योग आसन के बारे में जानकारी योग आसन विधि और लाभ कब करना चाहिए और कब नहीं योग अपनाएं और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाइए योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करे
योग आसन के बारे में जानकारी योग आसन विधि और लाभ कब करना चाहिए और कब नहीं योग अपनाएं और अपने जीवन को स्वस्थ और सुंदर बनाइए योग करेगा सबका उपचार : जानिए किस बीमारी में कौन सा आसन करे
स्वाद का हर व्यक्ति दिवाना होता है। स्वाद मीठा किसी को पसंद होता है तो किसी को कड़वा तो किसी को चटपटा तो किसी को खट्टा आदि। कोई दक्षिण भारतीय व्यंजनों का दिवाना होता है तो कोई गुजराती ढोकले का।सबका पसंद अलग-अलग होता है लेकिन भोजन बिना हर जीवन बेकार ह
स्वाद का हर व्यक्ति दिवाना होता है। स्वाद मीठा किसी को पसंद होता है तो किसी को कड़वा तो किसी को चटपटा तो किसी को खट्टा आदि। कोई दक्षिण भारतीय व्यंजनों का दिवाना होता है तो कोई गुजराती ढोकले का।सबका पसंद अलग-अलग होता है लेकिन भोजन बिना हर जीवन बेकार ह
शब्दार्थ:- मेरे मन के .... मेरी किताब प्रेरक लेखों का संग्रह है।मेरा विश्वास है कि प्रिय पाठक इन लेखों को पढ़ने के बाद अपने पूरे मन से कहेंगे कि..... जिंदगी चेतना को वापस पाने का नाम है। धन्यवाद्
शब्दार्थ:- मेरे मन के .... मेरी किताब प्रेरक लेखों का संग्रह है।मेरा विश्वास है कि प्रिय पाठक इन लेखों को पढ़ने के बाद अपने पूरे मन से कहेंगे कि..... जिंदगी चेतना को वापस पाने का नाम है। धन्यवाद्
यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश है। सावरकर की प्रचलित छवियों के बरक्स यह किताब उनके क्रांतिकारी से राजनेता और फिर हिन्दुत्व की राजनीति के वैचारिक प्रतिनिधि तथा पुरोधा बनने तक के वास्तविक विकास क्रम को समझने का प्रयास
यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश है। सावरकर की प्रचलित छवियों के बरक्स यह किताब उनके क्रांतिकारी से राजनेता और फिर हिन्दुत्व की राजनीति के वैचारिक प्रतिनिधि तथा पुरोधा बनने तक के वास्तविक विकास क्रम को समझने का प्रयास
दैनिक जीवन में तकनीक ने क्रांति ला दी है। क्या हम इसका उपयोग अपने को विकसित करने पृथ्वी को बचाने व जागरुकता लाने में कर सकते है। हमारे पास नये नये खोजो से चलने वाले यन्त्र है जो आज तीव्र गति से पैर पसार चुके है जिसके हम आदि है और हमारी धरती जो हरी भर
दैनिक जीवन में तकनीक ने क्रांति ला दी है। क्या हम इसका उपयोग अपने को विकसित करने पृथ्वी को बचाने व जागरुकता लाने में कर सकते है। हमारे पास नये नये खोजो से चलने वाले यन्त्र है जो आज तीव्र गति से पैर पसार चुके है जिसके हम आदि है और हमारी धरती जो हरी भर
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के अहंकार से होने वाली पारिवारिक तबाही को दर्शाने की कोशिश की है औरत अहंकार में आकर दूसरों के साथ साथ अपना भी जीवन बर्बाद कर लेती है पर इसका अहसास उसे बहुत बाद में होता है तब कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय पश्चाताप के
मैंने अपने इस उपन्यास में औरत के अहंकार से होने वाली पारिवारिक तबाही को दर्शाने की कोशिश की है औरत अहंकार में आकर दूसरों के साथ साथ अपना भी जीवन बर्बाद कर लेती है पर इसका अहसास उसे बहुत बाद में होता है तब कुछ नहीं किया जा सकता सिवाय पश्चाताप के
ओशो अपनी किताब ध्यान योग, प्रथम और अंतिम मुक्ति में कहते हैं कि 'ध्यानयोग प्रथम और अंतिम मुक्ति' ओशो द्वारा सृजित अनेक ध्यान विधियों का विस्तृत व प्रायोगिक विवरण है। ध्यान में कुछ अनिवार्य तत्व हैः विधि कोई भी हो, वे अनिवार्य तत्व हर विधि के लिए आवष
ओशो अपनी किताब ध्यान योग, प्रथम और अंतिम मुक्ति में कहते हैं कि 'ध्यानयोग प्रथम और अंतिम मुक्ति' ओशो द्वारा सृजित अनेक ध्यान विधियों का विस्तृत व प्रायोगिक विवरण है। ध्यान में कुछ अनिवार्य तत्व हैः विधि कोई भी हो, वे अनिवार्य तत्व हर विधि के लिए आवष
मेरी डायरी का नाम है दिलरुबा,,, मेरे व्यक्तित्व का आईना है मेरी डायरी,, आप इसमें प्रतिदिन मेरे आस-पास घटित होने वाली छोटी बड़ी बातों से रूबरू होंगे साथ ही अपने सुख-दुख के पल को मैं आपके साथ साझा करती रहूंगी,, और रोजाना एक कुकिंग टिप्स भी आपके साथ शे
मेरी डायरी का नाम है दिलरुबा,,, मेरे व्यक्तित्व का आईना है मेरी डायरी,, आप इसमें प्रतिदिन मेरे आस-पास घटित होने वाली छोटी बड़ी बातों से रूबरू होंगे साथ ही अपने सुख-दुख के पल को मैं आपके साथ साझा करती रहूंगी,, और रोजाना एक कुकिंग टिप्स भी आपके साथ शे
हम जो जीवन जी रहे है क्या उससे हम संतुष्ट है।हमने जो चाहा था वो हमे मिल गया भरपूर पैसा मनमाफिक पद व प्रतिष्ठा।क्या हम अब भी खुश है? हमने वो सफर पूरी कर ली जिसकी तलाश थी।मैं ऊन लोगो को पूछ रहा हूँ जिन्होंने सफलता पा ली अब वे अपने जीवन से संतुष्ट है।जब
हम जो जीवन जी रहे है क्या उससे हम संतुष्ट है।हमने जो चाहा था वो हमे मिल गया भरपूर पैसा मनमाफिक पद व प्रतिष्ठा।क्या हम अब भी खुश है? हमने वो सफर पूरी कर ली जिसकी तलाश थी।मैं ऊन लोगो को पूछ रहा हूँ जिन्होंने सफलता पा ली अब वे अपने जीवन से संतुष्ट है।जब
अमृत लाल नागर 1932 में निरंतर लेखन किया। अमृतलाल नागर हिन्दी के उन गिने-चुने मूर्धन्य लेखकों में हैं जिन्होंने जो कुछ लिखा है वह साहित्य की निधि बन गया है। सभी प्रचलित वादों से निर्लिप्त उनका कृतित्व और व्यक्तित्व कुछ अपनी ही प्रभा से ज्योतित है उन्ह
अमृत लाल नागर 1932 में निरंतर लेखन किया। अमृतलाल नागर हिन्दी के उन गिने-चुने मूर्धन्य लेखकों में हैं जिन्होंने जो कुछ लिखा है वह साहित्य की निधि बन गया है। सभी प्रचलित वादों से निर्लिप्त उनका कृतित्व और व्यक्तित्व कुछ अपनी ही प्रभा से ज्योतित है उन्ह
स्वामी विवेकानंद के विचार आज के इस आधुनिक युग में प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत हैं जो निराशा से भरे जीवन में आशा की एक नदी बहाते हैं। उनके ओजस्वी भाषण, उनके द्वारा दिए गए प्रेरणादाई उपदेश जीवन में आगे बढ़ने के लिए और जीवन में सफलता हासिल करने में सहायता
स्वामी विवेकानंद के विचार आज के इस आधुनिक युग में प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत हैं जो निराशा से भरे जीवन में आशा की एक नदी बहाते हैं। उनके ओजस्वी भाषण, उनके द्वारा दिए गए प्रेरणादाई उपदेश जीवन में आगे बढ़ने के लिए और जीवन में सफलता हासिल करने में सहायता
प्रेम से बड़ी आग नहीं है दुनिया में, प्रेम है अकेला जो आत्मा को जलाता है और निखारता है 'प्रेम - पंथ ऐसो कठिन' ओशो के प्रश्नोत्तर प्रवचनों का अद्भुत संकलन है यह। इस में प्रेम पर विस्तृत चर्चा की गई है। प्रेम को ओशो निर्मोही मानते हैं। प्रेम न तो कब्जा
प्रेम से बड़ी आग नहीं है दुनिया में, प्रेम है अकेला जो आत्मा को जलाता है और निखारता है 'प्रेम - पंथ ऐसो कठिन' ओशो के प्रश्नोत्तर प्रवचनों का अद्भुत संकलन है यह। इस में प्रेम पर विस्तृत चर्चा की गई है। प्रेम को ओशो निर्मोही मानते हैं। प्रेम न तो कब्जा
हिमाच्छादित पहाड़ की छटा, उनमें उमड़ते-घुमड़ते मखमली बादल, दूर तक कल-कल करते झरनों-सरिताओं के स्वर, देखने-सुनने में जितने मनमोहक होते हैं, वहाँ का जीवन उतना ही कठिन होता है। कभी भूस्खलन तो कभी बादल फटने जैसी घटनाएँ आमतौर पर देखी जाती हैं। सुख-सुविधाओ
हिमाच्छादित पहाड़ की छटा, उनमें उमड़ते-घुमड़ते मखमली बादल, दूर तक कल-कल करते झरनों-सरिताओं के स्वर, देखने-सुनने में जितने मनमोहक होते हैं, वहाँ का जीवन उतना ही कठिन होता है। कभी भूस्खलन तो कभी बादल फटने जैसी घटनाएँ आमतौर पर देखी जाती हैं। सुख-सुविधाओ
पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक
पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक
हमारे कुछ पॉइंट्स होते हैं ,जो हर एक काम के लिए जिम्मेवार होते हैं ! इन पॉइंट्स को यदि संतुलित ऊर्जा मिले तो हमारा जीवन आसान हो जाता हैं ! जैसे धन के लिए रुट चक्र होता हैं ! नौकरी में स्थाई न होना ,जॉब न होना, धन का सुरक्षित न होना यह सब इस चक्र
हमारे कुछ पॉइंट्स होते हैं ,जो हर एक काम के लिए जिम्मेवार होते हैं ! इन पॉइंट्स को यदि संतुलित ऊर्जा मिले तो हमारा जीवन आसान हो जाता हैं ! जैसे धन के लिए रुट चक्र होता हैं ! नौकरी में स्थाई न होना ,जॉब न होना, धन का सुरक्षित न होना यह सब इस चक्र