इस माह की दैनन्दिनी में आपको विविध विषयों के अंतर्गत जहाँ एक ओर हमारे सामाजिक चिंतन में मित्रता और आज़ादी के गर्व और खेलों के महत्व को समझने-पढ़ने को मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सनातन धर्म की महानता के साथ ही लोक जीवन में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत
इस माह की दैनन्दिनी में आपको विविध विषयों के अंतर्गत जहाँ एक ओर हमारे सामाजिक चिंतन में मित्रता और आज़ादी के गर्व और खेलों के महत्व को समझने-पढ़ने को मिलेगा वहीँ दूसरी ओर सनातन धर्म की महानता के साथ ही लोक जीवन में रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस और गणेशोत
प्रेम की वेदी प्रेमचंद का एक सामाजिक नाटक है। वैसे तो प्रेमचंद मूलतः उपन्यासकार, कहानीकार हैं, लेकिन उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे हैं। प्रेमचंद स्वभावतः सामाजिक-चेतना के लेखक हैं। यही सामाजिक-चेतना उनकी रचनाओं में अलग-अलग रूप में चित्रित हुई है। प्रेम क
प्रेम की वेदी प्रेमचंद का एक सामाजिक नाटक है। वैसे तो प्रेमचंद मूलतः उपन्यासकार, कहानीकार हैं, लेकिन उन्होंने कुछ नाटक भी लिखे हैं। प्रेमचंद स्वभावतः सामाजिक-चेतना के लेखक हैं। यही सामाजिक-चेतना उनकी रचनाओं में अलग-अलग रूप में चित्रित हुई है। प्रेम क
तसलीमा नसरीन की यह पुस्तक जिसका अनुवाद सुशील गुप्ता ने किया है विभिन्न अखबारों में लिखे हुए कॉलमों का संग्रह है! यह किताब उन औरतों को समर्पित है,जो अपने कदम,’लोग क्या कहेंगे’ के दर से पीछे नहीं हटातीं। उन लोगों की जो इच्छा होती है,वही करती हैं। वर्तम
तसलीमा नसरीन की यह पुस्तक जिसका अनुवाद सुशील गुप्ता ने किया है विभिन्न अखबारों में लिखे हुए कॉलमों का संग्रह है! यह किताब उन औरतों को समर्पित है,जो अपने कदम,’लोग क्या कहेंगे’ के दर से पीछे नहीं हटातीं। उन लोगों की जो इच्छा होती है,वही करती हैं। वर्तम
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
अगर लक्ष्य निर्धारित हों, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, सोच स्पष्ट हो तो कम संख्या के लोग भी बदलाव ला सकते हैं, किसी की जिंदगी बदल सकते हैं, भविष्य को सुधार सकते हैं। अगर आप उद्यमी हैं तो आपमें यह दृष्टि होनी चाहिए कि आपका आइडिया किस तरह की शक्ल अख्तियार करेगा
अगर लक्ष्य निर्धारित हों, दृढ़ इच्छाशक्ति हो, सोच स्पष्ट हो तो कम संख्या के लोग भी बदलाव ला सकते हैं, किसी की जिंदगी बदल सकते हैं, भविष्य को सुधार सकते हैं। अगर आप उद्यमी हैं तो आपमें यह दृष्टि होनी चाहिए कि आपका आइडिया किस तरह की शक्ल अख्तियार करेगा
अपना पेट भरने के लिए घरों की छत पर या दीवारों के कोनों में जहाँ-तहाँ अजीबोगरीब जालों का ताना-बाना बुनने वाली मकड़ियों का जीवन भी कई प्रकार के भ्रम, भ्रांतियाँ और मिथक के जाल में फंसा होता है। सच तो यह है कि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने में
अपना पेट भरने के लिए घरों की छत पर या दीवारों के कोनों में जहाँ-तहाँ अजीबोगरीब जालों का ताना-बाना बुनने वाली मकड़ियों का जीवन भी कई प्रकार के भ्रम, भ्रांतियाँ और मिथक के जाल में फंसा होता है। सच तो यह है कि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाए रखने में
महान शिक्षक जे. कृष्णमूर्ति की वार्ताओं तथा लेखन से संकलित संक्षिप्त उद्धरणों का यह क्लासिक संग्रह ध्यान के संदर्भ में उनकी शिक्षा को सार प्रस्तुत करता है-अवधान की, होश की वह अवस्था जो विचार से परे है, जो समस्त द्वंद्व, भय व दुख से पूर्णतः मुक्ति लात
महान शिक्षक जे. कृष्णमूर्ति की वार्ताओं तथा लेखन से संकलित संक्षिप्त उद्धरणों का यह क्लासिक संग्रह ध्यान के संदर्भ में उनकी शिक्षा को सार प्रस्तुत करता है-अवधान की, होश की वह अवस्था जो विचार से परे है, जो समस्त द्वंद्व, भय व दुख से पूर्णतः मुक्ति लात
मेवाड़ी विज्ञान को किस्सा गोई द्वारा अनूठे अंदाज से समझाने के लिए जाने जाते हैं। देवेंद्र मेवाड़ी ऐसे प्रयोगधर्मी लेखक माने जाते हैं जिन्हें जटिल साहित्य को सरल तरीके से प्रस्तुत करने की महारत हासिल है। वह जितना अच्छा लिखते हैं उससे अच्छा उसका मौखिक
मेवाड़ी विज्ञान को किस्सा गोई द्वारा अनूठे अंदाज से समझाने के लिए जाने जाते हैं। देवेंद्र मेवाड़ी ऐसे प्रयोगधर्मी लेखक माने जाते हैं जिन्हें जटिल साहित्य को सरल तरीके से प्रस्तुत करने की महारत हासिल है। वह जितना अच्छा लिखते हैं उससे अच्छा उसका मौखिक
अजय सोडानी की किताब 'दरकते हिमालय पर दर-ब-दर’ इस अर्थ में अनूठी है कि यह दुर्गम हिमालय का सिर्फ़ एक यात्रा-वृत्तान्त भर नहीं है, बल्कि यह जीवन-मृत्यु के बड़े सवालों से जूझते हुए वाचिक और पौराणिक इतिहास की भी एक यात्रा है। इस पुस्तक को पढ़ते हुए बार-बार
अजय सोडानी की किताब 'दरकते हिमालय पर दर-ब-दर’ इस अर्थ में अनूठी है कि यह दुर्गम हिमालय का सिर्फ़ एक यात्रा-वृत्तान्त भर नहीं है, बल्कि यह जीवन-मृत्यु के बड़े सवालों से जूझते हुए वाचिक और पौराणिक इतिहास की भी एक यात्रा है। इस पुस्तक को पढ़ते हुए बार-बार
एक संवाद लगातार बना रहता है अकेली यात्राओं में। मैंने हमेशा उन संवादों के पहले का या बाद का लिखा था... आज तक। ठीक उन संवादों को दर्ज करना हमेशा रह जाता था। इस बार जब यूरोप की लंबी यात्रा पर था तो सोचा, वो सारा कुछ दर्ज करूँगा जो असल में एक यात्री अपन
एक संवाद लगातार बना रहता है अकेली यात्राओं में। मैंने हमेशा उन संवादों के पहले का या बाद का लिखा था... आज तक। ठीक उन संवादों को दर्ज करना हमेशा रह जाता था। इस बार जब यूरोप की लंबी यात्रा पर था तो सोचा, वो सारा कुछ दर्ज करूँगा जो असल में एक यात्री अपन
Born and brought up in the lap of Garhwal Himalayas, Smt. Swarnalata Dobhal is a graduate of Garhwal University. When she got time from her daily household chores, she usually penned her thoughts in words. Through poetry writing, she has expressed he
Born and brought up in the lap of Garhwal Himalayas, Smt. Swarnalata Dobhal is a graduate of Garhwal University. When she got time from her daily household chores, she usually penned her thoughts in words. Through poetry writing, she has expressed he
एक दुनिया जो हमारे इर्द-गिर्द होती है, जहाँ हम रहते हैं, हमारे कम्फ़र्ट ज़ोन की दुनिया और एक दुनिया उससे कहीं दूर- हमारे सपनों की दुनिया। लेकिन उस दूसरी दुनिया तक पहुँचना इतना आसान नहीं होता।वहाँ पहुँचने के लिए कुछ सीमाएँ लाँघनी पड़ती हैं,पार करने होते
एक दुनिया जो हमारे इर्द-गिर्द होती है, जहाँ हम रहते हैं, हमारे कम्फ़र्ट ज़ोन की दुनिया और एक दुनिया उससे कहीं दूर- हमारे सपनों की दुनिया। लेकिन उस दूसरी दुनिया तक पहुँचना इतना आसान नहीं होता।वहाँ पहुँचने के लिए कुछ सीमाएँ लाँघनी पड़ती हैं,पार करने होते
इस पुस्तक में भगिनी निवेदिता के समर्पित व्यक्तित्व की एक झलक प्रस्तुत करने की चेष्टा की गई है। निःसंदेह ऐसे महान् चरित्रों की उपलब्धियाँ शब्दों में नहीं आँकी जा सकतीं; किंतु यह हमारी ओर से उस सच्ची साधिका के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि है। आशा है; पा
इस पुस्तक में भगिनी निवेदिता के समर्पित व्यक्तित्व की एक झलक प्रस्तुत करने की चेष्टा की गई है। निःसंदेह ऐसे महान् चरित्रों की उपलब्धियाँ शब्दों में नहीं आँकी जा सकतीं; किंतु यह हमारी ओर से उस सच्ची साधिका के प्रति एक विनम्र श्रद्धांजलि है। आशा है; पा
शारीरिक शिक्षा और योग का बच्चों के शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यह पुस्तक उच्च प्राथमिक स्तर के लिए तैयार की गई है। इस पाठ्यसामग्री का अधिक बल शिक्षार्थियों के मध्य शारीरिक क्षमता, भावात्मक स्थिरता, एकाग्रता औ
शारीरिक शिक्षा और योग का बच्चों के शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। यह पुस्तक उच्च प्राथमिक स्तर के लिए तैयार की गई है। इस पाठ्यसामग्री का अधिक बल शिक्षार्थियों के मध्य शारीरिक क्षमता, भावात्मक स्थिरता, एकाग्रता औ
Pratyek vyakti ke jeevan me ghatit bahut se satyo ka aadhar hai- Marham. Kavita aur manushya ke sanyog ko prastut karne ki chetna ki gayi hai. Yeh kitab do tarah ke logon ko samarpit hai : pehle wo, jo mehaz saans le rhe hain aur dusre wo, jo saans l
Pratyek vyakti ke jeevan me ghatit bahut se satyo ka aadhar hai- Marham. Kavita aur manushya ke sanyog ko prastut karne ki chetna ki gayi hai. Yeh kitab do tarah ke logon ko samarpit hai : pehle wo, jo mehaz saans le rhe hain aur dusre wo, jo saans l
साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि
साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि
Friends मेरा नाम Anil Solanki है। ये मेरी रियल लाइफ स्टोरी है। के कैसे मेने अपनी क्षमता/Talent/Ability को पहचाना उसे Explore किया और सफलता हाँसिल की। मेने अपना Career की शुरुआत 17 साल की उम्र मे as a office boy की थी। मे कंपनी मे साफ़सफाइ चाय पिलान
Friends मेरा नाम Anil Solanki है। ये मेरी रियल लाइफ स्टोरी है। के कैसे मेने अपनी क्षमता/Talent/Ability को पहचाना उसे Explore किया और सफलता हाँसिल की। मेने अपना Career की शुरुआत 17 साल की उम्र मे as a office boy की थी। मे कंपनी मे साफ़सफाइ चाय पिलान