सब छोड़ कें, खाय राम नें बेर।।
-अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकान्त निवाड़ी
*15*
पिया लौट आये नहीं,सावन बीतौ जाय।
होत अबैर जिया जरै , लगत काल नित खाय।।
***
डां प्रीति सिंह परमार, टीकमगढ़
*16*
लुखा लुखै उठ जात ते,हो गयि आज अबेर।
देख जुनै केे खेत मै,भरे चरेऊ ढेर।।
***
पं.बाबू लाल द्विवेदी,छिल्ला, ललितपुर
*17*
जा बुंदेली संदशों,देखो हतो अबेर।
कापी कलम उठाय कै,दोहा लिखो निबेर।
***
-डां. आर बी पटेल "अनजान "छतरपुर
######################
संयोजक राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़
आयोजक - जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़