ख्याल मन में जब हलचल मचाएं बातें दिल को किसी को कहने से कतराए सखी बने दैनन्दिनी प्यारी सुने दिल हाल निभाएं सच्ची यारी
मेरे प्रिय पाठकों, जिसमें दुधमुहे बच्चों से लेकर उम्रदराज मेरे भाई बहन और बेटी बेटे जैसे युवा और स्कूल, कालेज जाने वाले टीन एजर सभी शामिल हैं । चौकिये मत, दुधमुहे इसलिए लिखा है कि बचपन की मधुर थपकियों से ही तो नींव बनती है । इसलिए जिसे बचपन प्यार
जब ग्रीष्म ऋतु में सूरज के भीषण ताप से सम्पूर्ण धरती के साथ ही जीव-जंतु झुलस कर आकुल-व्याकुल हो उठते हैं तब समस्त जीव-जगत को वर्षा ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा रहती है और जैसे ही आकाश में बादल आकर बरसते हैं तो झुलसी, मुरझाई धरती और जीव-जगत में नवजीवन संच
ये किताब हमारे जीवन की बहुत सारी अच्छी या बुरी कसौटीयों पर आधारित है । अक्सर हमारी जिंदगी में ये समय आते जाते रहते हैं । इस किताब में दैनिक प्रतियोगिता के शीर्षक के बारे में भी लिखा गया है । संजू की डायरी के अन्य शीर्षक आपको कुछ याद दिलाएंगी , जो आपक
इस कहानी का शीर्षक है गुप्त रोग क्या फस गया रणवीर इसमें दर्शाया गया है कि कैसे एक औरत गैर मर्द के साथ नाजायज संबंध बनाती हैं अपने पति के बाहर जाने के बाद अपने आशिक को बुलाना यह कहानी रोमांच से भरी हुई है इसे पढ़कर आपको आनंद जरूर मिलेगा
दैननंदिनी कुछ इधर उधर की बात जरा सी खुद से मुलाकात आजकल जो व्यस्तता का है दौर जिम्मेदारी दुनियादारी में खुद के लिए नहीं मिलता सुकून का ठौर ऐसे में दैननंदिनी के साथ जरा कर ले खुद से मुलाकात खुद की तलाश पर कुछ पल लगता विराम दिल की बाते अपनी सखी से कर म
साहित्ये ज्ञानराशि: निहिता: भवन्ति। अनुवादमाध्यमेन विविधभाषासु प्रसरिता:। अनुवादमाध्यमेन साहित्येषु निहितज्ञानराशिभि: लाभान्विता: भवन्ति। संस्कृते विपुलसाहित्यरचना उपलब्धा:। अस्यां भाषायां उपलब्धग्रन्थाणां विश्वस्य विविधभाषासु अनुवादा: उपलब्धा:। विवि
(अरुण गाँधी के उपनाम से राजनीति, पत्रकारिता एवं वरिष्ठ मित्रों में १९८० से १९९० के दशक में प्रचलित एक नाम) १८ वर्ष की उम्र में पत्रकारिता आरम्भ, प्रदेश-स्तरीय राजकीय मान्यताप्राप्त पत्रकार, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के लिए राष्ट्र-स्तरीय नि
ये पुस्तक स्वतंत्रता सेनानी, स्वर्गीय श्री बनारसी दास गोटे वाले की जीवन गाथा है। मै रश्मि गुप्ता इस पुस्तक की लेखिका, सौभाग्यशाली हूँ कि मैं उनकी पुत्री हूँ । जितना करीब से जाना, देखा है, उसे सब के समक्ष रखना चाहती हूँ । मुझे पूर्ण आशा है कि उनक
सही उम्र क्या हैं ध्यान करने की इस लेख में आप को पता चलेगा !
रामखिलावन एक सीधा साधा गांव का युवक है पर उसने बहुत ही जल्दी पोस्ट ग्रेजुएट पूरी की साथ ही बीएड भी पूरा किया और वही एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर भी बन गया, उसने इतिहास में PhD भी कर लिया , सब कुछ अच्छा था , पर सबसे बड़ी समस्या थी उसकी शादी ,व
नमस्कार दोस्तो, जीवन में पुस्तकों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। पुस्तकें ही एक ऐसा माध्यम है जिनमें वर्णित अपने विचारों द्वारा कोई भी लेखक या कवि बदलाव की लहर को जन्म दे सकता है। इतिहास साक्षी है की कलम ने अपनी ताक़त को बखूबी साबित किया है।
जब हम इन वाक्यों या वाक्यांशों को बार बार पढ़ते है तो ये अंतरात्मा तक गहरे उतरकर अपनी छाप अवश्य छोड़ते हैं। जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होता है। इन्सान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। विचार, काम की शुद्धता और सरलता ही
सितम्बर माह जिसमे पूर्वजों को याद करें गे।उनको श्राद्ध अर्पित करके।और बहुत सी बाते होंगी सखी जब हम तुम साथ रहें गे।
Friends मेरा नाम Anil Solanki है। ये मेरी रियल लाइफ स्टोरी है। के कैसे मेने अपनी क्षमता/Talent/Ability को पहचाना उसे Explore किया और सफलता हाँसिल की। मेने अपना Career की शुरुआत 17 साल की उम्र मे as a office boy की थी। मे कंपनी मे साफ़सफाइ चाय पिलान
उगते सूर्य की किरणों से झिलमिल करती माँ नर्मदा की लहरों पर बहता मृत प्रायः युवा नारी शरीर…..क्या उसमें जीवन शेष था ? …….. सदानंद बाल-ब्रह्मचारी है।सांसारिक बंधनों से मुक्त होते हुए भी वह एक ऐसी परीक्षा से गुजरता है जो ब्रह्मचर्य के निषेधों पर प्रश्न
इस कल युग कि मानवता मे पेड मेरा दोस्त नामक कहानी एक अनोखा उदाहरण है
विश्वधरोहर विश्वधरोहर यूं ही नहीं कहलाता कोई खजुराहो । जो स्थल है महत्वपूर्ण धरा का यूं ही नहीं महत्वपूर्ण कहलाता है । जब आप व्यतीत करेंगे कोई एक सांझ धरा के इस भूभाग में । स्वच्छंद स्वतंत्र निर्विकार आप प्रत्यक्ष अनुभव कर सकेंगे अनुभूतियां
भक्त और भगवान कान्हा..... रहमत तेरी अगर लिखने लग जाऊँ,,,, तो लग जाएं साल हज़ार,,,, मेरी कलम छोटी है "कान्हा" तेरी महिमा अपरम्पार। हम सेवक हैं तेरे दर के तू दाता सबका पालनहार राधे कृष्णा