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चौथा दृश्य

26 जनवरी 2022

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स्थान-वंशनगर-एक सड़क
(गिरीश, लवंग, सलारन और सलोने आते हैं)

लवंग : नहीं, वरंच हम लोग खाने के समय खिसक देंगे और मेरे घर पर आकर भेस बदल कर सब लोग लौट आवेंगे। एक घंटे में सब काम हो जायगा।

गिरीश : हम लोगों ने अभी सब तैयारी नहीं की है।

सलारन : अब तक मशल्चियों का भी कुछ प्रबन्ध नहीं हुआ है।

सलोने : जब तक कि स्वाँग का उत्तमत्ता के साथ प्रबन्ध न हो वह निरा लड़कों का खेल होगा और मेरी सम्मति में ऐसी अवस्था में उसका न करना ही उत्तम होगा।

लवंग : अभी तो केवल चार बजा है-अभी हमें तैयारी के लिए दो घंटे का अवकाश है-

(गोप हाथ में पत्र लिए आता है)

कहो जी गोप क्या समाचार लाए?

गोप : यदि आप इसे खोलेंगे तो आप ही सब समाचार विदित हो जायगा।

लवंग : मैं इन अक्षरों को पहिचानता हूँ, ईश्वर की सौगन्ध कैसे सुन्दर अक्षर है, और जिस कोमल हाथ ने इन्हें लिखा है वह इस पत्र से भी अधिक गोरा है।

गिरीश : निस्सन्देह यह तुम्हारी प्यारी का पत्र है।

गोप : साहिब अब मुझे आज्ञा होती है?

लवंग : कहाँ जाते हो!

गोप : अपने पुराने स्वामी जैन को अपने नये आर्य स्वामी के साथ आज रात को भोजन करने के लिये निमंत्रण देने।

लवंग : ठहरो, यह लो, प्यारी जसोदा से कह दो कि कदापि अन्तर न पड़ेगा-देखो अकेले में कहना-जाओ।

(गोप जाता है)

महाशयो आप लोग अब तो रात के लिये स्वाँग की तैयारी करेंगे? मशाल दिखलाने वाले का प्रबन्ध हो गया।

सलारन : जी हाँ मैं अभी जाकर तैयार होता हूँ।

सलौने : और मैं भी चला।

लवंग : लगभग एक घंटे के बाद गिरीश के घर पर मुझसे और गिरीश से मिलना।

सलारन : बहुत ठीक।

गिरीश : वह पत्र जसोदा ही का न था? (सलारन और सलोने जाते हैं)

लवंग : अवश्य है कि मैं तुझसे सब हाल वर्णन कर दूँ। उसने मुझे सूचना दी है कि मैं उसे किस भाँति उसके बाप के घर से ले जाऊँ, कितनी अशरफी और गहने उसने ले रक्खे हैं, और कैसा परिचारक का वस्त्र अपने लिये उपस्थित कर रक्खा है। भाई गिरीश यदि कभी इसके बाप जैन को स्वर्ग में आने की आज्ञा मिलेगी तो अपनी बेटी के सुकृत के बदले, और यदि कभी कोई बुराई इस तक आवेगी तो इस बहाने से कि वह एक अधर्मी जैन की बेटी है। आओ, मेरे साथ आओ, मार्ग में इसे पढ़ते चलो। सुन्दरी जसोदा आज स्वाँग में मशाल दिखलावेगी।

(दोनों जाते हैं) 

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रचनाएँ
दुर्लभ बन्धु
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उन्होंने कई नाटक, रोजमर्रा की जिंदगी का चित्रण, और सफरनामे लिखे। लेकिन, हरिश्चंद्र की सबसे उल्लेखनीय रचनाएँ आम लोगों की परेशानियों, गरीबी, शोषण, मध्यम वर्ग की अशांति को संबोधित करती हैं, और राष्ट्रीय प्रगति के लिए आग्रह करती हैं। अपने जीवनकाल में, हरिश्चंद्र ने सक्रिय रूप से हिंदी साहित्य के पुनरुद्धार को बढ़ावा दिया और जनता की राय को आकार देने के प्रयास में अपने नाटकों का इस्तेमाल किया।
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प्रथम अंक : पहला दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-वंशपुर की सड़क (अनन्त, सरल और सलोने आते हैं) अनन्त : सचमुच न जाने मेरा जी इतना क्यों उदास रहता है, इससे मैं तो व्याकुल हो ही गया हूँ पर तुम कहते हो कि तुम लोग भी घबड़ा गए। हा, न जाने यह उदासी कै

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दूसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-विल्वमठ में पुरश्री के घर का एक कमरा (पुरश्री और नरश्री आती हैं) पुरश्री : नरश्री मैं सच कहती हूँ कि मेरा नन्हा सा जी इतने बड़े संसार से बहुत ही दुःखी आ गया है। नरश्री : मेरी प्यारी सखी यह बात

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तीसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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(बसन्त और शैलाक्ष आते हैं) शैलाक्ष : छः सहस्र मुद्रा-हूँ। बसन्त : हाँ साहिब-तीन महीने के वादे पर। शैलाक्ष : तीन महीने का वादा-हूँ। बसन्त : और इसके लिये, जैसा कि मैं आप से कह चुका हूँ, अनन्त जामिन

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द्वितीय अंक : पहला दृश्य

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स्थान-विल्वमठ। पुरश्री के घर का एक कमरा (तुरहियाँ बजती हैं। मोरकुटी का राजकुमार अपने सभासदों के सहित और पुरश्री, नरश्री और अपनी दूसरे सहेलियों के संग आती है।) मोरकुटी : मेरी रंगत देखकर मुझसे घृणा न

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दूसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-बंशनगर-एक सड़क (गोप आता है) गोप : निस्सन्देह मेरा धर्म मुझे इस जैन अपने स्वामी के पास से भाग जाने की सम्मति देगा। प्रेत मेरे पीछे लगा है और मुझे बहकाता है कि गोप, मेरे अच्छे गोप, पाँव उठाओ, आग

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तीसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-वंशनगर, शैलाक्ष के घर की एक कोठरी (जसोदा और गोप आते हैं) जसोदा : मुझे खेद है कि तू मेरे बाप की नौकरी छोड़ता है। यह घर मुझे नरक समान लगता है पर तुझ ऐसे हँसमुख भूत के कारण थोड़ा बहुत जी बहल जाता

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चौथा दृश्य

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स्थान-वंशनगर-एक सड़क (गिरीश, लवंग, सलारन और सलोने आते हैं) लवंग : नहीं, वरंच हम लोग खाने के समय खिसक देंगे और मेरे घर पर आकर भेस बदल कर सब लोग लौट आवेंगे। एक घंटे में सब काम हो जायगा। गिरीश : हम लो

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पाँचवाँ दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-वंशनगर-शैलाक्ष के घर के सामने (शैलाक्ष और गोप आते हैं) शैलाक्ष : अच्छा तो तू देखेगा, तेरी आँखें आप ही इस बात का न्याय करेंगी कि वृद्ध शैलाक्ष और बसन्त में कितना अन्तर है। अरी जसोदा! जैसा तू मे

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छठा दृश्य

26 जनवरी 2022
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(स्थान-शैलाक्ष के घर के सामने) (गिरीश और सलारन भेस बदले हुए आते हैं) गिरीश : यही बरामदा है जिसके नीचे लवंग ने हमें खड़े रहने को कहा था। सलारन : उनका समय तो हो गया। गिरीश : आश्चर्य है कि उन्होंने द

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सातवाँ दृश्य

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स्थान-विल्वमठ, पुरश्री के घर का एक कमरा, (तुरहियाँ बजती हैं। पुरश्री और मोरकुटी का राजुकुमार अपने अपने साथियों के साथ आते हैं) पुरश्री : जाओ, पर्दे उठाओ और इस प्रतिष्ठित राजकुमार को तीनों सन्दूक दिख

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आठवाँ दृश्य

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स्थान-वंशनगर, एक सड़क (सलारन और सलोने आते हैं) सलारन : अजी मैंने स्वयं बसन्त को जहाज पर जाते देखा; उन्हीं के साथ गिरीश भी गया है, पर मुझे विश्वास है कि उस जहाज में लवंग कदापि नहीं है। सलोने : उस दु

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नवाँ दृश्य

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स्थान-विल्वमठ, पुरश्री के घर का एक कमरा (नरश्री एक नौकर के साथ आती है) नरश्री : शीघ्रता करो; पर्दे को झटपट उठाओ; आर्यग्राम के राजकुमार शपथ ले चुके और सन्दूक चुनने के लिये पहुँचा ही चाहते हैं। (तुरहि

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तीसरा अंक : पहला दृश्य

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स्थान-वंशनगर, एक सड़क (सलोने और सलारन आते हैं) सलोने : कहो बाजार का कोई नया समाचार है? सलारन : इस बात का अब तक वहाँ बड़ा कोलाहल है कि अनन्त का एक अनमोल माल से लदा हुआ जहाज उस छोटे समुद्र में नष्ट हो

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दूसरा दृश्य

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स्थान-विल्वमठ, पुरश्री के घर का एक कमरा (बसन्त, पुरश्री, गिरीश, नरश्री, और उनके साथी आते हैं। सन्दूक रक्खे जाते हैं) पुरश्री : भगवान के निहोरे थोड़ा ठहर जाइए। भला अपने भाग्य की परीक्षा के पहले एक दो

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तीसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-वंशनगर की एक सड़क (शैलाक्ष, सलारन, अनन्त और कारागार के प्रधान आते हैं) शैलाक्ष : प्रधान इससे सचेत रहो; मुझसे दया का नाम न लो। यही वह मूर्ख है जो लोगों को बिना ब्याज रुपये ऋण दिया करता था। प्रधा

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चौथा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-विल्वमठ पुरश्री के घर का एक कमरा (पुरश्री, लवंग, जसोदा और बालेसर आते हैं) लवंग : प्यारी यद्यपि आप के मुँह पर कहना सुश्रूषा है पर आप में ठीक देवताओं का सा सच्चा और पवित्र प्रेम पाया जाता है और

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पाँचवाँ दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-विल्वमठ-एक उद्यान (गोप और जसोदा आते हैं) गोप : हाँ बेशक-तुम जानती हो कि पिता के पापों का दण्ड उसके बच्चों को भोगना पड़ता है। इसलिये मैं सच कहता हूँ कि मुझे तुम्हारा अमंगल दृष्टि आता है। मैंने त

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चौथा अंक : पहला दृश्य

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स्थान-वंशनगर राजद्वार (मण्डलेश्वर वंशनगर, प्रधान लोग, अनन्त, बसन्त, गिरीश, सलारन, सलोने और दूसरे लोग आते हैं) मण्डलेश्वर : अनन्त आ गए हैं? अनन्त : धर्मावतार उपस्थित हूँ! मण्डलेश्वर : मुझे तुम पर अ

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दूसरा दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-वंशनगर की एक सड़क (पुरश्री और नरश्री आती हैं) पुरश्री : जैन के घर का पता लगा कर उससे झटपट इस पाण्डुलिपि पर हस्ताक्षर करा लो। हम लोग आज ही रात को चलते होंगे, जिसमें अपने पति से एक दिन पहले घर पह

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पाँचवाँ अंक : पहिला दृश्य

26 जनवरी 2022
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स्थान-विल्वमठ, पुश्री के घर का प्रवेशद्वार (लवंग और जसोदा आते हैं) लवंग : आहा! चाँदनी क्या आनन्द दिखा रही है! मेरे जान ऐसी ही रात में जब कि वायु इतना मन्द चल रहा था कि वृक्षों के पत्तों का शब्द तक स

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